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Actor Vijay की पार्टी की Election Commission को चुनौती: SIR के खिलाफ बढ़ता विरोध
देश भर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विरोध की लहर तेज हो रही है। समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की टीएमसी खुलकर मैदान में हैं। मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तमिलनाडु में अब अभिनेता विजय की पार्टी टीवी ने भी चुनाव आयोग (Election Commission) के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह सब कुछ बताता है कि SIR को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। आप सोचिए, एक छोटा सा रिवीजन कैसे पूरे देश को हिला सकता है?
राजनीतिक खाई: SIR के खिलाफ बड़ी पार्टियां मैदान में
SIR के खिलाफ कई पार्टियां एकजुट हो गई हैं। वे इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही हैं। समाजवादी पार्टी और टीएमसी सबसे आगे हैं। तमिलनाडु में सत्ताधारी गठबंधन के सहयोगी भी असहज हैं। यह विरोध सिर्फ शोर नहीं, बल्कि गहरी रणनीति का हिस्सा लगता है।
समाजवादी पार्टी और टीएमसी का संयुक्त मोर्चा
समाजवादी पार्टी ने SIR को अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश कहा है। अखिलेश यादव ने रैलियों में इसे उठाया। ममता बनर्जी ने बंगाल से खुला ऐलान किया। उन्होंने कहा, यह वोटर लिस्ट को छेड़ने की चाल है। दोनों पार्टियां सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रही हैं। लाखों पोस्ट वायरल हो चुके हैं। यह एकता विपक्ष को मजबूत बना रही है। क्या यह अगले चुनावों की रणनीति है?
कानूनी लड़ाई: मुस्लिम लीग की सुप्रीम कोर्ट अपील
मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। वे SIR को असंवैधानिक बता रहे हैं। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया पक्षपाती है। कोर्ट में सुनवाई जल्द शुरू हो सकती है। यह कदम पूरे आंदोलन को नई ताकत देगा। लीग के नेता कहते हैं, लाखों वोटर बाहर हो सकते हैं।
तमिलनाडु में सत्ताधारी गठबंधन के अंदर विरोध
तमिलनाडु में डीएमके के सहयोगी वामपंथी और दलित पार्टियां SIR के खिलाफ हैं। वे कहते हैं, यह गरीबों को निशाना बना रहा है। सत्ताधारी गठबंधन में दरार आ सकती है। कई रैलियां हो चुकी हैं। यह आश्चर्यजनक है क्योंकि डीएमके सत्ता में है। फिर भी सहयोगी बगावत पर उतर आए।
तमिलनाडु SIR का केंद्र बन गया है। यहां चुनाव आयोग का स्पेशल रिवीजन विवादास्पद है। अभिनेता विजय की पार्टी टीवी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। राज्य की पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं। यह मामला पूरे दक्षिण भारत को प्रभावित कर सकता है।
अभिनेता विजय की पार्टी की चुनाव आयोग को चुनौती
एक्टर विजय (Actor Vijay) ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की। उन्होंने SIR को मनमाना बताया। विजय के समर्थक सड़कों पर उतर आए। पार्टी का कहना है, यह चुनावी लाभ के लिए है। कोर्ट का फैसला जल्द आ सकता है। यह नया मोड़ पूरे आंदोलन को बदल देगा।
एक्टर विजय ने आरोप लगाया कि रिवीजन राजनीतिक मकसद से प्रेरित है। वोटर लिस्ट साफ करने का बहाना है। असल में अल्पसंख्यक प्रभावित होंगे। अन्य पार्टियां भी यही कह रही हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं। लाखों नाम कट सकते हैं। क्या यह लोकतंत्र की जड़ें हिला देगा?
पूरे देश में विरोध के मुख्य कारण
SIR के खिलाफ एक ही आवाज गूंज रही है। पार्टियां इसे बहिष्कार का हथियार बता रही हैं। लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं। दलित और गरीब सबसे ज्यादा चिंतित हैं। यह आंदोलन तेजी से फैल रहा है।
मार्जिनल समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है। दलित पार्टियां कहती हैं, उनके वोटर गायब हो जाएंगे। मुस्लिम लीग भी यही डर जता रही है। SIR से लाखों नाम कटने का खतरा। यह सामाजिक न्याय को चोट पहुंचाएगा। उदाहरण लीजिए, पिछली रिवीजन में क्या हुआ था?
तमिलनाडु और बंगाल आगे
प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। विरोधी इसे संविधान विरोधी कहते हैं। चुनाव आयोग पर सवाल उठे हैं। कोर्ट ही अब फैसला लेगा। यह बड़े बदलाव का संकेत है।
विभिन्न राज्यों में विरोध अलग-अलग रूप ले रहा है। गैर-बीजेपी राज्यों में ज्यादा तेजी। तमिलनाडु और बंगाल आगे हैं। छोटी पार्टियां भी शामिल। यह व्यापक आंदोलन बन गया।
गैर-बीजेपी राज्यों में विरोध
टीएमसी सड़क पर उतरी। डीएमके सहयोगी अदालत की ओर। दोनों रणनीतियां काम कर रही हैं। बंगाल में रैलियां, तमिलनाडु में कोर्ट। यह स्मार्ट विरोध है।
अन्य पार्टियां भी मैदान में। नागरिक संगठन सोशल मीडिया पर सक्रिय। वे जागरूकता फैला रहे हैं। यह आंदोलन नीचे से ऊपर उठ रहा है। छोटे समूह बड़ी ताकत बन रहे।
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