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BJP का दोहरा चरित्र, दीपिका पादुकोण को हिजाब पहनने के लिए आलोचना किया, अब बनाया मानसिक स्वास्थ्य राजदूत

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भारतीय शोबिज में यही अजीब उलटफेर हो रहा है। दीपिका पादुकोण को अबू धाबी के एक पर्यटन स्थल पर हिजाब पहनने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। फिर भी, इसके तुरंत बाद, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उन्हें भारत का पहला मानसिक स्वास्थ्य राजदूत नामित किया। इसमें शाहरुख खान को भी जोड़ लीजिए। उन्होंने अपनी फिल्म पठान के लिए बहिष्कार के आह्वान को सहन किया, केवल जवान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने के लिए । ये मामले स्पष्ट विभाजन दिखाते हैं। भाजपा प्रशंसकों से जुड़ी सोशल मीडिया की भीड़ सितारों के खिलाफ गुस्सा करती है। लेकिन सरकार? यह अक्सर प्रशंसा के साथ आगे आती है।

दीपिका पादुकोण हिजाब विवाद और त्वरित बदलाव और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

दीपिका पादुकोण ने अपने पति रणवीर सिंह के साथ अबू धाबी पर्यटन के लिए एक नया विज्ञापन शूट किया। स्थानीय संस्कृति से मेल खाने के लिए उन्होंने हिजाब पहना था। इस विकल्प ने ऑनलाइन हंगामा मचा दिया। भाजपा समर्थक और ट्रोल्स तेज़ी से आगे आए। कुछ ने उनके पिछले जेएनयू दौरे का ज़िक्र करते हुए उन्हें राष्ट्र-विरोधी बताया। कुछ ने भारतीय मंदिरों के लिए ऐसे विज्ञापन न करने के लिए उनका मज़ाक उड़ाया। एक क्रूर तंज में उन्हें “दीपिका बेगम” कहकर संबोधित किया गया, यह इशारा करते हुए कि उन्होंने पैसे के लिए सब कुछ बेच दिया।

इसका ज़बरदस्त और तेज़ असर हुआ। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपमानजनक पोस्टों की बाढ़ आ गई। ऐसा लगा जैसे उनकी छवि पर एक सुनियोजित हमला हो रहा हो। क्यों? उनकी भूमिका का उद्देश्य अबू धाबी की विरासत को प्रदर्शित करना था, उससे ज़्यादा कुछ नहीं। लेकिन आलोचकों के लिए, यह भारतीय मूल्यों के साथ विश्वासघात था।

महिला सितारों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। ट्रोल अक्सर ड्रामा भड़काने के लिए उनके लुक या पसंद को निशाना बनाते हैं। दीपिका की वैश्विक अपील ने उन्हें एक प्रमुख निशाना बनाया। पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया यह विज्ञापन राजनीति का अखाड़ा बन गया। यूजर्स ने नफरत फैलाने के लिए संपादित क्लिप और मीम्स शेयर किए। इससे पता चलता है कि डिजिटल दुनिया में राय कितनी जल्दी खराब हो जाती है।

BJP का दोहरा चरित्र: भारत का पहला मानसिक स्वास्थ्य राजदूत

कुछ ही दिनों बाद, एक बड़ा मोड़ आया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दीपिका को भारत की पहली मानसिक स्वास्थ्य राजदूत नियुक्त किया। यह विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आसपास ही हुआ। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनकी भूमिका भारत में मानसिक समस्याओं से जुड़े कलंक से लड़ने पर केंद्रित है। यह उस देश के लिए एक बड़ा कदम है जहाँ ऐसे विषय दबे-कुचले रहते हैं।

यह सम्मान उसी भाजपा सरकार से मिला है जिसके लिए पार्टी के प्रशंसकों ने उनकी खूब आलोचना की थी। सरकारी हलकों में अब हिजाब पर मज़ाक नहीं चलेगा। इसके बजाय, उन्होंने अपनी प्रसिद्धि का सदुपयोग करने के लिए उनकी प्रशंसा की। दीपिका पहले भी अवसाद से अपने संघर्षों के बारे में बता चुकी हैं। अब, उन्हें इस मोर्चे पर राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करने का मौका मिला है। समय? बिल्कुल विडंबना! खबर फैलते ही ट्रोल्स चुप हो गए।

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