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INDRANI MUKHERJEE RELEASE: बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में साढ़े छह साल से सजा काट रही इंद्राणी मुखर्जी महाराष्ट्र की बायकुला जेल से रिहा हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद साढ़े छह साल बाद उसे जमानत दी थी।
INDRANI MUKHERJEE : बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में साढ़े छह साल से सजा काट रही इंद्राणी मुखर्जी बायकुला जेल से रिहा हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बेल दी थी। इंद्राणी अपनी बेटी के बेटी की हत्या के आरोप में साढ़े छह साल से जेल में थी।
जमानत पर रिहा होने के बाद इंद्राणी मुखर्जी ने सहयोग के लिए सबका धन्यवाद किया। मीडिया के सवालों के जवाब में इंद्राणी ने कहाकि अभी वो घर पर रहेंगी, फिर सोचेंगी कि क्या करना है।
इंद्राणी मुखर्जी को जमानत सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दी। इस बेंच में जस्टिस ए एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और ए एस बोपन्ना शामिल थे। जमानत पर कहा गया है कि अभी इस मामले में गवाहों का एक्जामिन होना बाकी है। जिसकी कार्यवाही निकट भविष्य में पूरी होने वाली नहीं है। आरोपी इन्हीं तर्को के आधार पर इंद्राणी जमानत दे दे दी गई।
इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी के पति और सह आरोपी पीटर मुखर्जी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। पीटर मुखर्जी को जमानत मुंबई हाईकोर्ट से मिली थी। कोर्ट ने इसी आधार पर इंद्राणी मुखर्जी को भी बेल दे दी।
इंद्राणी मुखर्जी शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त हैं। इंद्राणी को मुंबई पुलिस ने 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी उस वक्त हुई थी, जब इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर ने शीना बोरा की हत्या को लेकर खुलासे किए थे।
इंद्राणी के ड्राइवर ने यह भी बताया था कि किस तरह से शीना बोरा का कत्ल किया गया था। इंद्राणी मुखर्जी के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश की। रोहतगी ने दलील पेश करते हुए कहा कि उनकी मुवक्किल को काफी समय से जेल में रखा गया है। अपनी दलीलें पेश करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहाकि इस मामले में अब भी दो तिहाई गवाहों के एग्जामिन नहीं हुए हैं। इसके साथ ही रोहतगी ने अपने मुवक्किल की खराब सेहत को देखते हुए उसे जमानत देने की कोर्ट से अपील की।
उन्होंने दलीलें पेश की कि इंद्राणी कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। साथ ही दूसरे सह अभियुक्त पीटर मुखर्जी को कोर्ट से जमानत बहुत पहले ही मिल चुकी है
उधर सीबीआई ने कोर्ट में इंद्राणी मुखर्जी के बेल पिटीशन का विरोध किया। सीबीआई के विरोध पर इंद्राणी के वकील ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की। उन्होंने कहाकि उनका मुवक्किल साढ़े 6 साल से जेल की सलाखों के भीतर है। उन्होंने यह भी कहाकि जो जज इस मामले को देख रहे हैं, वह बीते कई महीनों से छुट्टी पर चल रहे हैं।
गौर करें तो इसमें भी शीना बोरा हत्याकांड मामले में दो तिहाई गवाहों की गवाही अब तक नहीं हुई। और बीते साढ़े छह साल में केवल 68 गवाहों का ही एक्जामिन हो पाया है। अब भी 169 गवाहों का क्रॉस एग्जामिन होना है।
सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी के वकील और सीबीआई की दलीलों को सुनने के साथ ही एविडेंशियल साक्ष्य को आधार मानते हुए इंद्राणी को बेल दे दी।
बता दें कि साल 2012 में शीना बोरा के शव के अवशेष महाराष्ट्र के रायगढ़ के जंगल से बरामद किए गए थे। और इसी मामले में शीना की माँ इंद्राणी को बेटी की हत्या के आरोप में साल 205 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में थीं।
गौर करें तो शीना बोरा, इंद्राणी के पहले पति सिद्धार्थ दास की बेटी थी। और ड्राइवर के कोर्ट में दिए गए बयान के मुताबिक शीना की हत्या में इंद्राणी के अलावा उनके दूसरे पति संजीव खन्ना भी शामिल थे। ड्राइवर के मुताबिक इस हत्याकाँड में इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी का भी रोल था।