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Rabri Devi बंगला विवाद: RJD प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा आरोप, राजनीतिक द्वेष का परिणाम
बिहार की राजनीति में आग लग गई है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के सरकारी बंगले को खाली करने की कार्रवाई तेज हो गई। RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इसे राजनीतिक बदला बताया। वे कहते हैं, कुछ भी हो जाए, बंगला नहीं छोड़ेंगे। यह सिर्फ संपत्ति का झगड़ा नहीं। यह सत्ता की लड़ाई है। लालू परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। क्या यह नियमों का पालन है या दुश्मनी?
राबड़ी देवी के सरकारी बंगले पर कार्रवाई की पृष्ठभूमि
सरकार ने राबड़ी देवी को बंगला खाली करने का नोटिस दिया। यह बंगला नंबर 2, पटना में है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मिलते हैं। लेकिन नियम साफ हैं। पद छोड़ने के बाद समय सीमा होती है। अब NDA सरकार ने इसे कड़ाई से लागू किया। RJD इसे साजिश कह रही है।
सरकारी आवास आवंटन और नियमों की समीक्षा
बिहार में पूर्व CM को बंगला मिलता है। लेकिन यह जीवन भर नहीं रहता। एक नोटिस के बाद 3 महीने का समय मिलता है। राबड़ी देवी 2005 से वहां हैं। पहले सरकारें चुप रहीं। अब नीतीश कुमार की अगुवाई में कार्रवाई हुई। क्या नियम पहले लागू क्यों नहीं हुए? यह सवाल उठ रहा है। आवंटन की फाइलें पुरानी हैं। लेकिन अब जांच तेज है।
सरकारी मशीनरी पर RJD का सीधा आरोप
मंगनी लाल मंडल ने कहा। यह लालू यादव के परिवार पर हमला है। BJP-JDU गठबंधन सत्ता में है। वे बदला ले रहे हैं। चुनाव हारने का गुस्सा निकाल रहे। RJD कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। मंडल ने चेतावनी दी। कार्रवाई रोकें वरना बड़ा हंगामा होगा। राजनीतिक हवा बदल रही है।
RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल का कड़ा रुख: ‘बंगला खाली नहीं करेंगे’
मंगनी लाल मंडल ने जोरदार बयान दिया। राबड़ी देवी बंगला नहीं छोड़ेंगी। पार्टी हर कदम लड़ेगी। वे कहते हैं, यह द्वेष से भरा कदम है। लालू परिवार को तोड़ने की साजिश। मंडल की बातों से कार्यकर्ता भड़क गए। पटना में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके। यह लड़ाई लंबी चलेगी।
कानूनी चुनौतियों और विरोध की रणनीति
RJD कोर्ट जाएगी। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होगी। वकील तैयार हैं। साथ ही सड़क पर आंदोलन। हजारों कार्यकर्ता जुटेंगे। मंडल ने कहा, कानून हमारे साथ है। पुराने नियमों का हवाला देंगे। यह केस महीनों चलेगा। RJD की रणनीति साफ है। लड़ो और जीतो।
लालू परिवार के प्रति ‘राजनीतिक बदले’ की भावना
लालू प्रसाद यादव को निशाना बनाया जा रहा। उनका परिवार हमेशा केंद्र में। राबड़ी देवी उनकी पत्नी हैं। तेजस्वी और तेज प्रताप भी निशाने पर। मंडल ने कहा, यह बदला है। चारा घोटाले का पुराना मामला। अब बंगला विवाद। परिवार को कमजोर करना चाहते हैं। लेकिन RJD मजबूत है।
20 वर्षों का मौन क्यों टूटा? बंगले के इतिहास पर सवाल
बीते 20 सालों में कई सरकारें आईं। RJD, NDA, फिर RJD। किसी ने बंगला मुद्दा नहीं उठाया। अब अचानक कार्रवाई। मंडल ने सवाल किया। यह चुप्पी क्यों टूटी? इतिहास गवाह है। बंगला लंबे समय से राबड़ी देवी के पास। पहले चुप, अब शोर। यह भेदभाव है।
पूर्व उप मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल और आवास की स्थिति
उसी बंगले में दो पूर्व उप CM रहे। सुशील कुमार मोदी वहां रहे। अन्य नेता भी। उन्हें कभी नोटिस नहीं मिला। मंडल ने उदाहरण दिया। जब मोदी वहां थे, चुप्पी। अब राबड़ी देवी पर वार। यह चुनिंदा कार्रवाई है। नियम सबके लिए बराबर क्यों नहीं?
सत्ता परिवर्तन के बावजूद विवादों से बचाव
पहले नीतीश RJD के साथ थे। फिर अलग हुए। उस समय मुद्दा सोया रहा। BJP ने दबाव डाला। अब गठबंधन में कार्रवाई। पुरानी सरकारें डरती थीं। RJD की ताकत से। आज हालात बदले। लेकिन RJD वापसी कर रही। विवाद से फायदा हो सकता।
राजनीतिक द्वेष बनाम प्रशासनिक शुद्धता: विवाद का विश्लेषण
क्या यह साफ-सफाई है? या राजनीतिक खेल? सरकार कहती है, नियम मानें। सब बंगले खाली होंगे। लेकिन RJD इसे द्वेष कहती। बिहार में ऐसे कई बंगले हैं। सिर्फ राबड़ी का क्यों? विवाद गहरा रहा। जनता देख रही। कौन सही?
भाजपा-JDU गठबंधन सरकार की मंशा
नीतीश कुमार नियमों पर जोर देते। BJP समर्थक कहते, भ्रष्टाचार रोकें। लालू परिवार पर पुराने केस। बंगला एक बहाना। गठबंधन मजबूत दिखना चाहता। 2025 चुनाव नजदीक। यह संदेश है। विपक्ष को सबक दो। लेकिन RJD जवाब दे रही।
मीडिया कवरेज और सार्वजनिक प्रतिक्रिया का प्रभाव
टीवी चैनल पूरे दिन बहस। सोशल मीडिया पर वायरल। #RabriBungalow ट्रेंड कर रहा। RJD समर्थक गुस्से में। NDA वाले ताली बजा रहे। जनता दो हिस्सों में। ग्रामीण इलाके में लालू लोकप्रिय। शहरों में सरकार का साथ। मीडिया दोनों तरफ दिखा रहा। प्रतिक्रिया तेज हो रही।
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