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West Bengal में BLO का विद्रोह: SIR प्रक्रिया में बढ़ा काम का बोझ, चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बूथ लेवल अधिकारी (BLO) गुस्से से भरे हैं। वे चुनाव आयोग के खिलाफ खुलकर उतर आए हैं। SIR प्रक्रिया में नया डिजिटल काम उनके कंधों पर लाद दिया गया। अब वे काम छोड़ने की धमकी दे रहे हैं। यह विरोध सिर्फ शिकायत नहीं है। यह चुनावी मशीनरी को हिला सकता है। आप सोचिए, अगर ये अधिकारी हड़ताल पर चले गए तो वोटर लिस्ट कैसे बनेगी?
BLO पहले घर-घर जाकर फॉर्म भरते थे। अब उन्हें BLO ऐप पर डेटा अपलोड करना पड़ता है। यह बदलाव काम को दोगुना कर रहा है। सिलीगुड़ी और हावड़ा में तो सड़कें जाम हो गईं। अधिकारी चिल्ला रहे हैं कि समय कम है और तकनीक खराब। क्या यह नई डिजिटल दुनिया का बोझ है? हम देखते हैं कि यह मुद्दा कितना गंभीर है।
चुनावी ड्यूटी में BLO की नई चुनौती
BLO चुनावों की रीढ़ होते हैं। वे वोटरों की लिस्ट बनाते हैं। पहले सब मैनुअल था। कागज पर फॉर्म भरते। अब SIR प्रक्रिया में डिजिटल कदम जोड़ा गया। BLO ऐप डाउनलोड कर अपलोड करना अनिवार्य है। यह बदलाव तेजी से आया। BLO को ट्रेनिंग भी कम मिली। नतीजा? काम का दबाव बढ़ा। आप कल्पना कीजिए, एक शिक्षक या सरकारी कर्मचारी जो शाम को यह अतिरिक्त बोझ ढोए।
पुराने तरीके से वे 100 घर कवर कर लेते। अब अपलोड में घंटे लग जाते। तकनीक नई है, लेकिन तैयारी पुरानी। कई BLO के पास स्मार्टफोन पुराने हैं। इंटरनेट भी धीमा। यह चुनौती सिर्फ समय की नहीं। यह BLO की जिंदगी पर असर डाल रही है। वे थकान से बीमार पड़ रहे हैं।
काम छोड़ने की चेतावनी: विरोध की गंभीरता
BLO ने साफ कह दिया है। अगर बोझ कम न हुआ तो काम छोड़ देंगे। यह चेतावनी हल्की नहीं। चुनाव आयोग (ECI) पर दबाव बनेगा। SIR प्रक्रिया रुकी तो वोटर डेटा गड़बड़ाएगा। नतीजा? चुनाव अनियमित हो सकते हैं। सिलीगुड़ी में तो BLO ने मीटिंग बुलाई। वे चिल्लाए कि यह अन्याय है।
यह विरोध पूरे राज्य में फैल सकता है। अगर BLO हड़ताल पर गए तो नए अधिकारियों को ढूंढना पड़ेगा। प्रशिक्षण में महीने लगेंगे। क्या ECI तैयार है? यह मुद्दा लोकतंत्र को छूता है। BLO बिना सही काम न हो। हम सबको सोचना चाहिए कि ये लोग कितना सहें।
SIR प्रक्रिया का नया डिजिटल स्वरूप और कार्यभार में वृद्धि
SIR प्रक्रिया वोटर सूची को अपडेट करने का तरीका है। अब इसमें डिजिटल टच आ गया। BLO को फॉर्म अपलोड करने पड़ते हैं। यह अतिरिक्त काम है। पहले सिर्फ मैनुअल चेक। अब ऐप पर एंट्री। बोझ दोगुना हो गया। BLO कहते हैं कि यह अनुचित है। वे पहले से व्यस्त हैं।
प्रक्रिया का मकसद डेटा सटीक बनाना। लेकिन जल्दबाजी में लागू किया। BLO को नया काम सौंपा बिना मदद के। अब विरोध बढ़ रहा। सिलीगुड़ी से हावड़ा तक आवाज उठी। क्या यह डिजिटल बदलाव सही समय पर आया? हम देखें कि कैसे कार्यभार ने आग लगाई।
मैनुअल से डिजिटल पर स्विच: दोगुना हुआ काम
पहले BLO घर जाकर कागज भरते। एक दिन में 50 फॉर्म। अब अपलोड जोड़ दिया। हर फॉर्म के लिए ऐप खोलो। डेटा डालो। फोटो लगाओ। काम दोगुना। वे कहते हैं कि शाम को सोने का समय ही नहीं मिलता। पुराना तरीका आसान था। कागज रख लो।
अब BLO ऐप पर लॉगिन। हर स्टेप में समय। दोगुना काम से तनाव। कई BLO रिटायरमेंट के करीब हैं। वे नई तकनीक सीखने को तैयार नहीं। यह स्विच अच्छा है, लेकिन तरीका गलत। BLO बोझ से चूर हो रहे।
तकनीकी बाधाएं और समय की खपत
BLO शिकायत करते हैं। एक फॉर्म अपलोड में 20 से 25 मिनट। ऐप हैंग होता है। इंटरनेट ब्रेक। डिवाइस धीमी। वे कहते हैं कि यह तकनीकी कठिनाई है। समय बर्बाद। एक BLO ने बताया कि रात 2 बजे तक जागना पड़ता। क्या यह न्याय है?
तकनीक नई, लेकिन सुविधा पुरानी। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कमजोर। BLO को ट्रेनिंग चाहिए। लेकिन समय कम। यह बाधा काम रोक रही। BLO थक चुके। विरोध इसी से भड़का।
विरोध प्रदर्शनों का केंद्र: सिलीगुड़ी और हावड़ा
सिलीगुड़ी में BLO सड़क पर उतरे। बैनर लिए। चिल्लाए कि बोझ कम करो। हावड़ा में मीटिंग हुई। सैकड़ों जुटे। वे ECI के खिलाफ नारे लगाए। ये जगहें महत्वपूर्ण। यहां वोटर ज्यादा।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण। लेकिन गंभीर। BLO ने चिट्ठियां दीं। स्थानीय अधिकारियों को। यह जमीनी हकीकत दिखाता। पूरे बंगाल में फैल सकता। सिलीगुड़ी की चाय बागानों से हावड़ा के बाजार तक। आवाज एक।
बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की मुख्य शिकायतें
BLO की शिकायतें साफ हैं। वे समय, तकनीक और बोझ पर अड़े। यह विरोध संगठित। वे चाहते हैं कि सुने जाएं। मुख्य मुद्दा SIR प्रक्रिया। BLO कहते हैं कि यह बोझ असहनीय। हम उनकी बात सुनें।
ये शिकायतें गंभीर। BLO चुनाव चला रहे। उनकी परेशानी सबको छुएगी।
समय सीमा का अपर्याप्त होना
डिजिटल एंट्री के लिए समय बहुत कम। BLO कहते हैं कि 10 दिन में सब खत्म। लेकिन एक फॉर्म 25 मिनट। गणना करो, कितने घंटे। वे रात-रात भर जागते। परिवार समय न मिले। यह सीमा अन्यायपूर्ण।
पहले मैनुघर जाकर। अब अपलोड। समय दोगुना। BLO थकान से चिड़चिड़े। विरोध इसी से। क्या ECI सोचेगा? समय बढ़ाओ तो काम सुधरे।
तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी
BLO ऐप अक्सर फंसता। लोडिंग लंबी। इंटरनेट कटता। कई के पास पुराने फोन। वे कहते हैं कि शहर में ठीक, गांव में मुश्किल। बैटरी खत्म। चार्जर ढूंढो। यह कमी काम रोकती।
ट्रेनिंग कम। BLO नौसिखिए जैसे। सहायता लाइन व्यस्त। तकनीक बुनियाद कमजोर। BLO परेशान। विरोध बढ़ा। सुधार दो तो शांत।
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