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Bihar Deputy CM Vijay Sinha controversy: RJD ने किया स्पष्ट, सिन्हा के आरोप गलत हुए साबित
बिहार (Bihar) की राजनीति में एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया जो सबको सोचने पर मजबूर कर रहा है। कल्पना कीजिए, आप डिप्टी सीएम हैं और चुनाव के दिन अपने इलाके में घूम रहे हैं। अचानक शिकायत मिलती है कि बूथ पर गड़बड़ी हो रही है। आप वहां पहुंचते हैं, लेकिन विरोध होता है। गुस्से में आप कुछ ऐसी बातें कह देते हैं जो पूरे देश में फैल जाती हैं। यही हुआ बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा (Deputy CM Vijay Sinha) के साथ लखीसराय में। पहले चरण की वोटिंग के दौरान उनका गुस्सा फूट पड़ा, और अब ये मामला जाति, पार्टी और प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहा है। हम इसकी पूरी कहानी समझेंगे, ताकि आप खुद फैसला कर सकें कि क्या सही है।
लखीसराय घटना: सिन्हा का सामना और गुस्सैल बयान
विजय सिन्हा लखीसराय से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वोटिंग के दिन उन्हें खबर मिली कि उनके इलाके के एक बूथ पर कुछ गड़बड़ चल रही है। वे दलबल के साथ वहां पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों ने उनका भारी विरोध किया। वीडियो में साफ दिखता है कि सिन्हा गुस्से से तमतमाए हुए हैं। वे चिल्ला रहे हैं, “दारू पीके गुंडागर्दी कर रहे हो?” वे सीधे राजद के एक एमएलसी पर शराब पीने का इल्जाम लगाते हैं। ये दृश्य सोशल मीडिया पर तुरंत फैल गया। लोग हैरान थे कि एक बड़ा नेता ऐसा कैसे कह सकता है।
राजद एमएलसी पर शराब के नशे का आरोप
सिन्हा ने कहा कि राजद का वो एमएलए शराब के नशे में गुंडागर्दी कर रहा है। वे तुरंत जांच की मांग करते हैं। “अल्कोहल टेस्ट करवाओ,” वे चीखते हैं। बॉडीगार्ड्स को लेकर भी सवाल उठाते हैं। “फायरिंग नहीं कर सकते तो बॉडीगार्ड रहने का क्या फायदा?” ये बातें सुनकर लगता है जैसे वे पूरी व्यवस्था से तंग आ चुके हैं। लेकिन ये सिर्फ गुस्सा था या कुछ और? ग्रामीणों का कहना है कि वे सड़क निर्माण में देरी से नाराज थे। सिन्हा का ये बयान जाति विशेष को निशाना बनाने जैसा लगा। राजद समर्थकों पर भी उंगली उठाई। सोशल मीडिया पर मीम्स बनने लगे। ये वायरल हो गया और बहस छिड़ गई।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग और धमकियां
सिन्हा ने एसपी को निकम्मा और डरपोक कहा। “स्पेशल फोर्स भेजो,” वे बोले। फिर धमकी दी, “गोली चलवा दो, बुलडोजर चलवा देंगे जब सरकार आएगी।” ये शब्द डरावने लगे। एक डिप्टी सीएम ऐसा बोल रहा है तो आम आदमी का क्या होगा? वे अपनी ही सरकार पर इल्जाम लगाते हैं कि पुलिस सुन नहीं रही। ये सुनकर दुख होता है। चुनाव के समय शांति जरूरी है, लेकिन ये बयान तनाव बढ़ा रहा था। वीडियो में सिन्हा का आपा खोना साफ दिखता है। लोग सोच रहे हैं कि हार का डर उन्हें बौखला रहा है।
निशाना बनाने वाली बातें और सोशल मीडिया का फैलाव
सिन्हा ने एक खास जाति को सीधे टारगेट किया। राजद पार्टी को भी बदनाम करने की कोशिश की। “गुंडा राज हो गया है,” वे बोले। ये बातें वायरल हुईं। ट्विटर पर मीम्स की बाढ़ आ गई। एक तरफ सिन्हा समर्थक उन्हें सही ठहरा रहे थे। दूसरी तरफ विपक्ष हमला कर रहा था। ये घटना दिखाती है कि सोशल मीडिया कैसे राजनीति को हिला देता है। आपने वो वीडियो देखा होगा? अगर नहीं, तो सर्च करिए। ये सिर्फ एक झगड़ा नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सवाल है।
प्रशासन का जवाब: दावों को खारिज करना
प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू की। डीएम मिथिलेश मिश्रा और एसपी अजय कुमार खुद घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने साफ किया कि कोई पथराव नहीं हुआ। बस गोबर फेंका गया था। ग्रामीण सड़क की खराब हालत से नाराज थे। ये सुनकर राहत मिलती है कि वोटिंग शांतिपूर्ण चली। लेकिन सिन्हा के दावे गलत साबित हो गए। ये दुखद है कि एक नेता झूठ फैला दे।
बूथ नंबर 404 और 405 पर आधिकारिक जांच
खुरियारी गांव में बूथ 404-405 पर विवाद हुआ। जांच में पता चला कि ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में देरी पर विरोध जताया। गोबर फेंका, नारेबाजी की। कोई गुंडागर्दी नहीं। डीएम ने कहा, मतदान सुचारू रूप से चला। 70% वोटिंग हो चुकी थी। कोई अप्रिय घटना नहीं। ये रिपोर्ट सिन्हा के बयान को झूठा साबित करती है। प्रशासन ने नियंत्रण बनाए रखा। आप सोचिए, अगर ये सच होता तो कितना बड़ा हंगामा होता।
राजद एमएलसी का अल्कोहल टेस्ट जीरो
सिन्हा के शराब वाले आरोप पर एमएलसी खुद थाने पहुंचे। जांच हुई, अल्कोहल लेवल जीरो निकला। पुलिस ने ये पुष्टि की। सिन्हा को भरोसा न हो तो क्या करें? ये एमएलसी पर लगे दाग को साफ कर देता है। राजद ने कहा, हद हो गई। सिन्हा झूठ बोल रहे हैं। ये घटना दर्शाती है कि आरोप लगाना आसान है, लेकिन साबित करना मुश्किल।
शांति और पूर्ण मतदान की पुष्टि
प्रशासन ने घोषणा की कि वोटिंग बिना रुकावट चली। कोई बूथ कैप्चरिंग नहीं। उच्च मतदान प्रतिशत। ये सिन्हा की गुंडा राज वाली बात को गलत ठहराता है। जिला पदाधिकारी ने कहा, सब नियंत्रण में है। ये अच्छी खबर है। बिहार के वोटरों ने अपनी ताकत दिखाई। लेकिन सिन्हा का गुस्सा अब सवाल खड़ा कर रहा है।
राजनीतिक प्रभाव: आरजेडी का डिप्टी सीएम पर हमला
राजद ने सोशल मीडिया पर तीखा प्रहार किया। कहा, प्रशासन ने सिन्हा को झूठा साबित कर दिया। हार के डर से बौखलाए हैं। चुनाव आयोग को शिकायत की। सिन्हा ने नागरिकों को बुलडोजर से मारने की धमकी दी। केस दर्ज होना चाहिए। ये सुनकर गुस्सा आता है। एक नेता ऐसा कैसे कह सकता है?
झूठ बोलने और चुनाव आयोग की भूमिका पर आरजेडी के आरोप
राजद का ट्वीट वायरल हुआ। “सिन्हा असत्य बोलते हैं।” अपनी सरकार को भ्रष्ट बता रहे हैं। चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग। सिन्हा के भ्रामक आरोपों पर सवाल। ये राजनीतिक लड़ाई अब कानूनी रंग ले रही है। आप क्या सोचते हैं? क्या सिन्हा ने गलती की?
सुरक्षा प्रोटोकॉल और आचार संहिता उल्लंघन पर सवाल
आरजेडी ने पूछा, 15-20 गाड़ियों का काफिला किसने मंजूर किया? चुनाव के समय ये आचार संहिता का उल्लंघन है। सिन्हा को इतनी सुरक्षा क्यों? चुनाव आयोग जवाब दे। ये सवाल जायज लगते हैं। उम्मीदवार को इतना बड़ा दल-बल क्यों?
अपनी ही प्रशासन पर इल्जाम लगाने की विडंबना
सिन्हा डिप्टी सीएम हैं। फिर अपनी पुलिस पर कायर कहते हैं। अपनी सरकार सुन नहीं रही? ये अजीब है। बॉडीगार्ड्स पर भी सवाल। “गोली क्यों नहीं चलाई?” सीआरपीएफ पर ये बात दुख देती है। एक नेता अपनी ही व्यवस्था को कमजोर बता रहा है।
घटना से उठे बड़े मुद्दे
ये सिर्फ एक झगड़ा नहीं। बड़े सवाल खड़े हो गए। सुरक्षा, वोटिंग की निष्पक्षता पर बहस। सिन्हा का बयान पूरे चुनाव को प्रभावित कर सकता है। बिहार बदलाव चाहता है, लेकिन ऐसे हंगामे से मुर लग जाती है।
सुरक्षा कर्मियों और अधिकार पर सवाल
सिन्हा ने अपने बॉडीगार्ड्स को फायरिंग न करने पर कोसा। “कायर हो क्या?” ये केंद्र की सुरक्षा पर सवाल है। डिप्टी सीएम को ऐसी बातें शोभा नहीं देती। ग्रामीणों का गुस्सा समझा जा सकता है, लेकिन धमकी नहीं।
बीजेपी सदस्यों के दोहरी वोटिंग के आरोप
आरजेडी ने कहा, बीजेपी नेता हर जगह वोट कर रहे। दिल्ली, यूपी, अब बिहार। पूर्वांचल में भी। तस्वीरें वायरल। चुनाव आयोग इसकी जांच करे। ये सरासर धांधली लगती है। वोटरों का विश्वास डगमगा रहा है।
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