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Arvind Kejriwal Defeat: दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को एक करारा झटका लगा है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट कर रह गई। इसके अलावा, AAP के कई दिग्गज नेता भी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे। दरअसल, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के मुद्दे पर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के नेता खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हुए थे। परिणामस्वरूप, शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को भी जेल जाना पड़ा था, जबकि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी जेल गए थे। इस प्रकार, AAP के इन तीन प्रमुख नेताओं ने चुनावी इम्तिहान में फेल होकर अपनी हार साबित कर दी है।
केजरीवाल की हार
अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के प्रवेश वर्मा से हार गए। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 वोटों से हराया। इसका मतलब साफ है कि जनता ने केजरीवाल को नकार दिया और वह चुनावी इम्तिहान में फेल हो गए।
शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को ईडी (Enforcement Directorate) ने कई समन भेजे थे, लेकिन वे पेश नहीं हुए। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि केजरीवाल जेल में रहते हुए भी पद से इस्तीफा नहीं दिया और जेल से ही सरकार चलाते रहे। बाद में जब वह जेल से बाहर आए, तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और आतिशी को मुख्यमंत्री बना दिया। इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि वे जनता की अदालत में जाएंगे। AAP और केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था, लेकिन इसके बावजूद वे चुनावी दौड़ में हार गए।
मनीष सिसोदिया की हार
Arvind Kejriwal Defeat: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने शराब नीति 2021-22 में अनियमितताएं कीं और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह नीति बनाई। आरोप यह भी था कि शराब कारोबारियों से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई, जिसका इस्तेमाल गोवा चुनाव में AAP के प्रचार के लिए किया गया। इस मामले में मनीष सिसोदिया जेल गए थे। सिसोदिया ने अपनी पारंपरिक सीट पटपड़गंज छोड़कर जंगपुरा से चुनाव लड़ा, लेकिन वे बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से महज 675 वोटों से हार गए।
सत्येंद्र जैन की हार
दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2015-16 के दौरान फर्जी कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। सत्येंद्र जैन ने शकूरबस्ती से चुनाव लड़ा, लेकिन 20,998 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें बीजेपी के करनैल सिंह ने हराया।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव में AAP को बड़ा झटका लगा है और पार्टी के तीन प्रमुख नेताओं के चुनावी इम्तिहान में असफल होने से यह साफ हो गया कि भ्रष्टाचार के आरोपों का असर उनकी छवि पर पड़ा है। केजरीवाल, सिसोदिया, और सत्येंद्र जैन ने खुद को सत्ता में लाने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दावा किया था, लेकिन वे खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गए और चुनावी परिक्षा में असफल रहे।