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Ashok Choudhari का  Tejaswi के ऊपर पलटवार, तेजस्वी के सारे सवालों का दिया जवाब

ashok choudhari's retort on tejaswi
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Ashok Choudhari का तेजस्वी पर प्रहार

JDU कार्यालय में पत्रकार को संबोधित करते हुए अशोक चौधरी (Ashok Choudhari) ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा कि किस काम को नीतीश सरकार ने 20 वर्षों में छोड़ा है जिसे तेजस्वी पूरा करेंगे। 20 दिन में करके दिखाएंगे। तेजस्वी के इस बढ़-चढ़कर किए गए दावे पर अशोक चौधरी ने व्यंग्य किया।

पत्रकारों को अशोक चौधरी ने कहां है कि, अगले कार्यक्रम में तेजस्वी यादव से पूछे, कि क्या नहीं हुआ?  नीतीश शासन में क्या नहीं हुआ, जिसे वह पूरा करने वाले हैं। जब नहीं होने की लिस्ट वह देंगे तभी तो  सवाल का जवाब मांगेंगे। अशोक चौधरी ने कहा की काम नहीं करने वाली सरकार के तेजस्वी वारिस हैं। अशोक चौधरी ने नीतीश के साथ रहकर तेजस्वी के कामों के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने पिता लालू प्रसाद और माता राबड़ी देवी के कार्यकाल के शासन विहीनता पर कटाक्ष किया है।

तेजस्वी के सवालों का जवाब

नीतीश सरकार हथियार का लाइसेंस बांट रही है। इस के जवाब में अशोक चौधरी ने कहा कि लाइसेंस बांटने की एक प्रक्रिया होती है। इसकी जिम्मेदारी DM पर होती है। नीतीश सरकार तो हथियारों के परिसीमन या नियंत्रण के लिए जानी जाती है। हथियार बांटने का आरोप बेतुका है।

उन्होंने कहा कि उनके (तेजस्वी के माता-पिता के)  समय में तो सिवान में पुलिस एसपी के ऊपर LMG 147 से हमला किया जाता था। डोमिसाइल नीति के विपक्ष के प्रस्ताव पर अशोक चौधरी ने पूछा, जितने लोग बिहार में नौकरी पाते हैं,  उतने ही बिहारी अन्य प्रदेशों में भी नौकरी पाते हैं।

तेजस्वी अपनी घोषणा के अनुसार डोमिसाइल संबंधी निषेध को ला करके , बिहार के बच्चों के लिए अन्य प्रदेश के वैकेंसी में मौके बंद कर दे सकते हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि अन्य प्रदेश बिहार के अभ्यर्थियों के लिए अपने प्रदेश में नौकरी के रास्ते बंद कर दे सकते हैं।

डोमिसाइल नीति

डोमिसाइल नीति का जितना उपयोग है उससे ज्यादा बढ़-चढ़कर नहीं बोला जा सकता। अशोक चौधरी ने डोमिसाइल जैसे हथियार के बारे में सावधानी बरतने की सलाह दी। अशोक चौधरी ने कहा कि यह लोग चाहते थे कि दलित आदिवासी का बच्चा भैंस के पीठ पर पढ़ाई करे। नीतीश कुमार ने इंजीनियरिंग कॉलेज,  मेडिकल कॉलेज,  नॉलेज सेंटर  इन सब को खुलवा दिया।

उन्हें तो बहुत कुछ कर दिखाने का पूरा मौका था। झारखंड के अलग राज्य बनाने के बाद बिहार को विशेष पैकेज मिलना था। उन्होंने NIT बनवाई क्या? उन्होंने आईआईटी बनवाई क्या? वह कुछ कर भी रहे थे क्या?

पत्रकारों ने अशोक चौधरी से पूछा कि नीतीश की सरकार में वह प्रोफेसर बन गए। पत्रकारों का प्रयोगशाला आरोप था की अशोक चौधरी ने मंत्री होने और पद का लाभ लेकर प्रोफेसरी पाई है। विपक्ष ने भी व्यंग्य किया है।

विपक्ष के व्यंग्य का जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया क्या वे लोग जानते हैं क्या। इसके लिए विषय में MA करना होता है। पीएचडी करना होता है। फिर एक्सटर्नल मूल्यांकन होता है।

लालू प्रसाद के समय उन्होंने MA  कर लिया था। उस समय प्रोफेसर की कोई वैकेंसी ही नहीं थी। नीतीश कुमार ने बिहार यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन बनाया तब बहाली शुरू हुई। जो लोग प्रोफेसर बहाली की प्रक्रिया जानते ही नहीं वह इस पर क्या टिप्पणी करेंगे।

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