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Bihar Police तैयार कर रही गुंडा पंजी, क्या है यह गुंडा पंजी?

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गुंडा पंजी तैयार कर रही बिहार पुलिस (Bihar Police)

Bihar Police अब अपराधियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। दरअसल पुलिस विभाग अब अपने आप को पूरी तरह से अपडेट करने में लग गया है। जिसके लिए एक नई व्यवस्था अपना रहा है। जिसका नाम है गुंडा पंजी। क्या है गुंडा पंजी? आईये, जानते हैं गुंडा पंजी के बारे में। इस नई व्यवस्था में अब अपराधियों के नाम दर्ज होंगे, जिनके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हुआ है। यही नही बल्कि इस पंजी में, दारू से जुड़े मामलों में शामिल आरोपियों को भी इसमें जोड़ा जाएगा।

इस नई व्यवस्था में पंजी में शामिल अपराधियों को नियमित रूप से थानों में हाजरी लगाना पड़ेगा। इसके लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी और डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों को विस्तृत निर्देश भेज दिए हैं।

रिपोर्ट तैयार करने का आदेश

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान, डीजीपी ने गैर-जमानती वारंट (NBW) के लंबित मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सभी पुलिस कप्तानों को थानों में लंबित पड़े वारंटों की वास्तविक संख्या का पता लगाकर एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है।

इस काम को प्रभावी ढंग से करने के लिए डीएसपी और इंस्पेक्टरों को हर थाने के वारंटों का मिलान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही, अदालतों के साथ मिलकर लंबित वारंटों की सही संख्या सुनिश्चित करने और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट जिलों से मंगवाई गई है।

चुनाव के समय तैनात होने वाले अर्धसैनिक बलों के लिए आवास और परिवहन जैसी सुविधाओं की समीक्षा करने के भी आदेश दिए गए हैं।

अदालतों में लंबित मामलों का तेजी से निपटारा

गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को यह काम सौंपा है कि वे अपने क्षेत्र में बंद पड़ी शस्त्रों की दुकानों का सत्यापन करें और वहां मौजूद हथियारों और कारतूसों का ठीक से मिलान करें।

अवैध हथियारों की बरामदगी के मौजूदा आंकड़े संतोषजनक नहीं हैं, इसलिए इसमें सुधार लाने के लिए कहा गया है। साथ ही, अवैध शस्त्रों के निर्माण और उनकी तस्करी को रोकने के लिए छोटी-छोटी हथियार फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

अदालतों में लंबित मामलों का तेजी से निपटारा हो, इसके लिए आरोपियों और गवाहों की समय पर पेशी सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी जिलों को क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत पर्याप्त संख्या में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश

जिन अपराधियों को जिले से बाहर कर दिया गया है, उनकी दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने और इसकी नियमित रिपोर्ट जिलों और थानों से प्राप्त करने के लिए कहा गया है। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर सीधे प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश है।

डीजीपी ने यह भी निर्देश दिया है कि गाड़ियों की चेकिंग के दौरान रोड बैरियर का इस्तेमाल जरूर किया जाए। यदि इसके लिए और पैसों की आवश्यकता हो, तो सड़क सुरक्षा निधि से राशि की मांग की जा सकती है।

सभी चेकपोस्टों को हर समय सक्रिय रखने और वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। अपराध पर नियंत्रण के लिए, चुनाव संपन्न होने तक सीमावर्ती जिलों के साथ हर महीने अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।

इसके अलावा, हर महीने जेलों का औचक निरीक्षण करने और इंटरनेट मीडिया पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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