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Akhilesh Yadav का आरोप: BJP और चुनाव आयोग यूपी चुनाव में वोट काटने की साजिश रच रहे?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बड़ा दावा किया है। वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोटर लिस्ट से नाम काट रहे हैं। खास इलाकों में जहां समाजवादी पार्टी का मजबूत वोट बैंक है, वहां SIR प्रक्रिया से 500 तक वोट हटा सकते हैं। यह आरोप चुनाव की ईमानदारी पर सवाल उठाता है। क्या यूपी का वोटर लिस्ट साफ है या साजिश चल रही है?
मुख्य आरोप: वोटर लिस्ट में साजिश
नाम काटने का तरीका: SIR प्रक्रिया
अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया का नाम लिया है। वे कहते हैं कि इसी से वोटरों के नाम हटाए जा रहे हैं। हर टारगेट इलाके में 500 नाम कट सकते हैं। यह तरीका चुपके से काम करता है। BLO वाले घर-घर जाकर लिस्ट चेक करते हैं। लेकिन यादव का दावा है कि यह हेरफेर का हथियार बन गया है।
सपा के मजबूत इलाकों पर निशाना
सपा के वोट बैंक वाले क्षेत्र निशाने पर हैं। मुस्लिम बहुल इलाके। दलित और पिछड़े वोटरों के गांव। नाम कटने से सपा को नुकसान होगा। यूपी में 1.5 से 2 करोड़ वोट कट सकते हैं। यादव ने यह आंकड़ा दिया। भाजपा को फायदा मिलेगा। चुनाव का रंग बदल जाएगा। क्या यह लोकतंत्र पर हमला है?
बिहार का पुराना मामला सबूत के तौर पर
यादव ने बिहार का हवाला दिया। वहां 65 लाख वोट कट चुके हैं। यूपी में भी यही पैटर्न चलेगा। यह बार-बार हो रहा है। विपक्ष इसे पैटर्न बता रहा है। चुनाव आयोग पर सवाल उठे हैं। क्या बिहार का सबक यूपी न माने?
बूथ लेवल ऑफिसर की लापरवाही
BLO मुस्लिम इलाकों में नहीं जा रहे। दलित और अति पिछड़े गांव छूट गए। पिछड़े वोटरों के घर नहीं पहुंचे। इससे लिस्ट गलत हो गई। नाम गायब हो गए। यादव ने इसे साजिश कहा। BLO की गैरहाजिरी से वोटर डर जाएंगे। चुनाव निष्पक्ष कैसे होगा?
जमीन पर सबूत: खास विधानसभाओं के उदाहरण
फर्रुखाबाद में 36 गांवों की लिस्ट गायब। नाम कहीं नहीं मिल रहे। लखनऊ पूर्वी में 1100 वोटर गायब हो गए। ये ठोस उदाहरण हैं। ग्रामीण इलाकों में दिक्कत ज्यादा। शहरों में भी समस्या। क्या ये संयोग हैं या प्लान?
राजनीतिक असर: वोट दबाव का खतरा
1.5 से 2 करोड़ वोट कटने से रिजल्ट बदल जाएगा। यूपी करीबी मुकाबला है। सपा के वोटर साफ हो जाएंगे। भाजपा मजबूत दिखेगी। पिछला चुनाव देख लो। छोटा बदलाव बड़ा फर्क डालता है। क्या जनादेश चुराया जा रहा है?
सपा पारदर्शिता मांग रही। खास ऑडिट हो। वेरिफिकेशन ड्राइव चले। विपक्ष एकजुट हो सकता है। चुनाव आयोग जवाब दे। लोकतंत्र पर भरोसा टूटेगा वरना। क्या ECI सफाई देगा?
वोटर अधिकार और बचाव के उपाय
अपना नाम चेक कैसे करें
आप अपना नाम चेक करें। ECI की वेबसाइट पर जाएं। voterhelpline.eci.gov.in पर EPIC नंबर डालें। परिवार के नाम भी देखें। हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करें। नाम गायब तो फॉर्म 6 भरें। जल्दी करें। चुनाव नजदीक है।
स्टेप 1: EPIC कार्ड निकालें।
स्टेप 2: ऑनलाइन सर्च करें।
स्टेप 3: प्रूफ भेजें अगर नाम न हो।
पार्टियों की जिम्मेदारी: जागरूकता अभियान
सपा जैसी पार्टियां कैम्प लगाएं। वोटरों को जागरूक करें। टारगेट इलाकों में घर-घर जाएं। नाम चेक करवाएं। BJP भी जवाब दे। सबकी जिम्मेदारी है। वोटर लिस्ट साफ रखें।
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