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Jharkhand News: झारखंड में राजनीतिक सियासत में हलचल जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन ने राज्यपाल बैस से चुनाव आयोग (Election Commission) की सिफारिश की एक कॉपी उन्हें भी उपलब्ध कराने की अपील है। इसके साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द फैसला करने की अपील की है।
राज्यपाल को चुनाव आयोग (Election Commission) को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें ये कहा गया था कि मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 192 (1) के तहत जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9-ए के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इससे राज्य में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है और लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक द्वेष को प्रोत्साहन मिल रहा है।
इसलिए वो राजभवन से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह कर रहे हैं। ज्ञापन में ये भी कहा गया था कि यदि विधानसभा की सदस्यता के लिए मुख्यमंत्री की अयोग्यता सामने भी आती है तो मौजूदा सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि झामुमो-कांग्रेस-आरजेडी-निर्दलीय गठबंधन को अभी भी राज्य विधानसभा में प्रचंड बहुमत प्राप्त है।
राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन ने ट्वीट कर लिखा, आज राजभवन में माननीय राजपाल श्री रमेश बैस जी से मुलाकात कर राज्य में विगत तीन सप्ताह से अधिक समय से उत्पन्न अनापेक्षित और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों की अनिश्चितता को दूर करने हेतु पत्र सौंपा जिससे इस भ्रम की स्थिति में बीजेपी के द्वारा किये जा रहे अनैतिक प्रयास से उसे रोका जा सके।
झारखंड सरकार का आरोप है कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है। यही वजह से वो अपने विधायकों को कुछ दिनों के लिए रायपुर ले गए थे। फिलहाल के लिए तो विश्वास मत हासिल कर लिया गया है लेकिन फूट का खतरा अभी भी बना हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन चाहते हैं कि राज्यपाल रमेश बैस उनको लेकर जो भी फैसला लें वो जल्दी लें ताकि हेमेंत सोरेन आगे की रणनीति तैयार कर सकें।