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Bihar election results: तेजस्वी के दावों और NDA की चेतावनी के बीच सस्पेंस बरकरार

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Bihar election results: बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है। अब बस कुछ घंटे बाकी हैं परिणाम आने में। एक तरफ तेजस्वी यादव खुलकर कह रहे हैं कि 18 तारीख को उनकी सरकार शपथ लेगी। दूसरी तरफ एनडीए के नेता हंसते हुए कह रहे हैं कि मतपेटी खुलने तक कुछ मानना ही नहीं। यह टकराव पूरे राज्य को बांधे हुए है। क्या तेजस्वी का दावा सही साबित होगा? या एनडीए का भरोसा जीतेगा? चलिए, इन बयानों को तोड़कर देखते हैं।

तेजस्वी यादव का शपथग्रहण का दावा: क्या है असलियत?

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा। 18 तारीख को हम शपथ लेंगे। आरजेडी तैयारी कर रही है। यह बयान विपक्ष के हौसले को ऊंचा करता दिखता है। वे मानते हैं कि जनता ने आशीर्वाद दिया है। एग्जिट पोल भी उनके पक्ष में हैं। लेकिन क्या यह सिर्फ दिखावा है?

विपक्ष की मजबूत उम्मीदें

महागठबंधन वाले कहते हैं कि जनता का प्यार वोटों में बदल गया। तेजस्वी कई बार दोहरा चुके हैं। 14 तारीख को रिजल्ट आएगा। फिर 18 को सरकार बनेगी। यह दावा समर्थकों को जोश भरता है। वे एग्जिट पोल पर भरोसा कर रहे हैं। लेकिन एनडीए इसे हल्के में ले रहा है। विपक्ष का यह रुख राजनीति की पुरानी चाल लगता है।

एनडीए की तरफ से स्वागत, लेकिन शक के साथ

एनडीए नेता तेजस्वी के बयान का मजाक उड़ा रहे हैं। वे कहते हैं कि अच्छा है, शुभकामनाएं। लेकिन मतपेटी बंद है। तब तक कुछ न मानें। यह जवाब स्मार्ट है। वे खुद को आश्वस्त दिखाते हैं। साथ ही विपक्ष को चिढ़ाते हैं। क्या यह रणनीति काम करेगी? देखना दिलचस्प होगा।

मंत्री नितिन नबीन का जवाब: जनादेश पर भरोसा

नितिन नबीन बिहार सरकार के मंत्री हैं। उन्होंने तेजस्वी के बयान पर तीखा रिएक्शन दिया। जनता का आशीर्वाद वोटों में बदलेगा। 14 तारीख को सब साफ हो जाएगा। वे कहते हैं कि विपक्ष को विश्वास न हो तो न हो। लेकिन माइंडेट हमारे पास है। यह बयान एनडीए की ताकत दिखाता है।

जनता का प्यार वोट बनकर आएगा

नितिन नबीन ने कहा। जनता ने हमें प्यार दिया। वह आशीर्वाद एग्जिट पोल से बेहतर रिजल्ट लाएगा। हम आश्वस्त हैं। एग्जिट पोल हमारे पक्ष में हैं। लेकिन असली परिणाम मतगिनती से आएंगे। यह बात एनडीए को मजबूत बनाती है। वे जनता के मूड को समझते हैं। विपक्ष का दावा खोखला लगता है।

पुराने चुनावों से सबक: एग्जिट पोल गलत साबित हुए

नितिन ने कर्नाटक का जिक्र किया। वहां एग्जिट पोल अलग आए थे। छत्तीसगढ़ में भी यही हुआ। परिणाम उलट गए। वे कहते हैं कि इससे फर्क नहीं पड़ता। तेजस्वी को राजनीति की एबीसीडी से ऊपर उठना चाहिए। पुराने खेल छोड़ो। समय बदल गया है। यह तंज तेजस्वी को निशाना बनाता है। एनडीए पुरानी गलतियों से सीख चुका है। अब वे सिर्फ मतगिनती पर नजर रखे हैं।

चुनावी हेरफेर के आरोप: एजेंसियों पर दबाव?

विपक्ष कहता है कि एजेंसियों पर दबाव बन रहा है। रिजल्ट उनके पक्ष में दिखाने को। तेजस्वी ने इशारा किया। लेकिन नितिन नबीन ने साफ इनकार किया। यह पुराना खेल है। अलग-अलग राज्यों में ऐसा होता रहा। यहां कुछ नहीं होगा। बिहार में सब साफ रहेगा।

विपक्ष का आरोप: रिजल्ट बदलने की कोशिश

महागठबंधन वाले मानते हैं। कुछ ताकतें एजेंसियों को दबा रही हैं। एग्जिट पोल दिखा रहे हैं। लेकिन रिजल्ट उलटा हो सकता है। वे कहते हैं कि जनता का माइंडेट सुरक्षित रखना होगा। यह दावा विवाद बढ़ाता है। क्या इसमें सच्चाई है? विपक्ष इसे हथियार बना रहा है।

नितिन का खंडन: कोई हेरफेर नहीं

नितिन ने कहा। ये लोग गड़बड़ी की बातें करते हैं। कर्नाटक-छत्तीसगढ़ जैसे मामलों का सहारा लो। लेकिन बिहार अलग है। रिजल्ट 14 को आएगा। सब कुछ पारदर्शी होगा। वे विपक्ष को चेतावनी देते हैं। पुरानी चालें मत चलो। एनडीए का भरोसा डगमगाएगा नहीं। यह जवाब मजबूत है।

अंतिम घंटों का इंतजार: रिजल्ट डे की तैयारी

बिहार में अब बस इंतजार है। 14 तारीख को मतगिनती होगी। दोनों पक्ष तनाव में हैं। एनडीए कहता है कि सरकार उनकी बनेगी। विपक्ष 18 तारीख का सपना देख रहा है। लेकिन असली फैसला मतपेटी करेगी।

मतपेटी की अहमियत: 14 तारीख तय करेगी सब

नितिन ने जोर दिया। जब तक मतपत्र बाहर न निकलें। तब तक कुछ न मानें। एग्जिट पोल सिर्फ अनुमान हैं। असली वोट ही राज करेंगे। यह बात सही है। बिहार के वोटर जानते हैं। उनका फैसला अंतिम है। इंतजार की घड़ियां मुश्किल हैं। लेकिन जरूरी हैं।

एनडीए का आत्मविश्वास बनाम विपक्ष की जिद

एनडीए वाले शांत हैं। वे जनता के प्यार पर भरोसा करते हैं। विपक्ष चिल्ला रहा है। तेजस्वी की बातें जोश भरती हैं। लेकिन एनडीए इसे कमजोरी मानता है। दोनों कैंप अलग-अलग रास्ते पर हैं। रिजल्ट डे सब बदल देगा। क्या होगा? अनुमान लगाना बेकार है।

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