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Patna Book Fair में बिक रहा 15 करोड़ का पुस्तक, किताब में क्या छुपा है राज?

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बिहार की राजधानी पटना में चल रहे पुस्तक मेले (Patna Book Fair) में एक किताब लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है, जिसकी कीमत सुनकर हर कोई चौंक गया है। इस किताब की कीमत है 15 करोड़ रुपये! कहा जा रहा है कि इस किताब की सिर्फ तीन प्रतियां ही दुनिया में उपलब्ध हैं। इस किताब का नाम “मैं” है, और इसके लेखक हैं लखीसराय के निवासी रत्नेश्वर सिंह।

408 पन्नों का यह ग्रंथ केवल 3 घंटे और 24 मिनट में

रत्नेश्वर सिंह का दावा है कि उन्होंने 408 पन्नों का यह ग्रंथ केवल 3 घंटे और 24 मिनट में, एक ही बार में, ब्रह्म मुहूर्त के दौरान लिखा। उनका कहना है कि यह कोई साधारण रचना नहीं है, बल्कि यह “परम ज्ञान” की अनुभूति है, जो उन्होंने ब्रह्मलोक की यात्रा के दौरान शब्दों में प्रकट की।

लेखक रत्नेश्वर सिंह इस पुस्तक को एक सामान्य किताब के बजाय “ग्रंथ” मानते हैं। उनका दावा है कि लिखने के दौरान उन्हें एक आध्यात्मिक अनुभव हुआ और उन्होंने ब्रह्मलोक की यात्रा की। इसी अनुभव से उन्हें यह ज्ञान मिला, जिसे उन्होंने शब्दों में प्रस्तुत किया। रत्नेश्वर सिंह इसे दुनिया का पहला ग्रंथ मानते हैं, जिसमें “ज्ञान की परम अवस्था” का विस्तृत वर्णन किया गया है। उनके अनुसार, इस ग्रंथ में उस अवस्था को पहली बार स्पष्ट किया गया है, जिसके बाद भगवान बुद्ध ने “ज्ञान की प्राप्ति” की थी। यह ग्रंथ दुखों के अंत और ईश्वर के दर्शन का मार्ग प्रदर्शित करता है।

इस ग्रंथ को खरीदने की आवश्यकता नहीं

जब लेखक से मूल्य के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राशि उनके द्वारा स्वयं निर्धारित नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मलोक की यात्रा के दौरान ये मूल्य ब्रह्म द्वारा उन पर निर्धारित किया गया। उन्होंने कहा, “वे 50 करोड़ या 100 करोड़ भी रख सकते थे, लेकिन ब्रह्म ने केवल 15 करोड़ का ही निर्धारण किया।”

लेखक ने यह चौंकाने वाला संदेश दिया है कि उनके इस ग्रंथ को खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इसे कुछ विशेष स्थानों पर रखा जाएगा, जहां लोग आकर इसे पढ़ और सुना सकते हैं। उनके अनुसार, वे नहीं चाहते कि लोग पुरानी किताबों जैसे खरीदारी के लिए कतार में लगें।

रत्नेश्वर सिंह बिहार के लखीसराय निवासी

लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान, लेखक रत्नेश्वर सिंह ने किताब को प्रदर्शित किया, लेकिन किसी भी व्यक्ति को इसके पन्ने पलटने या उसके भीतर झांकने की अनुमति नहीं दी गई। रत्नेश्वर सिंह बिहार के लखीसराय जिले के बरहिया के निवासी हैं और यह उनकी पहली रचना नहीं है। उन्होंने अब तक 20 से अधिक किताबें लिखी हैं, जिनमें उपन्यास, पत्रकारिता और प्रेरणादायक साहित्य शामिल हैं।

दुनिया की सबसे महंगी किताब का गौरव अभी भी “कोडेक्स ऑफ लेस्टर” को प्राप्त है, जिसे लेओनार्डो दा विंची ने लिखा है। इसे 1994 में बिल गेट्स ने 30.8 मिलियन डॉलर (जिसकी आज की वैल्यू लगभग 270 करोड़ रुपये से ज्यादा है) में खरीदा था। वर्तमान में, 15 करोड़ रुपये की कीमत वाली यह रहस्यमयी पुस्तक चर्चा में बनी हुई है।

इस किताब की 15 करोड़ की कीमत, 3 घंटे 24 मिनट में लिखी गई होने की बात, ब्रह्मलोक की यात्रा करने का दवा, और पन्ने न पलटने की शर्त—इन सभी तत्वों ने इसे बहस, जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बना दिया है। भले ही इसके दावे अलौकिक लगें, लेकिन यह निश्चित है कि पटना किताब मेले में यह पुस्तक लोगों के बीच सबसे अधिक चर्चा का विषय बनी हुई है।

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