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Digvijay Singh: MP के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान EVM को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है. उन्होंने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए न केवल इलेक्शन कमीशन पर सवाल उठाया बल्कि ईवीएम की वैधानिकता और पारदर्शिता को लेकर भी सुझाव दिया है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि लगभग 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को इलेक्शन कमीशन ने मिलने तक का समय नहीं दिया.
सबसे पहले जानते हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान अचानक से ईवीएम (EVM) का मसला फिर क्यों खड़ा हुआ है. दरअसल, एक यूजर ने X पर लिखा है कि “इलेक्शन कमीशन सुप्रीम कोर्ट में कहता है कि अगर वे VVPAT की सभी पर्चियों की मिलान करने लगे, तो इतना टाइम लगेगा, कि देश पुराने मतदान युग में चला जाएगा. क्या ये दलील हजम होने लायक है.?”
उन्होंने आगे लिखा कि,”अगर VVPAT कम हैं तो और खरीदे जा सकते हैं, और अगर स्टाफ की कमी है तो और बढ़ाए जा सकते हैं. क्या सोने चांदी के बर्तनों में विदेशियों को खाना खिलाने वाला भारत इतना खर्च भी सहन नहीं कर सकता? या सचमुच EVM में ही कोई “सेटिंग” है जिसे इतनी बेशर्मी से छिपाया जा रहा है.?”
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सहमति जताते हुए लंबा चौड़ा ट्वीट लिखा है. उन्होंने X पर लिखा कि,”संतोष गुप्ता जी @BhootSantosh ECI का EVM के विषय में closed mind है. लगभग 20 राजनीतिक दलों ने EVM के ऑपरेशन में पारदर्शिता होने के विषय में कुछ सवाल हैं. मिलने का समय मांगा लेकिन कई बार अनुरोध करने पर भी समय नहीं दिया गया.”
अपने अगले ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने सुझाव देते हुए लिखा कि,”ECI को सभी VVPAT स्लिप गिनने की भी आवश्यकता नहीं है. हमारी मांग है की बटन दबाने के बाद VVPAT स्लिप डब्बे में गिरने के बजाय वोटर के हाथ में दे दो. वोटर उस VVPAT स्लिप को sealed ballot box में डाल देगा.”
अपने अंतिम ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को टैग करते हुए दिग्विजय सिंह कहते है कि,”मतगणना के दिन 5-10 ballot box में डाली गईं VVPAT स्लिप गिन लें.उनको EVM की counting unit के नतीजों से match कर लें.यदि समान नतीजा है तो सभी VVPAT स्लिप गिनने की आवश्यकता नहीं है.उसी के आधार पर नतीजे घोषित कर दें। इसमें ECI @ECISVEEP को क्या आपत्ति होना चाहिए?”