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YASIN MALIK LIFE IMPRISONMENT: टेरर फंडिंग मामले में जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक को दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए की स्पेशल अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
YASIN MALIK LIFE IMPRISONMENT: टेरर फंडिंग मामले में जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक को दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए की स्पेशल अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए की स्पेशल अदालत में जज प्रवीण सिंह ने ये सज़ा सुनाई।
बता दें कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) चीफ यासीन मलिक को ये सज़ा आतंक फैलाने के लिए आतंकी संगठनों की साजिश में शामिल होने, टेरर फैलाने के लिए देश के भीतर और बाहर से फंड इकट्ठा और उसे हासिल करने के लिए मिली है। जज ने फैसला सुनाते हुए कहाकि ये सजाएँ साथ-साथ चलेंगी। एनआईए की कोर्ट ने 19 मई को ही यासीन मलिक को दोषी करार दिया था। और 25 मई को उसकी सजा का आदेश जारी किया गया।
अब एक नज़र यासीन मलिक की सज़ा पर डालते हैं। मलिक को आईपीसी की धारा 120 बी के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत उम्रकैद की सज़ा दी गई है।
जेकेएलएफ चीफ मलिक को यूएपीए की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए का फाइन लगाया गया है।
यूएपीए की धारा 20 के अधीन 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए का फाइन लगाया गया।
यूएपीए की धारा 38 और 39 के अधीन 5 साल की सजा और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
यूएपीए की धारा 17 के तहत उम्रकैद के रूप में 10 लाख का जुर्माना लगाया गया।
यूएपीए की धारा 13 के तहत 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
यूएपीए की धारा 15 के तहत 10 साल की सज़ा दी गई है।
न्यायाधीश ने ये तय किया है कि ये सभी सज़ाएँ एक साथ चलेंगी।
बता दें कि जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक के ऊपर लश्करे तैयबा और हाफिज सईद के साथ मिलकर आतंकी साज़िश रचने, अलगाववाद के लिए देश और विदेश से फंड इकट्ठा करने के सभी आरोपों को यासीन मलिक ने कोर्ट में मान लिया था। इन सारे मामलों की जाँच नेशनल इंवेस्टगेशन एजेंसी कर रही थी। और एनआईए की अदालत में ही ये फैसला सुनाया गया।