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Bihar Assembly Elections 2025: चुनाव आयोग पर कांग्रेस का सीधा हमला, जिला अध्यक्षों की बैठक में बनी रणनीति

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar assembly elections 2025) जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी भी तेज़ होती जा रही है। कांग्रेस पार्टी इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान पर है। हाल ही में सदाकत आश्रम में हुई एक अहम बैठक में कांग्रेस के बड़े नेता, जिला अध्यक्ष, और प्रदेश प्रभारी एकजुट हुए। इस बैठक में चुनावी रणनीति से लेकर मतदाता सूची में नामों की सुरक्षा और महिलाओं के लिए नई योजनाओं तक कई मुद्दों पर चर्चा की गई। आइए जानते हैं, कांग्रेस पार्टी ने कैसे खोला चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा और क्या है उनकी सभी योजनाओं का खाका?

Bihar Assembly Elections 2025: सदाकत आश्रम की बड़ी बैठक

सदाकत आश्रम पटना में आयोजित कांग्रेस की बैठक में कई नामचीन चेहरे मौजूद रहे। राजेश कुमार राम (कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष), साकिल अहमद खान और बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ-साथ सभी जिलों के अध्यक्ष भी हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।

यह बैठक बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर बुलाई गई थी। इसमें इस पर गहरी बातचीत हुई कि कैसे कांग्रेस पार्टी जिले स्तर पर मजबूत बने और आगे आने वाले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सके।

मुख्य बिंदु:

 * जिला अध्यक्षों से सलाह और चर्चा की गई कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कांग्रेस के पक्ष में माहौल कैसे बना सकते हैं।

 * हर जिले में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हो, इसके लिए कैसी गतिविधियों की जरूरत है, इसका खाका तैयार हुआ।

 * बैठक में यह खुलकर बताया गया कि कांग्रेस पार्टी केवल बातों तक सीमित न रहकर जमीनी स्तर पर काम करने के लिए कमर कस चुकी है।

चुनाव आयोग पर आरोप: 8 करोड़ वोटरों को वंचित करने की साजिश?

बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा था, चुनाव आयोग पर लगे आरोप। पार्टी अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने एक ‘तुगलकी’ आदेश जारी किया है, ताकि बिहार के करीब 8 करोड़ वोटरों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सके।

मुख्य आरोप और तथ्य:

 1. चुनाव आयोग 20% वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की योजना बना रहा है।

 2. इससे लाखों नए और पुराने वोटर मतदान से बाहर हो सकते हैं।

 3. इस पर कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाते हुए जिला अध्यक्षों को बुलाकर बड़ा निर्णय लिया।

कांग्रेस की रणनीति:

 1. सभी जिला अध्यक्षों से अपील की गई कि वे आने वाले 25 दिनों में मतदाता नाम जोड़ने और हटाए गए नामों की पड़ताल के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।

 2. बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई कि एक भी सही व्यक्ति का नाम न कटे और सभी नए योग्य वोटरों को जोड़ा जाए।

 3. अगर किसी मतदाता का नाम हटाया जा रहा है या गया है, तो उनके लिए पुन: नाम जोड़ने की प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए।

 4. पार्टी ने यह भी साफ किया कि वे बिहार में मतदाता अधिकारों के संरक्षण के लिए गहन अभियान चलाएंगे।

संपर्क में रहें: चुनाव आयोग या वोटर लिस्ट से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट [https://eci.gov.in/] पर जाएं।

महिला सशक्तिकरण और कल्याण: माय बहन मान योजना व हेल्थ कैम्पेन

कांग्रेस ने अपनी लोकप्रिय ‘माय बहन मान योजना’ के तहत हर महिला को ₹2500 सहायता राशि देने का वादा किया है। वहीं, महिलाओं की सेहत और जागरूकता के लिए भी नया कदम उठाया गया है।

कांग्रेस के महिला केंद्रित अभियानों की मुख्य बातें:

 * इस बार बिहार महिला कांग्रेस के जरिए 5 लाख सैनिटरी पैड बांटने की घोषणा।

 * महिला कांग्रेस की सदस्याएं महिलाओं के बीच स्वास्थ जागरूकता अभियान चलाएंगी।

 * महिलाओं तक मुफ्त सैनिटरी पैड पहुंचाने का लक्ष्य है ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर खुलकर काम हो सके।

बाढ़ और कल्याण योजनाएँ:

 * खासकर उत्तरी बिहार में बाढ़ के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत आ सकती है। पर कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ जैसी विपत्ति के बावजूद राहत राशि और स्वास्थ्य सेवाएं बिना बाधा के पहुंचाई जाएंगी।

 * बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में वोटर लिस्ट का काम भी सही ढंग से हो, इसके लिए विशेष निगरानी की जाएगी।

कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाएँ

 * माय बहन मान योजना – प्रत्येक लाभार्थी महिला को ₹2500 आर्थिक सहायता।

 * महिला हेल्थ अभियान – मुफ्त सैनिटरी पैड का वितरण, हेल्थ अवेयरनेस।

 * नौकरी, पेंशन और सम्मान – युवाओं के लिए रोजगार, बुजुर्गों के लिए पेंशन और महिलाओं के सम्मान के भरोसेमंद वादे।

जमीनी स्तर पर कांग्रेस की पकड़: बूथ से लेकर बड़ी सभाओं तक

कांग्रेस पार्टी की ताकत जमीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए इस बार मल्टी-लेयर रणनीति बनाई गई है।

मुख्य रणनीतियाँ

 * हर जिले/प्रखंड में छोटी-छोटी चौपालों का आयोजन।

 * जिले व राज्य स्तर पर बड़ी सभाएं और जन संवाद।

 * राष्ट्रीय नेताओं (खासकर राहुल गांधी) के दौरे, जिसमें पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक समाज से संवाद।

 * जिला अध्यक्षों से निरंतर संवाद रखकर उनकी परेशानियां, फीडबैक और सुझावों को प्रक्रिया में शामिल करना।

कांग्रेस के चुनावी वादे और प्राथमिक मुद्दे

ध्यान देने योग्य प्रमुख वादे:

 * बेरोजगारी घटाने के लिए रोजगार के नए अवसर

 * पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर नौकरियां

 * स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए राजस्थान मॉडल को लागू करने का भरोसा

 * महिलाओं को पेंशन और सम्मान

 * भ्रष्टाचार और अपराध पर नियंत्रण

राहुल गांधी और केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब तक 6 बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कई इलाकों में सीधे लोगों से संवाद किया और जनता के मुद्दों को सामने रखते हुए पार्टी की योजनाओं की झलक भी दी।

पार्टी की तैयारियों की चेकलिस्ट

 * बूथ स्तर तक मजबूत संगठन

 * महिलाओं के लिए हेल्थ और कल्याण योजनाएं

 * रोजगार व पेंशन का वादा

 * बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में राहत

 * वोटर लिस्ट सुधार और जागरूकता

 * राहुल गांधी और राष्ट्रीय टीम की सक्रियता

जिला अध्यक्षों के कंधे पर जिम्मेदारी: कार्यकर्ताओं को दी गई सीधी हिदायत

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने जिला अध्यक्षों को साफ निर्देश दिए

चर्चा के मुख्य बिंदु:

 * जिले के कार्यकर्ता वोटर लिस्ट की हर गड़बड़ी पर नज़र रखें।

 * महिलाएं, युवा और बूढ़े—सबको पार्टी के वादों की जानकारी दें।

 * कांग्रेस महिला विंग हर पंचायत में सैनिटरी पैड वितरण और हेल्थ कैम्प का आयोजन करेगी।

 * बाढ़ और चुनावी कठिनाइयों का हल निकालना—जहां मुश्किल वहां कांग्रेस के सशक्त कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

बिहार के बड़े मुद्दे और कांग्रेस का विजन

बिहार में आज भी पलायन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे सबसे बड़े हैं। कांग्रेस ने इन्हें चुनाव का केन्द्रीय बिंदु बनाया है।

कांग्रेस की राजनीति और सुविधा योजनाओं का मेल

 * माय बहन मान योजना केवल योजना नहीं, बल्कि महिलाओं की स्थिति बदलने का दावापत्र है।

 * राजस्थान की तरह स्वास्थ्य मॉडल लागू करने का सीधा वादा।

 * बेरोजगारों के लिए नौकरी योजनाएं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य की बेहतर व्यवस्था।

पार्टी का संदेश: “अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वादा पूरा होगा।”

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