Sen your news articles to publish at [email protected]
Bihar Elections 2025: Anant Singh के साथ Nitish Kumar की मुलाकात; मोकामा की सीट पक्की
Bihar Elections 2025: नीतीश कुमार कुमार का अचानक दौरा
बिहार में राजनीतिक माहौल गरमा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Elections 2025) की तैयारियां जोरों पर हैं। सत्ताधारी और विपक्षी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के अंदर भी हलचल तेज हो गई है। आज रविवार सुबह एक अहम घटना घटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक दौरा किया। वह मंत्री अशोक चौधरी के घर गए। मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह वहां पहले से मौजूद थे। अनंत सिंह ने हाल ही में आरजेडी छोड़ी थी। अब वह जेडीयू में वापस आ गए हैं।
उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वह जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस खबर से हलचल मच गई है। पार्टी के कुछ नेता नाखुश हैं। फिर भी, ऐसा लगता है कि जेडीयू नेतृत्व के पास अनंत सिंह के लिए एक खास योजना है। यही वजह है कि पार्टी के बड़े नेता उनसे बात कर रहे हैं। उनकी बैठकें जारी हैं। पिछले शनिवार को ही केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने अनंत सिंह से मुलाकात की थी। दोनों नेता एक साथ पटना से रवाना हुए। वे एक ही कार में सवार हुए। फिर वे मोकामा गए।
वहां उन्होंने रोड शो किया। इस शक्ति प्रदर्शन से संकेत मिलता है कि अनंत सिंह चुनाव लड़ सकते हैं। वह मोकामा से जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनसे मुलाकात की। यह मुलाकात अशोक चौधरी के घर पर हुई। अनंत सिंह ने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। नीतीश कुमार मुस्कुराए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर फैल गए। इनसे एक स्पष्ट संदेश गया।
जेडीयू अनंत सिंह का समर्थन करने को तैयार दिख रही है। वे मोकामा सीट के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। मंत्री अशोक चौधरी ने फेसबुक पर तस्वीरें शेयर कीं। उन्होंने लिखा, “निकटता का आनंद।” उन्होंने मुख्यमंत्री के आगमन का ज़िक्र किया। उनका आशीर्वाद पाकर वे बहुत खुश हुए। उन्होंने अनंत सिंह की उपस्थिति का भी ज़िक्र किया। मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह जैसे उनके अन्य साथी भी वहाँ मौजूद थे। बिहार नागरिक परिषद के महासचिव छोटे सिंह भी मौजूद थे। अनंत सिंह की नीतीश कुमार से यह पहली मुलाकात नहीं थी।
9 अगस्त को उनकी मुलाक़ात सीएम हाउस में हुई थी। उस दिन अनंत सिंह लगभग 15 मिनट तक रुके थे। उनकी बातचीत लंबी रही। आज नीतीश कुमार, अनंत सिंह और अशोक चौधरी की मुलाक़ात उसके बाद हुई। अनंत सिंह पहले भी अशोक चौधरी के घर जा चुके हैं। आपने ऑनलाइन वीडियो देखे होंगे। आज अनंत सिंह, अशोक चौधरी और नीतीश कुमार की फिर मुलाक़ात हुई। यह मुलाक़ात अहम है। अनंत सिंह चुनाव लड़ेंगे। ये तस्वीरें साफ़ करती हैं। वह मोकामा से लड़ेंगे। वह जेडीयू के टिकट पर लड़ेंगे। और अपडेट्स के लिए प्रभात खबर से जुड़े रहें। शुक्रिया। PrabhatKhabar.com: भरोसा, रफ़्तार, नया।
जेडीयू की रणनीतिक पहुंच: अनंत सिंह के साथ संबंधों को गहरा करना
मुख्यमंत्री का मंत्री अशोक चौधरी के आवास पर जाना उल्लेखनीय रहा। इस मुलाक़ात में अनंत सिंह भी मौजूद थे। यह मुलाक़ात एक राजनीतिक समर्थन का संकेत देती है। अनंत सिंह ने मुख्यमंत्री का सम्मानपूर्वक अभिवादन किया। नीतीश कुमार की गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया ने उनकी स्वीकृति दर्शाई। इस मुलाक़ात की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए। इनसे मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं में एक मज़बूत संदेश गया। इससे अनंत सिंह पर जदयू के विश्वास का पता चलता है।
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की अनंत सिंह से मुलाकात
मुख्यमंत्री के दौरे से एक दिन पहले, ललन सिंह ने अनंत सिंह से मुलाकात की। यह मुलाकात भी महत्वपूर्ण रही। इस मुलाकात के बाद, उन्होंने मोकामा में एक रोड शो किया। यह सार्वजनिक प्रदर्शन एक शक्ति प्रदर्शन था। इसने अनंत सिंह की जदयू से उम्मीदवारी की संभावना को और पुख्ता कर दिया। इससे यह भी तय हो गया कि वे मोकामा से उनके टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
अनंत सिंह का राजनीतिक सफर और जेडीयू में वापसी
अनंत सिंह का राजनीतिक इतिहास लंबा है। मोकामा इलाके में उनका दबदबा है। वे पहले राजद में थे। उन्होंने राजद छोड़कर नया राजनीतिक ठिकाना तलाश लिया। उन्हें यह ठिकाना जदयू में मिला। जदयू के कुछ नेता उनकी वापसी से खुश नहीं थे। उन्होंने अपनी चिंताएँ भी ज़ाहिर कीं। हालाँकि, ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व के पास एक योजना है। वे इन अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
मोकामा सीट: जदयू के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई का मैदान
मोकामा एक महत्वपूर्ण सीट है। जेडीयू इस पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस सीट के लिए वे अनंत सिंह पर भरोसा जता रहे हैं।
अनंत सिंह का मोकामा में एक मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। वे वहाँ पहले भी चुनाव जीत चुके हैं। उनके पास एक समर्पित मतदाता आधार है। इस क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता काफ़ी है। कई लोग उनसे जुड़ते हैं। एक मज़बूत नेता, जिन्हें अक्सर “बाहुबली” कहा जाता है, की उनकी छवि इसमें अहम भूमिका निभाती है। यह छवि अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी। लेकिन मोकामा में यही छवि उन्हें जीत दिलाती दिख रही है।
यह भी देखें – महुआ के बयान सुर्खियों में: अमित शाह का “सिर काटने” की मांग से राजनीतिक बवाल