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India में 5 साल में 9 लाख लोगों ने छोड़ी नागरिकता, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने दी जानकारी
भारत (India) में पिछले पांच वर्षों में लगभग 9 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी गई। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री (Union Minister) कीर्ति वर्धन सिंह के अनुसार, इस अवधि में करीब 8,96,843 भारतीयों ने नागरिकता का दामन छोड़ दिया है।
2022 के बाद से नागरिकता छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ी
उनके प्रस्तुत किए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि 2022 के बाद से नागरिकता छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। सरकार ने भी झूठे नौकरी के प्रस्ताव देने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से दक्षिण एशियाई देशों में नौकरी के लालच देकर भारतीयों को फंसाती हैं। राज्यसभा में विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि इस संदर्भ में कुल 6700 भारतीयों का मामला सामने आया है।
भारतीय मिशनों की सीमित भूमिका
मंत्री ने जानकारी दी कि भारत ने प्रवासी भारतीयों की समस्याओं के निवारण के लिए एक “समर्थ और बहु-स्तरीय तंत्र” स्थापित किया है। इसमें आपातकालीन हेल्पलाइन, वॉक-इन सुविधाएँ, सामाजिक मीडिया एवं 24×7 बहुभाषी सहायता शामिल है। अधिकांश मुद्दों का समाधान सीधे संवाद, नियोक्ताओं से मध्यस्थता और विदेशी अधिकारियों के साथ समन्वय के माध्यम से जल्दी किया जाता है।
हालांकि, कुछ मामलों में देरी की वजह अधूरी जानकारी, नियोक्ताओं का सहयोग न करना, और अदालत में चल रहे मामलों में भारतीय मिशनों की सीमित भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दूतावास पैनल वकीलों के माध्यम से कानूनी सहायता प्रदान करते हैं, जिससे प्रवासी भारतीयों को आवश्यक मदद मिलती है।
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