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BIHAR DROUGHT CRISIS: बिहार में सूखे की आहट दिखाई दे रही है। हालात ये हैं कि जून से जुलाई तक यहाँ के 20 जिलों में 40 फीसदी कम बारिश हुई।
BIHAR DROUGHT CRISIS: बिहार में सूखे की आहट दिखाई दे रही है। हालात ये हैं कि जुलाई में यहाँ के 20 जिलों में 40 फीसदी कम बारिश हुई है। अगले एक हफ्ते तक राज्य में कहीं भी भारी बारिश की वॉर्निंग नहीं है। जो सूखा संकट की ओर इशारा कर रहा है।
गौर करें तो एक जून से नौ जुलाई के बीच जहाँ 263 मिमी बारिश होनी थी वहाँ अभी तक मात्र 191.7 मिमी बारिश हुई है।
BIHAR DROUGHT CRISIS: राज्य के अधिकतर जिलों में प्री मॉनसून के बाद अब मॉनसून सीजन में भी बारिश की बेरुखी देखने को मिल रही है। इस वजह से सूबे में बारिश का ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है।
आंकड़ों पर गौर करें तो पटना सहित राज्य के 35 जिले कमोबेश बारिश की किल्लत झेल रहे हैं। राज्य के 20 जिले ऐसे हैं, जहां 40 फीसदी बारिश की कमी हुई है। बारिश कम होने से सूखे की आहट सुनाई दे रही है।
BIHAR DROUGHT CRISIS: मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक हफ्ते तक राज्य में कहीं भी हैवी बारिश की चेतावनी नहीं है।
डेटा के अनुसार पूरे राज्य में एक जून से नौ जुलाई के बीच 263 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन मात्र 191.7 मिमी बारिश हुई है। इस वजह से राज्य में सामान्य से 27 प्रतिशत बारिश की कमी हुई है।
सूबे में बारिश की बात करें तो सीमाचंल के तीन जिलों तक मॉनसून सीमित रहा है।
BIHAR DROUGHT CRISIS: अररिया, किशनगंज और सुपौल में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अररिया में सामान्य से 63 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। किशनगंज में 62 प्रतिशत ज्यादा और सुपौल में 16 फीसदी अधिक बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार 11 जुलाई से 15 जुलाई के बीच राज्य में कुछ जगहों पर आंशिक बारिश हो सकती है। जबकि कहीं भी भारी बारिश का पूर्वानुमान नहीं है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जून में मात्र 11 दिन ही सामान्य से अधिक बारिश हुई, जबकि 19 दिन सामान्य से कम बारिश हुई।
मॉनसून के महीने में बारिश के दिनों की यह कमी जुलाई में भी जारी है। बारिश ना होने से पिछले 9 दिनों में कमी का यह आंकड़ा 27 प्रतिशत तक चला गया है।
मॉनसून की बेरुखी की वजह से कई जिलों में बारिश की भारी कमी दिखाई दी है। अरवल, गया और शिवहर में 64 प्रतिशत बारिश कम हुई है।
शेखपुरा और औरंगाबाद में 63 प्रतिशत बारिश की कमी पाई गई है। सारण में 58 प्रतिशत, लखीसराय में 56 प्रतिशत , भागलपुर में 52 फीसदी, कटिहार में 52 प्रतिशत बारिश में कमी हुई है। नवादा में 52 प्रतिशत, रोहतास में 50 फीसदी, नालंदा, गोपालगंज और भोजपुर में 48 फीसदी बारिश की कमी देखी गई है।
BIHAR DROUGHT CRISIS: इस साल मॉनसून की कमी को देखते हुए किसानों की नींद भी हराम हो गई है। उन्हें भी खाद और बीज की तकलीफ के बीच खेत को सींचने के लिए पानी की भरपूर चिंता सता रही है।
इसके अलावा सिवान, बांका, जहानाबाद, भभुआ, समस्तीपुर वैशाली में कम बारिश हुई है।
BIHAR DROUGHT CRISIS: बारिश की कमी से प्रदेश के नहरों से भी किसानों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। हालात ये हैं कि सोन, उत्तर कोयल, कोशी, गंडक नहर प्रणालियों में पर्याप्त पानी नहीं है।
बारिश की कमी की ये तो शुरुआत भर है। आने वाले 15 दिनों में बारिश का यही हाल रहा तो आने वाले समय में धान की फसल पर बुरा असर पड़ना तय है।
बारिश कम होने से धान ही नहीं खरीफ की और फसलों का भी नुकसान होगा। कुल मिलाकर यदि बारिश नहीं होती है तो राज्य में धान की खेती पर असर पड़ सकता है। ऐसे में किसान और सरकार दोनों को तैयार रहना होगा।
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