Sen your news articles to publish at [email protected]
बिहार चुनाव 2025: भागलपुर सीट पर सियासी ड्रामा, आरजेडी के सलाहुद्दीन अहसन को कांग्रेस ने मैदान से किया आउट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन भागलपुर सीट पर ऐसा सियासी ड्रामा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। महागठबंधन के भीतर चल रही सीट की खींचतान ने यहां पूरी कहानी पलट दी।
राजद की ओर से भागलपुर सीट से दावेदारी कर रहे नगर निगम के डिप्टी मेयर सलाहुद्दीन अहसन नामांकन भरने की पूरी तैयारी में थे। जुलूस भी निकल चुका था, सड़कों पर आरजेडी के झंडे लहरा रहे थे और समर्थक उत्साहित थे। लेकिन जैसे ही नामांकन का वक्त करीब आया, अचानक हालात बदल गए।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार अजित शर्मा ने आखिरी पल में बड़ा दांव चल दिया। तेजस्वी यादव के करीबी और झारखंड के मंत्री संजय यादव ने बीच में हस्तक्षेप किया और सीधे तेजस्वी से बात कर मामला कांग्रेस के पक्ष में कर लिया। इसके बाद सलाहुद्दीन अहसन को नामांकन भरने से रोक दिया गया।
दिनभर शहर में अफवाहें फैलती रहीं। सोशल मीडिया पर यहां तक खबरें चलने लगीं कि सलाहुद्दीन अहसन का अपहरण हो गया है। फेसबुक और व्हाट्सएप पर “डिप्टी मेयर लापता” जैसे संदेश वायरल होते रहे। लेकिन दोपहर करीब दो बजे संजय यादव और सलाहुद्दीन अहसन की एक साथ तस्वीर सामने आई, जिससे माहौल थोड़ा शांत हुआ।
सलाहुद्दीन अहसन के पीए उमर ताज ने बताया कि उनका कोई अपहरण नहीं हुआ, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने ही उन्हें नामांकन न करने का निर्देश दिया था। बताया गया कि कांग्रेस प्रत्याशी अजित शर्मा ने तेजस्वी यादव से सीधी बातचीत की थी, जिसके बाद स्थिति बदल गई।
वैरायटी चौक पर जब सलाहुद्दीन का नामांकन जुलूस पहुंचा, तभी उन्हें संजय यादव का फोन आया और उनसे नगर निगम कार्यालय में मिलने को कहा गया। वहां एक बैठक हुई जिसमें संजय यादव, अजित शर्मा और शिशुपाल भारतीय समेत कई नेता मौजूद थे। चर्चा के बाद सलाहुद्दीन अहसन मायागंज चले गए, जहां राजद और कांग्रेस के बीच समन्वय बनाने की कोशिश की गई।
कहा जा रहा है कि सलाहुद्दीन अहसन को इस समझौते के तहत कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री पद या संगठन में अहम भूमिका मिलने की संभावना है।
आखिरकार नामांकन का वक्त खत्म हो गया और सलाहुद्दीन अहसन का पूरा नामांकन जुलूस केवल एक “सड़क यात्रा” बनकर रह गया। समर्थक घंटों इंतजार करते रहे लेकिन अंत में उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि भागलपुर सीट अब कांग्रेस के खाते में जा चुकी है।
महागठबंधन के भीतर यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि बिहार चुनाव 2025 में अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है।
इसे भी पढ़ें – Bihar election 2025: कांग्रेस ने चौथी लिस्ट जारी की, छह नए उम्मीदवारों को मिला टिकट, RJD से टकराव तेज
