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VIT University के छात्रों का हिंसक बवाल: खाने की गुणवत्ता से मौत तक की पूरी कहानी

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मध्य प्रदेश के सिहोर में VIT University Sehore Campus पर रात को आग और तोड़फोड़ का तांडव मच गया। करीब 4000 छात्र सड़क पर उतर आए। वे खाने, पानी की खराब क्वालिटी से तंग आ चुके थे। पीलिया जैसी बीमारी ने चार छात्रों की जान ले ली।

सिहोर में वीआईटी यूनिवर्सिटी परिसर में हुए बड़े विरोध प्रदर्शन की भयावहता

VIT University Sehore में छात्रों का बवाल देखने लायक था। देर रात हजारों छात्रों ने हल्ला बोला। वे भोजन और पानी की समस्या पर सड़क जाम कर दी।

सिहोर के VIT University Sehore Campus पर तोड़फोड़ हुई। छात्रों ने वाइस चांसलर की कार जला दी। यूनिवर्सिटी बस को भी आग लगा दी। हालात बिगड़ गए। पांच थानों से पुलिस बुलानी पड़ी। कैंपस में आग की लपटें और धुआं छा गया।

विरोध प्रदर्शन के पीछे के मुख्य आरोप

कैंपस में पीलिया ने हाहाकार मचा दिया। छात्र डर के मारे घर भागे। चार मौतें हो चुकीं। क्या यूनिवर्सिटी ने पानी की जांच कराई?

VIT University Sehore में पीलिया तेजी से फैला। छात्रों का दावा है कि चार साथी मर चुके। कई छुट्टी लेकर चले गए। बीमारी ने सबको डरा दिया। डॉक्टरों ने पानी को जिम्मेदार ठहराया। मौतों के आंकड़े चौंका देते हैं।

दूषित पानी की गुणवत्ता और प्रशासनिक अनदेखी

पानी साफ नहीं आता। छात्रों ने कहा कि यही पीलिया फैला रहा। प्रशासन ने शिकायतें सुनीं पर कुछ न किया। कई दिन बीत गए। समस्या बढ़ती गई। छात्रों का गुस्सा भड़क उठा।

खाने-पानी से छात्र परेशान। हॉस्टल में हालत खराब। वे चुप न रहे। बवाल VIT University Sehore में फैल गया।

हॉस्टल मेस में खाना बेस्वाद। पानी गंदा। छात्र रोज झगड़ते। ये मुद्दे विरोध का कारण बने। गुणवत्ता इतनी खराब कि बीमारी फैली। हजारों ने आवाज उठाई।

छात्रों पर दबाव और हिंसा का प्रयोग

विरोध करने पर वार्डन ने मारा। गार्ड्स ने पीटा। चुप रहने का दबाव डाला। छात्रों ने शिकायत की। प्रशासन ने बात टाल दी। डर का माहौल बन गया।

रात को बवाल चरम पर पहुंचा। आग लगी। तोड़फोड़ हुई। छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। VIT University Sehore Campus जलने लगा।

विश्वविद्यालय की संपत्ति को निशाना बनाना

वाइस चांसलर की कार को आग लगा दी। बसें जलीं। कैंपस में धुंआ भर गया। छात्रों ने संपत्ति तोड़ी। ये सब गुस्से का नतीजा था। तस्वीरें डरावनी हैं।

हालात बेकाबू हो गए। पांच थाने खाली कर दिए। पुलिस ने लाठी चार्ज किया। कैंपस शांत हुआ। बल प्रयोग से स्थिति संभली। छात्र बवाल थमा।

विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया और संवादहीनता

प्रशासन चुप रहा। छात्रों से बात न की। शिकायतें अनसुनी रहीं। VIT University Sehore प्रशासन ने गलती मानी नहीं। छात्रों ने बात की। जवाब साफ न मिला। समस्या हल न हुई। गुस्सा बढ़ा। प्रशासन ने टालमटोल की।

पीलिया पर मौन रहा। मौतें हुईं फिर भी कुछ न कहा। छात्र भड़क गए। चुप्पी ने बवाल भड़काया। सबकुछ विस्फोटक हो गया।

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