Vimarsh News
Khabro Me Aage, Khabro k Pichhe

Asia Cup 2025: भारत-पाकिस्तान दुबई मैच फिक्स! डेढ़ करोड़ का लगा था सट्टा, संजय राउत का चौंकाने वाला दावा

asia cup 2025 India pakistan dubai match fixed bet of rs 1.5 crore was placed sanjay raut shocking claim
0 109

दुबई में हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच ने तीखी राजनीतिक बहस छेड़ दी है। विपक्षी दल सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। इसी बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) मैच फिक्स था। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान को इससे काफ़ी फ़ायदा हुआ। यह लेख राउत के दावों पर नज़र डालता है। यह लेख भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों को लेकर मौजूदा राजनीतिक गर्माहट और भावनाओं का भी पता लगाता है।

यह विवाद तीव्र भावनाओं को जन्म देता है। कई लोगों का मानना ​​है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना अपमानजनक है। हाल की घटनाओं के बाद यह और भी सच हो गया है। यह हमारे वीर सैनिकों और राष्ट्रीय सम्मान का अपमान जैसा लगता है। राउत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हीं भावनाओं को उजागर किया गया। उन्होंने खेल संबंधों की समझदारी पर सवाल उठाया। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कथित वित्तीय लाभ पहुँचाने की ओर भी इशारा किया।

Asia Cup 2025: संजय राउत के मैच फिक्सिंग के आरोप

संजय राउत ने साफ़ तौर पर कहा कि दुबई में हुआ भारत-पाकिस्तान मैच पहले से तय था। उन्होंने इसे एक तथ्य के रूप में प्रस्तुत किया। उनके आरोप से पता चलता है कि नतीजा कोई वास्तविक मुकाबला नहीं था। खेल जगत में यह एक गंभीर आरोप है।

राउत ने ट्रांसक्रिप्ट में मैच फिक्सिंग के अपने दावे के लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिया। हालाँकि, उनका दावा उनके इस दृढ़ विश्वास पर आधारित है कि खेल निष्पक्ष रूप से नहीं खेला गया था। उन्होंने अपने आरोप के मूल में वित्तीय लेन-देन की ओर इशारा किया।

वित्तीय अनियमितता: पाकिस्तान को कथित अप्रत्याशित लाभ

राउत ने दावा किया कि पाकिस्तान को इस एक मैच से ₹1000 करोड़ का भारी मुनाफ़ा हुआ। यह आँकड़ा काफ़ी बड़ा वित्तीय फ़ायदा दर्शाता है। उन्होंने इस मुनाफ़े को सीधे तौर पर कथित फ़िक्सिंग से जोड़ा।

उन्होंने सट्टेबाजी में लगे ₹1.5 लाख करोड़ के चौंका देने वाले कारोबार का भी ज़िक्र किया। यह मैच के इर्द-गिर्द बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध जुए का संकेत देता है। राउत ने दावा किया कि इस बड़े सट्टेबाज़ी पूल से ₹500 करोड़ सीधे पाकिस्तान गए। ये आँकड़े भारी वित्तीय अनियमितता की तस्वीर पेश करते हैं।

राष्ट्रीय सम्मान पर शिवसेना (यूबीटी) का रुख

राउत ने मैच के आयोजन को सरकार की “बेशर्मी” का नतीजा बताया। उनकी पार्टी की यह तीखी भाषा उनकी असहमति को दर्शाती है। वे इसे राष्ट्रीय गरिमा बनाए रखने में सरकार की विफलता मानते हैं।

उन्होंने तर्क दिया कि पाकिस्तान के साथ खेलना शहीद सैनिकों और महिलाओं का अपमान है। यह क्रिकेट मैच को एक व्यापक राजनीतिक आख्यान से जोड़ता है। यह दर्शाता है कि खेल संबंध अतीत के बलिदानों और वर्तमान संवेदनशीलताओं की अनदेखी करते हैं।

क्रिकेट कूटनीति पर व्यापक विपक्षी हमले

अन्य विपक्षी दल भी क्रिकेट मैच का इस्तेमाल सरकार की आलोचना करने के लिए कर रहे हैं। यह क्रिकेट कूटनीति हमले का मुद्दा बन गई है। यह कथित सरकारी ग़लतियों को उजागर करने का एक प्रभावी तरीका प्रतीत होता है।

ये पार्टियाँ खेल आयोजनों का रणनीतिक इस्तेमाल कर रही हैं। उनका मकसद राजनीतिक रोटियाँ सेकना है। भारत-पाकिस्तान मैच जैसे मुद्दों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है।

पाकिस्तान के साथ खेलने की भावना

राउत ने एक तीखा सवाल उठाया: क्या क्रिकेट खेलने से “सिंदूर वापस आ जाएगा”? यह एक रूपक है। यह सवाल उठाता है कि क्या खेल में भाग लेने से वाकई गहरे बैठे मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। यह शांति की वापसी का प्रतीक है या पुराने दुखों को भुलाने का।

जनता की भावनाएँ जटिल हैं। मौजूदा तनावों को देखते हुए, पाकिस्तान के साथ खेल खेलना गहरी भावनाओं को जन्म देता है। कई लोगों को यह अनुचित या यहाँ तक कि आपत्तिजनक भी लगता है।

भारत-पाकिस्तान खेल संबंधों की मिसालें और संदर्भ

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों का एक लंबा इतिहास रहा है। ये मैच अक्सर राजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में खेले जाते रहे हैं। मैच अक्सर दुबई या अबू धाबी जैसे तटस्थ स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं। राउत ने इन तटस्थ स्थानों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में तटस्थ मैदान भी पाकिस्तान के साथ खेलने का औचित्य नहीं रखता।

निष्कर्ष: क्रिकेट, राजनीति और राष्ट्रीय भावना के लंबित प्रश्न

मैच फिक्सिंग के आरोप और भारत-पाकिस्तान दुबई मैच पर गहरा राजनीतिक ध्यान, मुश्किल मुद्दों को उजागर करते हैं। इनमें खेल, राजनीति और राष्ट्रीय गौरव के बीच का संबंध भी शामिल है। संजय राउत के बयानों ने जनभावनाओं को और भड़का दिया है। इनसे इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या खेलों में भागीदारी अभी सही है। ये बड़े मैचों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हैं। यह चर्चा जारी रहने की संभावना है। यह भारत-पाकिस्तान संबंधों की संवेदनशील प्रकृति को दर्शाता है।

यह भी देखें – Bihar Election: Priyanka Gandhi का नया ठिकाना होगा बिहार! नीतीश के लिए बढ़ा टेंशन?

Leave a comment