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रोहिणी आचार्य का Khesari Lal Yadav पर जोरदार बचाव: भाजपा के ‘नचनिया’ हमले का दिया जवाब

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राजनीति में शब्दों की ताकत कम नहीं होती। बिहार की सियासत में भोजपुरी सिनेमा का रंग घुला हुआ है। खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) पर भाजपा के नेताओं के तीखे तीर चल रहे हैं। वे उन्हें ‘नचनिया’ कहकर मजाक उड़ा रहे हैं। लेकिन तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने कमर कस ली है। उन्होंने भाजपा पर सीधा हमला बोला। यह मामला सिर्फ एक कलाकार का नहीं। बल्कि कलाकारों की इज्जत और राजनीति के दोहरे चेहरे का है। बिहार चुनावों के बीच यह लड़ाई और तेज हो गई है। रोहिणी का यह स्टैंड देखकर लगता है कि वे पूरी ताकत झोंक देंगी।

रोहिणी आचार्य का भाजपा पर सीधा हमला: ‘नचनिया’ शब्द पर सवाल

रोहिणी आचार्य ने भाजपा को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले खुद कलाकारों को अपमानित कर रहे हैं। लेकिन उनकी अपनी पार्टी में तो ऐसे ही लोग भरे पड़े हैं। यह दोहरा मापदंड क्यों? रोहिणी ने साफ कहा कि कलाकारों का मजाक उड़ाना गलत है।

भाजपा के स्टार प्रचारकों पर तंज: खुद के घर में शीशा टूटेगा

रोहिणी ने भाजपा के नामी चेहरों का जिक्र किया। मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह, हेमा मालिनी और कंगना रनौत। ये सब कलाकार हैं। भाजपा इन्हें स्टार कैंपेनर बनाकर घुमाती है। फिर खेसारी को ‘नचनिया’ कहना क्या है? रोहिणी बोलीं, “ये सब नचनिया ही तो हैं। एनडीए वाले इनके साथ रैलियां करते हैं। लेकिन शर्म नहीं आती।” यह बात उन्होंने मीडिया से बातचीत में कही। भाजपा के इस रवैये से साफ लगता है कि वे सिर्फ विपक्षी कलाकारों को निशाना बनाते हैं। रोहिणी का यह तंज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने इसे पसंद किया।

भाजपा में विरोध क्यों नहीं? शर्म का सवाल

रोहिणी ने पूछा, अगर ‘नचनिया’ बुरा शब्द है तो भाजपा के कलाकारों ने विरोध क्यों नहीं किया? उनकी पार्टी में इतने सितारे हैं। फिर यह चुप्पी क्यों? रोहिणी कहती हैं कि भाजपा को शर्म आनी चाहिए। वे कलाकारों को जलील करते हैं। लेकिन खुद के लोगों पर यह शब्द चलाने की हिम्मत नहीं। यह सवाल भाजपा के लिए मुश्किल है। रोहिणी का गुस्सा साफ दिखा। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अपमान है।

खेसारी लाल यादव पर हमले का संदर्भ: निरहुआ का बयान

खेसारी पर लगातार निशाना साधा जा रहा है। भाजपा की तरफ से अपशब्दों का इस्तेमाल हो रहा। हाल ही में निरहुआ ने खेसारी को ‘यदमुल्ला’ तक कहा। यह शब्द बहुत कड़वा है। सोशल मीडिया पर लोग भाजपा के खिलाफ उतर आए। सड़कों पर विरोध हो रहा। खेसारी ने खुद बयान दिया। लेकिन रोहिणी ने जिम्मा लिया। वे कहती हैं कि यह राजनीति का गंदा खेल है। बिहार की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।

कलाकारों का बचाव: प्रदर्शन से आगे उनका योगदान

रोहिणी ने कलाकारों की तारीफ की। वे सिर्फ नाच गाना नहीं करते। बल्कि देश के विकास में हाथ बंटाते हैं। उनकी फिल्में लोगों को जोड़ती हैं। रोहिणी का मानना है कि इन्हें सम्मान मिलना चाहिए।

राष्ट्रीय विकास में कलाकारों की भूमिका

कलाकारों की फिल्में भारत की संस्कृति को मजबूत बनाती हैं। खेसारी जैसों ने भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाई दी। रोहिणी कहती हैं, “उनकी अच्छी फिल्में बन रही हैं। विकास में उनका योगदान है।” ये लोग रोजगार देते हैं। लाखों लोगों को काम मिलता है। भाजपा यह भूल जाती है। रोहिणी ने जोर दिया कि कलाकारों को अपमान न करें। उनकी मेहनत को सलाम करें। यह बात सच्ची लगती है।

अपशब्दों का सहारा क्यों? रैलियों में भीड़ न आने की वजह

रोहिणी का कहना है कि भाजपा को समर्थन कम हो रहा। इसलिए अपशब्द बोलते हैं। उनकी रैलियों में लोग नहीं आते। यह हताशा है। रोहिणी बोलीं, “भाजपा में कोई आ नहीं रहा। इसलिए गंदे शब्दों का इस्तेमाल।” यह रणनीति गलत है। जनता बुद्धिमान है। वे ऐसे तीरों से नहीं डरेंगी। रोहिणी का यह विश्लेषण सही लगता है।

गठबंधन को मजबूत करना: तेजस्वी यादव और आरजेडी के लिए रोहिणी का समर्थन

रोहिणी परिवार के साथ खड़ी हैं। अफवाहें उड़ीं कि वे तेजस्वी के खिलाफ हैं। लेकिन हकीकत अलग है। वे तेज प्रताप के प्रचार की बजाय तेजस्वी के साथ हैं।

मीडिया ने रोहिणी के बयानों को तोड़ा-मरोड़ा। गोदी मीडिया ने कहा कि वे परिवार के खिलाफ हो गईं। लेकिन जमीन पर कुछ और दिखता है। रोहिणी तेजस्वी का प्रचार कर रही हैं। खेसारी का साथ दे रही हैं। यह अफवाहें भाजपा की चाल हैं। रोहिणी ने साफ किया कि वे आरजेडी के साथ हैं। परिवार एकजुट है। लोगों को भ्रमित न करें।

खेसारी की जीत के लिए जन अपील: छोटे भाई का स्टैंड

रोहिणी ने खेसारी को अपना छोटा भाई बताया। जनता से अपील की कि उन्हें जिताओ। यह भावुक अपील थी। रोहिणी कहती हैं, “खेसारी को जिताना जरूरी है।” उनकी जीत बिहार के लिए अच्छी होगी। रोहिणी प्रचार में उतरेंगी। जनसभाओं में बोलेंगी। यह समर्थन मजबूत है।

मीडिया की भूमिका और कहानी को नियंत्रित करना

मीडिया ने रोहिणी को गलत तरीके से पेश किया। लेकिन वे चुप नहीं रहीं। सीधे जवाब दे रही हैं। कुछ चैनल रोहिणी के शब्द बदल देते हैं। परिवार में फूट दिखाने की कोशिश। लेकिन रोहिणी खेसारी और तेजस्वी के साथ हैं। यह प्रोपगैंडा है। जनता समझ रही है। रोहिणी का स्टैंड साफ है। वे भाजपा पर तंज कसती रहेंगी।

सीधे हमलों की ताकत: राजनीति में नया रंग

रोहिणी का भाषा स्टाइल अलग है। सीधी और तीखी। यह ग्रासरूट स्तर पर काम करेगी। लोग इसे पसंद करेंगे। पारंपरिक प्रचार से बेहतर। रोहिणी की जनसभाएं देखने लायक होंगी। उनका गुस्सा असली लगता है।

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