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Khesari Lal Yadav मुंबई बंगला Controversy: राजनीतिक साजिश या नगर पालिका की कार्रवाई?

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भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) इन दिनों बिहार चुनाव में पूरी तरह व्यस्त हैं। एक तरफ़ छपरा में वोटिंग चल रही है, जहां से वह चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ उनके मुंबई वाले बंगले पर बुलडोजर चलने की तलवार लटक रही है। यह खबर ऐसे समय आई है जब बिहार की सियासत गरमाई हुई है। यह नोटिस ठीक उसी वक्त पहुंचा जब पहले चरण का मतदान हो रहा था। क्या यह महज़ एक संयोग है, या फिर बिहार चुनाव के बीच उन्हें परेशान करने की कोई सोची-समझी रणनीति? आइए इस पूरे मामले को करीब से समझते हैं।

वोटिंग के दिन ही क्यों मिला नोटिस?

खेसारी लाल यादव के लिए यह समय बहुत नाजुक है। वह बिहार की जनता के बीच रहकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं। छपरा में उनका मुकाबला कड़ा है। ऐसे ही महत्वपूर्ण दिन, महाराष्ट्र की एक नगर पालिका ने उन्हें एक गंभीर नोटिस भेजा है। यह नोटिस सीधे उनके मुंबई स्थित आवास पर केंद्रित है, जिसमें एक स्टूडियो भी शामिल है।

बुलडोजर की धमकी: नोटिस में क्या है?

यह मामला मुंबई के मीरा रोड इलाके का है। महाराष्ट्र की नगर पालिका ने साफ़ कहा है कि यहां कुछ निर्माण अवैध हैं। उन्हें तुरंत हटाने का आदेश दिया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो प्रशासन खुद कार्रवाई करेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि कार्रवाई का पूरा खर्च खेसारी लाल यादव को ही उठाना होगा। नोटिस की कॉपी सामने आ चुकी है।

नोटिस में साफ-साफ लिखा है। यह मीरा भंदर महानगर पालिका, वार्ड समिति क्रमांक चार की तरफ से है। यह नोटिस मीरा रोड पर पुराने पेट्रोल पंप के पास, कनासकी काउंट नताशा पार्क के पीछे स्थित रो हाउस क्रमांक एक और दो के लिए है। यहां भूतल, पहली और दूसरी मंजिल पर लोहे के एंगल और चादरों से शेड बनाए गए हैं। इन अवैध निर्माणों को फौरन हटाना होगा।

समय पर इन्हें नहीं हटाया गया तो कार्रवाई होगी। इसका सारा खर्चा मालिक, यानी खेसारी लाल यादव, से वसूला जाएगा। जब अधिकारी नोटिस देने पहुंचे, उस वक्त घर पर कोई नहीं था। खेसारी लाल यादव का पूरा परिवार बिहार चुनाव के कारण वहीं मौजूद है। उन्हें दो से तीन दिनों के अंदर यह सब हटाना होगा।

कार्रवाई की टाइमिंग पर उठते सवाल

यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब खेसारी लाल यादव बिहार से हिल नहीं सकते। नतीजे आने तक उनका वहां रहना ज़रूरी है। इसलिए जनता और समर्थकों के मन में सवाल उठ रहा है कि इसकी टाइमिंग इतनी सटीक क्यों है? यह बंगला रातोंरात नहीं बना है। स्टूडियो भी काफी समय से वहां है।

नगर पालिका को इसकी जानकारी पहले से होनी चाहिए थी। अगर जानकारी नहीं थी, तो यह उनकी लापरवाही है। पर अब, बिहार चुनाव के बीच नोटिस भेजना, यह जानबूझकर की गई साजिश लगती है। लोग सोशल मीडिया पर खुलकर बोल रहे हैं।

सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया

एक्स (ट्विटर) पर लोगों ने तीखी टिप्पणियां की हैं। एक यूजर ने लिखा कि महाराष्ट्र की नगर पालिका ने नोटिस दिया है। अवैध कंस्ट्रक्शन तोड़ने की बात कही गई है। क्या यह बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी का नतीजा है? लगता है बीजेपी नेतृत्व खेसारी की लोकप्रियता से डर गया है।

एक अन्य यूजर ने भी यही बात दोहराई। उन्होंने लिखा कि बिहार चुनाव लड़ रहे खेसारी की मुश्किलें बढ़ाई जा रही हैं। बीजेपी अब उनका घर तुड़वा रही है क्योंकि वह डर गई है। इस तरह के कमेंट लगातार सामने आ रहे हैं।

खेसारी यादव की आशंकाएं सच हुईं?

मजेदार बात यह है कि खेसारी लाल यादव ने खुद एक इंटरव्यू में ऐसी आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि चूंकि मैं चुनाव लड़ रहा हूं, तो हो सकता है कि ईडी या सीबीआई के नोटिस भी आने लगें। लेकिन मैं इन सब चीजों से नहीं डरता। उनकी यह भविष्यवाणी अब नोटिस के रूप में सामने आ रही है।

वोटिंग वाले दिन यह खबर आना, यह बताता है कि उन्हें परेशान करने की कोशिश हो रही है। उन्हें तनाव में डालने की मंशा है। ताकि उनका ध्यान बिहार चुनाव से हटे। वह प्रचार से दूर होकर इन मामलों में उलझ जाएं।

खेसारी का राजनीतिक उभार और बढ़ता प्रभाव

खेसारी लाल यादव आरजेडी प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे हैं। बीजेपी के खिलाफ उनकी बयानबाजी तेज है। छपरा में उनके प्रचार में भारी भीड़ उमड़ी है। खासकर युवा वर्ग उनसे बहुत जुड़ा हुआ है। उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

यह भीड़ बीजेपी नेताओं के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। यही वजह है कि विरोधी उन्हें दबाने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। खेसारी लाल यादव युवाओं के लिए रोजगार और बिहार के विकास की बात करते हैं। वह छपरा के विकास पर खास ध्यान दे रहे हैं। इन बातों से लोग उनसे बहुत जुड़ रहे हैं।

शायद इसी बढ़ती लोकप्रियता को कम करने की यह एक चाल है। ऐसा आरोप लगाया जा रहा है। उनकी रैलियों में युवाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा है। वह हर दिन जनता के बीच जाकर उनसे मिल रहे थे। इस सबका असर वोटिंग पर पड़ सकता था। इसीलिए शायद उन्हें चुनाव के बीच फंसाने की कोशिश की गई।

आगे क्या? कानूनी पेंच और अगला कदम

अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में नगर पालिका क्या कार्रवाई करती है। खेसारी लाल यादव इस नोटिस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यह एक बड़ी चुनौती है। वह बिहार में फंसे हैं और मुंबई की समस्या सामने आ गई है।

चुनाव नतीजों तक उनका बिहार छोड़ना मुश्किल है। ऐसे में उन्हें मुंबई के इस मसले को दूर से संभालना होगा। क्या उनकी टीम तुरंत कानूनी सहारा लेती है? या क्या वह नोटिस की समय सीमा पूरी होने का इंतजार करेंगे? यह देखना होगा।

अगर निर्माण वाकई अवैध है, तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा। पर सवाल सिर्फ निर्माण का नहीं है। यह सवाल है कि सरकारें और एजेंसियां कब कार्रवाई करती हैं। क्या यह कार्रवाई केवल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए होती है?

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