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Dipankar Bhattacharya tribute meeting: ‘अग्निपुष्प’ के नाम से विख्यात वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र झा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

dipankar bhattacharya tribute meeting
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चर्चित जनपक्षधर हिंदी पत्रिका समकालीन जनमत के संस्थापक संपादक, बाबा नागार्जुन की आंदोलनधर्मी काव्यधारा के प्रखर रचनाकार और ‘अग्निपुष्प’ के नाम से विख्यात वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र झा की स्मृति में आज पटना में tribute meeting का आयोजन किया गया.

यह आयोजन समकालीन जनमत और जन संस्कृति मंच की पटना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. ‘अलविदा साथी अग्निपुष्प’ शीर्षक से आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में मैथिली और हिंदी के साहित्यकारों, नाटककारों, पत्रकारों के साथ-साथ भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव Dipankar Bhattcharya, केंद्रीय मुख्यालय प्रभारी प्रभात चौधरी, बिहार राज्य सचिव कुणाल, के. डी. यादव, समकालीन जनमत के संपादक के. के. पाण्डेय, विधान परिषद सदस्य शशि यादव, वरिष्ठ मैथिली नाटककार कुणाल समेत कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया.

श्रद्धांजलि सभा की ओर से उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए रेखांकित किया गया कि आज जब असहमति की आवाजों को बेरहमी से कुचला जा रहा है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीना जा रहा है, तब अग्निपुष्प जैसे निर्भीक और जनपक्षधर पत्रकार को याद करना बेहद प्रासंगिक हो जाता है.

Dipankar Bhattacharya tribute meeting

भाकपा-माले महासचिव Dipankar Bhattacharya ने tribute meeting को संबोधित करते हुए कहा कि अग्निपुष्प क्रांतिकारी वामपंथ की वैचारिक, बौद्धिक और रचनात्मक अभिव्यक्ति के प्रवक्ता थे. उनके विचार मौजूदा सत्ता के दमन और कुचक्रों के विरुद्ध प्रतिवाद में प्रेरणा और संबल का कार्य करेंगे. उन्होंने मीडिया की मुख्यधारा के बरक्स जन मीडिया के निर्माण में जो कष्टसाध्य प्रयास किए, वह आज भी जनपक्षधर पत्रकारिता के लिए पथप्रदर्शक हैं.

समकालीन जनमत के संपादक के. के. पाण्डेय ने अग्निपुष्प को जनपक्षधर धारा के आदर्श पत्रकार व रचनाकार बताते हुए उनके संपादकीय कार्य की विशिष्टता को रेखांकित किया.

के. डी. यादव ने 1980 के दशक के क्रांतिकारी किसान आंदोलनों में उनकी बौद्धिक और साहित्यिक सक्रियता को याद करते हुए उन्हें जन आंदोलनों की बुलंद आवाज बताया.

कारवां चलता रहेगा

विधान पार्षद शशि यादव ने महिला आंदोलनों में अग्निपुष्प की सक्रिय भागीदारी और समर्थन को रेखांकित किया।

सभा की शुरुआत अग्निपुष्प की स्मृति और नक्सलबाड़ी दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट के मौन से की गई। जन संस्कृति मंच, पटना इकाई के कलाकारों द्वारा ‘कारवां चलता रहेगा’ शहीद गीत का प्रस्तुति दी गई.

वरिष्ठ मैथिली नाटककार कुणाल ने अपने छात्र जीवन से अग्निपुष्प के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वे दोनों मिलकर कुव्यवस्था के विरुद्ध असहमति की बुलंद आवाज बनकर खड़े रहे.

सभा को मैथिली साहित्यकार वैद्यनाथ मिश्र, वरिष्ठ महिला नेत्री सरोज चौबे समेत कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया. अग्निपुष्प की चुनिंदा कविताओं का पाठ प्रीति और पुनीत ने किया. सभा का संचालन राजेश कमल ने किया.

इस श्रद्धांजलि में मजदूर संगठन ऐक्टू के वरिष्ठ नेता आर.एन.ठाकुर , वरिष्ठ पत्रकार प्रणव चौधरी, इप्टा के तनवीर अख्तर, समकालीन लोकयुद्ध के संतोष सहर, प्रदीप झा, जन संस्कृति मंच के ग़ालिब खान समेत सैकड़ों बुद्धीजीवी, अंशुमान , ग़ालिब, प्रदीप झा, संस्कृति कर्मी, पत्रकार, साहित्यकार, छात्र-युवा संगठनों के नेता भी मौजूद रहे.

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