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Tej Pratap Yadav को Y-plus security: रवि किशन की मुलाकात ने बढ़ाई बिहार की सियासी उलझन

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बिहार की राजनीति में अचानक कुछ बड़ा हो रहा है। तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को रवि किशन से मिलने के ठीक बाद वाई प्लस सिक्योरिटी (Y-plus security) मिल गई। हम सब जानते हैं कि तेज प्रताप ने पहले ही अपनी जान का खतरा बताया था। ये खबर सुनकर दुख होता है, क्योंकि बिहार जैसे राज्य में नेता सुरक्षित रहें, ये हमारी उम्मीद है। वाई प्लस का मतलब है ऊंची सुरक्षा, जिसमें सीआरपीएफ के जवान और पर्सनल गार्ड शामिल होते हैं। क्या ये सच्ची सुरक्षा है या चुनाव के बीच राजनीतिक खेल? आइए, इसकी गहराई समझें।

रवि किशन और तेज प्रताप की एयरपोर्ट मुलाकात: बॉडी लैंग्वेज ने सबको चौंकाया

तेज प्रताप की रवि किशन से मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई। दोनों ने गले मिलकर बात की। खुशी साफ दिखी उनके चेहरे पर। पहले तेजस्वी यादव से मिलते वक्त ऐसा नहीं था। तब बॉडी लैंग्वेज ठंडी लगी। लेकिन रवि किशन के साथ गर्मजोशी भरी। ये बदलाव सोचने पर मजबूर करता है। मीडिया ने इसे खूब कवर किया। हम सोचते हैं, परिवार से दूरी के बाद क्या नया रास्ता चुनेंगे तेज प्रताप?

मुलाकात में दोनों ने मीडिया को बाइट दी। ये दुर्लभ था। आमतौर पर ऐसी गर्मजोशी नहीं दिखती। लेकिन यहां हंसी-मजाक हुआ। ये दृश्य बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकता है। दुख की बात है कि तेज प्रताप को ऐसी सुरक्षा की जरूरत पड़ी।

भाजपा का खुला न्योता: निस्वार्थ सेवा पर जोर

रवि किशन ने साफ कहा। वे बोले, “जो लोग सेवा का लक्ष्य रखते हैं। बिना किसी व्यक्तिगत एजेंडे के। भाजपा उनका स्वागत करती है।” उन्होंने तेज प्रताप की छवि को निस्वार्थ सेवक बताया। ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भाजपा हमेशा ऐसे लोगों को अपनाती है। रवि किशन का ये कहना तेज प्रताप के लिए बड़ा संकेत है।

किशन ने और कहा कि ये बात किसी से छिपी नहीं। तेज प्रताप की इमेज साफ है। हम समझ सकते हैं कि ये न्योता कितना महत्वपूर्ण है। बिहार चुनाव के बीच ये राजनीतिक दबाव बढ़ाता है।

तेज प्रताप का जवाब: साझा भक्ति का इशारा

तेज प्रताप ने भी कुछ कहा। वे बोले, “ये पहली मुलाकात रवि जी से। हम दोनों महादेव के भक्त हैं। टीका लगाते हैं।” उन्होंने जोड़ा कि जो बेरोजगारी मिटाएगा, रोजगार देगा, उसके साथ रहेंगे। ये जवाब रहस्यमयी लगा। क्या ये भाजपा की ओर इशारा है? हम सोचते हैं, उनकी मजबूरी समझ आती है। परिवार से अलगाव दर्दनाक है।

उन्होंने कहा, “हम भी टीका लगाते हैं। प्रशंसा क्यों न करें?” ये शब्द साझा विचारों की ओर ले जाते हैं। लेकिन बेरोजगारी पर उनका जोर साफ है। बिहार के युवाओं की चिंता सब जानते हैं।

वाई प्लस सिक्योरिटी का मतलब: क्या मिलती है ऐसी सुरक्षा?
घटनाओं का समय: मुलाकात के अगले दिन ही फैसला

मुलाकात के ठीक बाद खबर आई। गृह मंत्रालय ने वाई प्लस सिक्योरिटी दी। ये समय संयोग नहीं लगता। तेज प्रताप ने पहले ही खतरे की बात कही थी। केंद्र से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। अब ये मिली। लेकिन चुनाव के बीच ये सवाल उठाता है। क्या राजनीतिक दबाव है?

समय बहुत छोटा था। एक दिन में फैसला। हम दुखी होते हैं कि बिहार में नेता असुरक्षित महसूस करें। ये राज्य की सियासत की कड़वी सच्चाई है।

सुरक्षा के तहत क्या होता है?

वाई प्लस में 11 सीआरपीएफ जवान लगते हैं। वे हमेशा साथ रहते हैं। पांच पर्सनल जवान भी मिलते हैं। ये पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं। तेज प्रताप अब इनके भरोसे रहेंगे। लेकिन ये केंद्र की देन है। राज्य चुनाव में ये खास लगता है।

सुरक्षा बढ़ाना अच्छा है। लेकिन सवाल ये कि क्यों अचानक? तेज प्रताप की पुरानी शिकायतें याद आती हैं। बिहार में कुछ भी हो सकता है, उन्होंने कहा था। हम उम्मीद करते हैं कि ये उनकी रक्षा करे।

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