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Bihar Government Protection Officer Post: बिहार सरकार का घरेलू हिंसा के खिलाफ फैसला, समाज कल्याण विभाग ने दी मजूरी

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Bihar Government Protection Officer Post को मिली मंजूरी

Bihar Government ने Domestic violence से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए सभी जिलों और अनुमंडलों में 390 पूर्णकालिक ‘संरक्षण अधिकारी’ (Protection Officer)पद बनाने को मंगलवार (03 जून, 2025) को मंजूरी दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में लिया गया। सरकार ने इस योजना के लिए राज्य समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

समाज कल्याण विभाग की सचिव और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की प्रमुख बंदना प्रेयसी ने तुरंत ही कहा, “सरकार ने पहले भी अनुमंडल, जिला और राज्य स्तर पर पूरे कर्मचारियों वाली ‘संरक्षण अधिकारी’ पदों का गठन मंजूर किया था। वह घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को बेहतर सहायता देने के लिए था। अब, कैबिनेट ने 390 नई पदों को मंजूरी दी है। जल्दी ही इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।”

उन्होंने यह भी बताया, “सभी 38 जिलों में पूर्णकालिक संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, एक राज्य स्तर का संरक्षण अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। यह फैसला ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005’ के तहत लिया गया है। घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि को देखते हुए यह कदम जरूरी था।”

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

बंदना प्रेयसी ने कहा, “इस कदम का मकसद है कि घरेलू हिंसा का शिकार महिलाओं को कानूनी अधिकार ओर सुरक्षा मिल सके।” वह आगे कहती हैं, “अधिनियम के अनुसार, संरक्षण अधिकारी मजिस्ट्रेट की मदद करेगा। यदि महिला को चोट लगी हो, तो उसकी मेडिकल जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट संबंधित जिला या पुलिस स्टेशन को भेजी जाएगी।”

उन्होंने बताया कि पहले ही सरकार ने दहेज निषेध, बाल विवाह जैसे कानूनों से जुड़े मामलों में कदम बढ़ाए हैं। घरेलू हिंसा का शिकार हो चुकी महिलाओं के लिए कई योजनाएं और सेवाएं चल रही हैं।

बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2024-25) कहता है कि पिछले साल की तुलना में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं। प्रेयसी ने कहा कि 2023-24 में 7,517 मामले दर्ज कराए गए थे। इनमें से 6,599 मामलों का समाधान हुआ है। सबसे अधिक दहेज उत्पीड़न के 837 मामले दर्ज हुए। यौन उत्पीड़न के 24 मामले भी रिपोर्ट किए गए।

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