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Bihar Padmshri Awardee: बिहार के अशोक कुमार विश्वास, पंडित राम कुमार मल्लिक और सुरेंद्र किशोर पद्मश्री से सम्मानित

Bihar Padmshri Awardee: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 67 लोगों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया

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Bihar Padmshri Awardee: भारत की राष्ट्रपति ने बिहार के अशोक कुमार विश्वास, सुरेंद्र किशोर और पंडित राम कुमार मल्लिक को नागरिक अलंकरण समारोह में पद्म श्री से सम्मानित किया है।

Bihar : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 67 लोगों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उनमें दो पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 56 पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किये गये।

भारत की राष्ट्रपति ने बिहार के अशोक कुमार विश्वास, सुरेंद्र किशोर और पंडित राम कुमार मल्लिक को नागरिक अलंकरण समारोह में पद्म श्री से सम्मानित किया है। अशोक कुमार विश्वास और पंडित राम कुमार मल्लिक को कला और सुरेंद्र किशोर को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया है।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पद्म पुरस्कार विजेता शुक्रवार की सुबह को राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

अशोक कुमार विश्वास बिहार के एक संपन्न लोक कलाकार हैं। इन्होने बिहार के ग्रामीण और उप शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के उत्थान के लिए लोक चित्रकला के रूप में बदलाव लाते हुए और निःशुल्क प्रशिक्षण देते हुए मौर्य कालीन प्राचीन शिल्प टिकुली कला को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक न्यौछावर किए हैं।

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यह रोहतास जिला के रहने वाले हैं जिन्हें कम उम्र में ही गरीबी से जूझना पड़ा। साइन बोर्ड की एक दुकान में अपने बड़े भाई के साथ काम करते हुए उनका चित्रकला से परिचय हुआ। वर्ष 1973 में शिल्प अनुसंधान संस्थानए पटना से कुशलतापूर्वक प्रशिक्षित होने के बाद उन्होंने लुप्त हो चुकी टिकुली कला को शीर्ष तक पहुंचाने के लिए समर्पित रूप से स्वयं को प्रतिबद्ध किया। उनके संरक्षक बिहार के दो प्रमुख कलाकारों उपेन्द्र महारथी ;पद्म श्री विजेताद्ध और लाई बाबू गुप्ता ने सदियों पुराने शिल्प कला के पुनरुद्धार के लिए उनका पथ.प्रदर्शन किया।

इस संबंध में उनका कहना है कि इसकी उत्पत्ति जटिल बिंदी से हुई है जिसने सदियों से महिलाओं के माथे की शोभा बढ़ाई है। अशोक कुमार विश्वास ने इसे बिहार की एक समृद्ध एवं परिष्कृत लोक चित्रकला में बदल दिया, जो महिला सशक्तीकरण के एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में भी उभरी। उनके द्वारा लगभग 8000 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से बहुसंख्य महिलाएं इस रचनात्मकता से अपनी आजीविका कमा रही हैं।

वर्ष 1982 के एशियाई खेलों में, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दुनिया भर से भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए औपचारिक उपहार के रूप में अशोक कुमार विश्वास की टिकुली चित्रकला को चुना।

उन्होंने पूरे भारत में 100 से अधिक प्रदर्शनियों में बिहार का प्रतिनिधित्व किया है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। उनके समर्पण के जरिये टिकुली चित्रकला अब मेक इन इंडिया अभियान और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट अभियान दोनों का हिस्सा बन गई है।

अशोक कुमार विश्वास को लोक कला के प्रति उनके असाधारण योगदान के लिए कई संगठनों द्वारा पुरस्कार किया गया है। उन्हें वर्ष 2008 में बिहार सरकार द्वारा राज्य पुरस्कार वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा कला श्री पुरस्कार, वर्ष 2020 में आईएचजीएफ दिल्ली मेले में स्वर्ण पदक संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और बिहार के राज्यपालों द्वारा सम्मान 9वें सार्क मेले में भूटान की शाही सरकार द्वारा प्रशंसा पुरस्कार और कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए।

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