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Congress Bihar Seat Shairing: कांग्रेस आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। लंबे समय से राजद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस अब सीट बंटवारे को लेकर अधिक सतर्क और रणनीतिक नजर आ रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने पहले भी मिलकर चुनाव लड़ा है, और 90 के दशक से कांग्रेस का अस्तित्व बिहार में कमजोर हुआ है, जिसके चलते पार्टी अक्सर राजद के साथ गठबंधन में रहती है। हालांकि, हाल के दिनों में कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव की शुरुआत की है, जिसका उदाहरण दिल्ली चुनाव में देखा गया था।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अब ज्यादा सीटों पर लड़ने की बजाय उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जहां जीत की ज्यादा संभावना हो। पार्टी ने सीटों की संख्या बढ़ाने की बजाय उन सीटों पर जीत की संभावना को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस की कोशिश है कि वह 2020 के चुनावों में हासिल की गई 70 सीटों से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर सके।
इस बदलाव के तहत पार्टी ने एक आंतरिक सर्वे भी किया है, जो करीब एक माह पहले हुआ था। सर्वे में यह पाया गया कि पार्टी को अब सीटों की संख्या से अधिक जीत की संभावना वाले सीटों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। पार्टी के पास लगभग 50 सीटों पर अच्छे उम्मीदवार और संगठन है, जिनपर वह जीत की संभावनाएं देख रही है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आगामी चुनाव में पार्टी उन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी, जहां जीत की अधिक संभावना हो। इसके लिए कुछ सीटों का अदला-बदली भी की जा सकती है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इनमें से अधिकांश सीटें केवल गिनती बढ़ाने के लिए थीं। 2020 के चुनाव में पार्टी सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत सका था, जबकि पार्टी की उम्मीद थी कि उसे ज्यादा सीटें मिलेंगी।
2020 के चुनाव में कांग्रेस की परंपरागत कई सीटें लेफ्ट के हिस्से में गईं, जिनका फायदा लेफ्ट को मिला और उनका प्रदर्शन बेहतर रहा। वहीं, 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी।
अब कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव लाकर बेहतर प्रदर्शन की योजना बना रही है और गठबंधन के सीट बंटवारे पर भी गंभीर बातचीत की तैयारी कर रही है।