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DISHA ENCOUNTER FAKE: सुप्रीम कोर्ट के जाँच आयोग ने साल 2019 के हैदराबाद के दिशा एनकाउंटर केस को फर्जी मुठभेड़ करार दिया। आयोग ने इस मामले में कई स्तरों पर हुई गड़बड़ियों के आधार पर दस पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की संस्तुति की। इसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस एनकाउंटर को फेक मानते हुए दस पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
DISHA ENCOUNTER FAKE: सुप्रीम कोर्ट के जाँच आयोग ने साल 2019 के हैदराबाद के दिशा एनकाउंटर केस को फर्जी मुठभेड़ करार दिया। आयोग ने इस मामले में कई स्तरों पर हुई गड़बड़ियों के आधार पर दस पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की संस्तुति की। इसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस एनकाउंटर को फेक मानते हुए दस पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। तेलंगाना के हैदराबाद में साल 2019 में हुए दिशा एनकाउंटर मामले में पुलिस ने एनकाउंटर में चार आरोपियों को मार गिराया था। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला इस एनकाउंटर को लेकर गठित जाँच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सुनाया है।
बता दें कि हैदराबाद के दिशा एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्य कमीशन का गठन किया था। इस कमीशन ने अपने 387 पेज की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौप दी थी। जाँच कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक रेप और मर्डर के इस मामले में चारों आरोपियों के फेक एनकाउंटर किए गए। पुलिस ने इस दौरान ना सिर्फ लॉ ऑफ लॉ का उल्लंघन किया, बल्कि साक्ष्य को मिटाने का भी प्रयास किया।
रिपोर्ट में यह भी यह भी पाया गया है कि चारों में से तीन आरोपी जुवेनाइल थे। केवल एक आरोपी वयस्क था। सुप्रीम कोर्ट कमीशन ने इस फर्जी एनकाउंटर मामले में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की संस्तुति की। इसी के आधार पर अब कोर्ट ने दसों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इस मामले में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमीशन की अध्यक्षता न्यायमूर्ति वी एस सिरपुरकर ने की।
बता दें कि हैदराबाद में 27 नवंबर 2019 को चारों आरोपियों ने दिशा के साथ गैंगरेप किया और उसकी हत्या कर लाश को जला दिया था।
अब पूरी घटना पर एक नज़र डालते हैं। 27 नवंबर 2019 को शाम 6 बजे दिशा अपनी स्कूटी से ओआरआर स्थित टोंडूपल्ली टोल प्लाजा पहुँची और अपनी स्कूटी वहीं पर खड़ी करके गच्चीबाउली चली गई। रात नौ बजे दिशा जब टोल प्लाजा पहुँची तो उसकी स्कूटी उसे पंक्चर मिली। वब वहीं पर मौजूद इन चारों आरोपियों ने स्कूटी ठीक कराने को लेकर उसकी मदद की।
इसी दौरान रात साढ़े नौ बजे दिशा गायब हो गई। उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। इन आरोपियों ने उसको सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गैंग रेप कर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद आरोपियों ने उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए एनएच-44 के पुल के नीचे जला दिया। इसी दौरान दिशा के परिवार वाले उसकी खोज करते रहे और पुलिस से भी मदद मांगी।
अगले दिन यानि कि 28 नवंबर की सुबह दिशा की जली हुई लाश की शिनाख्त उसके घरवालों ने की। उधर दिशा रेप और मर्डर की तफ्तीश में जुटी पुलिस ने 29 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद पुलिस ने इन चारों आरोपियों को 10 दिन के रिमांड पर लिया।
पुलिस 6 दिसंबर 2019 को इन चारों आरोपियों को लेकर घटना स्थल चेतनपल्ली ले गई। पुलिस यहाँ मामले में साक्ष्य जुटाने और घटना की पुनरावृत्ति कराने को लेकर आरोपियों को साथ ले गई। इसी दौरान सीन रिक्रिएट के दौरान पुलिस ने चारों आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया।
इस दिशा एनकाउंटर के बाद 12 दिसंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक जाँच कमीशन का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जाँच कमीशन की अध्यक्षता वीएस सिरपुरकर ने की। जाँच कमीशन ने अपनी जाँच में इस एनकाइउंटर को फर्जी पाया। साथ ही 10 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट सौंपी। और सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस एनकाउंटर को फर्जी दिया, बल्कि 10 पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को तेलंगाना हाईकोर्ट को ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया है।