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Bihar में जमीन खरीदना बेचना अब होगा महंगा, जानिए क्या है वजह
बिहार (Bihar) में भूमि की खरीद-बिक्री महंगी होने की संभावना है। लगभग एक दशक के बाद, बिहार सरकार ने भूमि और फ्लैटों के निबंधन (रजिस्ट्री) की दरों में वृद्धि करने की प्रक्रिया आरंभ की है। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समितियों को न्यूनतम मूल्य दर (एमवीआर) की समीक्षा करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एमवीआर की नई दरें तय करने की सिफारिश
यह समितियां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वर्गीकरण के आधार पर वर्तमान बाजार दर का मूल्यांकन करते हुए एमवीआर की नई दरें तय करने की सिफारिश करेंगी। समितियों द्वारा की गई सिफारिशों पर राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
इस बीच, भूमि की बाजार दर में कई गुना वृद्धि हुई है। मुख्य सड़कों के साथ-साथ विकसित क्षेत्रों में वास्तविक बाजार मूल्य और सरकारी दर (एमवीआर) के बीच भारी अंतर उत्पन्न हो गया है। इस अंतर को पाटने के लिए एमवीआर की समीक्षा की जा रही है। अगर एमवीआर में वृद्धि होती है, तो सरकार को निबंधन और स्टाम्प शुल्क के माध्यम से अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
ग्रामीण क्षेत्र:
- व्यवसायिक भूमि
- औद्योगिक भूमि
- आवासीय भूमि
- राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़कों दोनों के किनारे की भूमि
- सिंचित भूमि
- असिंचित भूमि
- बलुआही, पथरीली, दियारा एवं चंवर भूमि
शहरी क्षेत्र:
- मुख्य सड़क पर व्यावसायिक/आवासीय भूमि
- मुख्य सड़क पर व्यावसायिक/आवासीय भूमि
- औद्योगिक भूमि
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