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Bihar Politics: BJP ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन, जेपी नड्डा मीटिंग छोड़ दिल्ली भागे

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भारतीय जनता पार्टी (bjp) बिहार (bihar) में एक मज़बूत राजनीतिक लहर का दावा करती है। हालाँकि, हाल की घटनाएँ एक अलग ही तस्वीर पेश करती हैं। पार्टी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा मुश्किलों भरा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की तैयारियों में भी खामियाँ नज़र आ रही हैं।

जेपी नड्डा को कथित तौर पर अपनी ही पार्टी के कार्यालय में घुसने से रोक दिया गया। संविदा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। यह प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी रैली से ठीक पहले हुआ। इससे भाजपा की ताकत पर सवाल उठते हैं। साथ ही, अंदरूनी गुस्से को संभालने की उनकी क्षमता पर भी शक होता है।

प्रधानमंत्री मोदी की रैली में भीड़ जुटाने की खबरें भी सामने आईं। ऐसा लगता है कि सरकारी संसाधनों और लोगों का जमकर इस्तेमाल किया गया। इससे पता चलता है कि ताकतवर दिखने की एक ज़बरदस्त कोशिश की गई।

Bihar Politics: जेपी नड्डा का अशांत बिहार दौरा

जेपी नड्डा शनिवार को पटना पहुँचे। हवाई अड्डे पर राज्य के नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, वे छपरा में एक निजी कार्यक्रम में गए। उनका अगला पड़ाव पार्टी कार्यालय में एक बैठक थी। लेकिन बाहर पहले से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा था।

संविदा कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन से प्रवेश अवरुद्ध

संविदा कर्मचारी ज़ोर-शोर से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने पूरे भाजपा कार्यालय को घेर लिया था। जब जेपी नड्डा पहुँचे, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने उन्हें अपने ही पार्टी कार्यालय में घुसने नहीं दिया। उन्हें शांत कराने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं।

विरोध प्रदर्शनों का बढ़ना: गेस्ट हाउस घटना

हालात और बिगड़ गए। बैठक स्थगित करनी पड़ी। नड्डा को मजबूरन अपनी बैठक कहीं और करनी पड़ी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी प्रस्तावित बैठक भी रद्द कर दी गई। कुछ लोगों ने कहा कि नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं। कुछ ने अलग-अलग कारण बताए। प्रदर्शनकारी नड्डा के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इससे भाजपा नाराज हो गई और बैठक रद्द कर दी गई।

मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। नड्डा ने अपनी बैठक एक गेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दी। लेकिन संविदा कर्मचारियों को पता चल गया। वे भी गेस्ट हाउस पहुँच गए।

प्रदर्शनकारियों ने नड्डा को गेस्ट हाउस तक पीछा किया

प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह गेस्ट हाउस पहुँच गया। उन्होंने फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया। अंदर मौजूद भाजपा नेता घबरा गए। बैठक तुरंत रद्द करनी पड़ी। नड्डा और उनकी टीम को एहसास हो गया कि प्रदर्शनकारी कहीं भी उनका पीछा कर सकते हैं।

नड्डा ने अपनी सारी योजनाएँ रद्द करने का फ़ैसला कर लिया। वे आनन-फानन में पटना से चले गए। संदेश साफ़ था: उन्हें भगाया जा रहा था। ऐसा लग रहा था कि भाजपा नियंत्रण खो चुकी है। उपमुख्यमंत्री सिन्हा को भी जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा।

समस्याओं का असर सिर्फ जेपी नड्डा पर ही नहीं पड़ा, बल्कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को भी जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा।

विजय सिन्हा की उत्तेजित समूहों से मुलाकात

विजय सिन्हा प्रदर्शनकारियों से घिर गए। उन्होंने उन्हें समझाने की कोशिश की। उन्होंने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।

उनकी कोशिशें नाकाम रहीं। कुछ देर बाद सिन्हा और दूसरे मंत्रियों को वहाँ से जाना पड़ा। उन्होंने अपने मोबाइल फ़ोन बंद कर दिए। स्थिति काफ़ी गंभीर हो गई थी।

अधिकारियों ने प्रतिक्रियास्वरूप धारा 144 लागू कर दी। यह भाजपा कार्यालय के आसपास किया गया। पुलिस तैनात कर दी गई। इससे तनाव के उच्च स्तर का पता चलता है।

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