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पट्रोल-डीजल के बाद अब खाद्य तेलों की कीमत में होगी कमी, केंद्र सरकार ने 2 सालों के लिए सूरजमुखी और सोयाबीन के तेल पर कस्टम ड्यूटी की खत्म

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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमत में गिरावट के बाद अब केंद्र सरकार खाद्य तेलों की कीमत को कम करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर सेस को  2 सालों मार्च 2024 तक हटाने की घोषणा की है। यह सेस अभी 5 प्रतिशत है। सरकार के इस फैसले से सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कीमत में कमी आयेगी।

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केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में इंपोर्ट टैक्स नहीं लगाया जायेगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक ट्वीट में लिखा, यह फैसला उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।

सरकार के द्वारा यह कदम स्थानीय बाजार में बढ़ती खाने के तेल की कीमतों को देखते हुए उठाया गया है। रुस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से ही रिफाइंड तेल और पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान को छू रही है। आम लोगों के लिए रसोई का बजट बनाए रखना मुश्किल हो गया है। 2016 में जो दाम थे वे अब दोगुना नहीं बल्कि कई खाद्य वस्तुओं के दाम तीन गुना से भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में सरकार का मानना है आयात शुल्क में इस छूट से घरलू कीमतों में कमी आयेगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। सरकार सेस का उपयोग खेती-बाड़ी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाने के लिए करती है। सरकार के पास तेल की कीमतों को कम करने के लिए आयात पर टैक्स हटाना और सेस खत्म करने जैसे सीमित विकल्प हैं।

 

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