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Bihar election 2025: अश्विनी चौबे का भड़काऊ बयान, विपक्ष को फांसी पर लटका दिया जाएगा

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बिहार की सड़कों पर चुनावी हवा तेज हो गई है। लोग वोट डालने को तैयार हैं, और तनाव बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने ऐसे बयान दिए हैं जो पूरे राज्य को हिला रहे हैं। वे विपक्ष को निशाना बना रहे हैं, और 14 नवंबर को फैसला होने की बात कह रहे हैं। यह सब सुनकर लगता है कि बिहार की जनता के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हम सबको लगता है कि राजनीति में इतना गुस्सा देखकर दुख होता है, लेकिन चलिए इन बयानों को समझते हैं।

अश्विनी चौबे का भड़काऊ ऐलान: 14 नवंबर की चेतावनी

अश्विनी चौबे ने विपक्ष के खिलाफ बहुत कड़ी बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को बिहार की जनता विरोधियों को “मोटका फांसी का रस्सा” लटका देगी। यह शब्द सुनकर डर लगता है, क्योंकि राजनीति में हिंसा की बातें लोगों को चोट पहुंचाती हैं। चौबे का मकसद साफ है – वे जनता को जगाना चाहते हैं कि वोट से सजा दी जाए।

“फांसी का रस्सा” रूपक को समझना

चौबे ने इस रस्से को विपक्ष की हार का प्रतीक बताया। वे कहते हैं कि झूठ, धोखा और भ्रष्टाचार वाले लोग सजा पाएंगे। लेकिन ऐसी हिंसक भाषा का इस्तेमाल गलत है। कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए, और राजनीति में नफरत फैलाना लोगों को डराता है। हम सोचते हैं कि बिहार के मतदाता शांति से फैसला लेंगे, न कि गुस्से से।

राजनीतिक संदर्भ: विपक्षी गठबंधन पर निशाना

चौबे ने “कौरवी शासन” और “झूठ फरेब” तत्वों को निशाना बनाया। वे आरजेडी और कांग्रेस को दोष देते हैं। यह भाषा चुनाव को नैतिक लड़ाई बना देती है। विपक्ष को ठग बताया जा रहा है, जो लोगों के बीच नफरत बढ़ा सकता है। बिहार की जनता को लगता होगा कि कौन सही है, कौन गलत।

तारीख का महत्व: 14 नवंबर

14 नवंबर वोटिंग के बाद का दिन है, जब नतीजे आने वाले हैं। चौबे इसे फैसले का दिन बता रहे हैं। इस तारीख का कोई खास प्रतीकात्मक मतलब नहीं, लेकिन चुनावी माहौल में यह तनाव बढ़ा रही है। मतदाता सोच रहे होंगे कि उनका वोट क्या बदलेगा।

“नटवर लाल” की तुलना और धोखाधड़ी के आरोप

चौबे ने राहुल गांधी और अन्य नेताओं को “नटवर लाल” कहा। नटवर लाल चोर का नाम है, जो धोखेबाजों के लिए इस्तेमाल होता है। उन्होंने वोटर आईडी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। राहुल पर कहा कि उन्होंने झूठी जानकारी फैलाई। यह सब सुनकर विपक्ष के समर्थकों को बुरा लगता होगा।

बिहार के ‘नटवर लाल’ की दिल्ली वाले से तुलना

चौबे ने बिहार और दिल्ली के विपक्ष को जोड़ा। वे कहते हैं कि दोनों “ठगबंधन” हैं। राहुल को नटवर लाल की भूमिका दी। यह तुलना विपक्ष को कमजोर दिखाने की कोशिश है। लेकिन लोगों को लगता है कि राजनीति में ऐसे ताने मारना ठीक नहीं।

गलत जानकारी के दावे: वोटर आईडी और राहुल गांधी की भूमिका

चौबे ने कहा कि वोटर आईडी सत्यापित हुई, लेकिन राहुल ने फर्जी फोटो शेयर किया। यह चुनाव की ईमानदारी पर सवाल उठाता है। विपक्ष पर षड्यंत्र का इल्जाम लगाया। बिहार के लोग सोच रहे होंगे कि सच्चाई क्या है।

विपक्ष के पास मुद्दों की कमी

चौबे का कहना है कि विपक्ष के पास असली मुद्दे नहीं। वे सिर्फ लोगों को भ्रमित करते हैं। साजिश और धोखे से काम चलाते हैं। लेकिन हम जानते हैं कि बिहार में विकास, शिक्षा जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। विपक्ष को मौका मिलना चाहिए अपनी बात रखने का।

चुनाव बाद शासन और एनडीए की जीत के अनुमान

चौबे एनडीए की जीत पर पूरी तरह भरोसा जताते हैं। वे कहते हैं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। 100% यकीन है उनका। यह सुनकर एनडीए समर्थकों को खुशी मिलेगी, लेकिन विपक्ष को चिंता। बिहार की जनता का फैसला अंतिम होगा।

एनडीए की जीत और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद पर अटल भविष्यवाणी

चौबे ने प्रचंड बहुमत की बात कही। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बताया। जनता ने आशीर्वाद दे दिया, उनका दावा। लेकिन चुनाव अनिश्चित होते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जो सरकार बने, वह सबके लिए काम करे।

विपक्ष के घोषणा-पत्रों और वादों को खारिज करना

चौबे ने “चिट्ठी बांटेंगे” जैसे वादों को मुंगेरी लाल के सपने कहा। वे कहते हैं कि विपक्ष कुछ नहीं करेगा। 14 नवंबर के बाद वे कैदी बनेंगे। यह कटाक्ष विपक्ष को नीचा दिखाता है। लेकिन वादे पूरे करने का दबाव हर पार्टी पर होता है।

राजनीतिक कैद की भविष्यवाणी: ‘मुख्य अभियुक्त’ परिदृश्य

चौबे ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की बात की। वे मुख्य कैदी बनेंगे। खानदानवाद का अंत होगा। लालू प्रसाद को मेडिकल जमानत पर आने का विरोध। यह भविष्यवाणी तीखी है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर।

राजनीति में अपराधीकरण और कानूनी प्रभावों की चिंताएं

चौबे ने विपक्ष पर अपराध के आरोप लगाए। लालू प्रसाद की जमानत रद्द करने की मांग की। वे कहते हैं कि अपराधी टिकट बांट रहे हैं। बिहार में कानून का राज चाहिए, यह सही है। लोगों को डर लगता है हिंसा से।

राजनीति का अपराधीकरण: कांग्रेस और आरजेडी की विरासत

चौबे ने कांग्रेस को राजनीतिज्ञों का अपराधीकरण करने वाला बताया। आरजेडी ने अपराधियों को राजनीति में लाया। जंगल राज का जिक्र किया। इतिहास दोहराना नहीं चाहिए। बिहार आगे बढ़े, यही चाहते हैं हम।

लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की मांग

लालू को 32 साल की सजा है, फिर भी प्रचार। चौबे ने कोर्ट से जमानत कैंसिल करने को कहा। मेडिकल ग्राउंड पर बाहर आना गलत। वे कहते हैं कि लालू हिंसक हैं। सार्वजनिक सुरक्षा का सवाल उठता है।

चौबे ने कहा कि ऐसे लोगों को बाहर आने से अपराध बढ़ेगा। हिंसक प्रवृत्ति वाले नेता खतरा। जेल में ही रखने की बात। हम सहमत हैं कि शांति जरूरी है। बिहार के लोग सुरक्षित रहें।

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