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नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बाद इन दिनों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी में मंकीपॉक्स (Monkeypox) तेजी से फैल रहा है। 15 दिनों के भीतर ये बीमारी 15 देशों में फैल चुकी है। इसको लेकर अब भारत में केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। अभी तक भारत में एक भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) का मामला सामने नहीं आया है लेकिन सरकार अभी से पूरी तैयारी में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि कोरोना महामारी भी निश्चित रूप से अभी खत्म नहीं हुई है।
मंकीपॉक्स (Monkeypox) के खतरे को देखते हुए मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजें।
क्या है मंकीपॉक्स (Monkeypox)
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन होता है। ये पहली बार साल 1958 में कैद किए गए एक बंदर में पाया गया था। साल 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी। इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।
मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर मवाद से भरे दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं और कुछ दिन बाद सूखकर गिर जाते हैं।
मंकीपॉक्स (Monkeypox) कैसे फैलता है
ये बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके कपड़ों या चादरों के संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। कुछ हफ्तों के भीतर लोग बीमारी से ठीक हो जाते हैं। चेचक के खिलाफ टीके मंकीपॉक्स को रोकने में भी प्रभावी हैं।