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Bihar में voter ID card नहीं है? फिर भी वोट करें! आगामी चुनावों के लिए 12 वैकल्पिक पहचान पत्र

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बिहार (Bihar) के मतदाताओं, अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड (voter ID card) नहीं है, तो चिंता न करें। आप आगामी विधानसभा चुनावों में अभी भी अपना वोट डाल सकते हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने आप जैसे उन लोगों के लिए इसे आसान बना दिया है जो पंजीकृत हैं, लेकिन आपके पास EPIC कार्ड नहीं है।

इस बड़े अपडेट का मतलब है कि अब कोई भी सिर्फ़ इसलिए वंचित नहीं रहेगा क्योंकि उसका कार्ड खो गया है या देरी हो गई है। चुनाव आयोग का कहना है कि आप मतदान केंद्र पर अपनी पहचान साबित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह हर पंजीकृत व्यक्ति को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने में मदद करने का एक स्मार्ट कदम है, चाहे कुछ भी हो।

कल्पना कीजिए: आप वर्षों से मतदाता सूची में हैं, लेकिन स्थानांतरण के दौरान आपका कार्ड गायब हो गया। अब, आप अपने नेता चुनने का मौका नहीं गँवाएँगे। यह नियम चुनाव को निष्पक्ष और सभी के लिए खुला रखता है।

Bihar में voter ID card नहीं है: ईपीआईसी गायब होने पर मतदान का अधिकार

चुनाव आयोग ने एक आम परेशानी को दूर करने के लिए यह बदलाव किया है। अगर आपका नाम मतदाता सूची में है, लेकिन आप अपना पहचान पत्र नहीं दिखा पा रहे हैं, तो आप बैकअप ले सकते हैं। उनका उद्देश्य बाधाओं को कम करना है ताकि ज़्यादा लोग मतदान कर सकें।

मतदाता सत्यापन के लिए कानूनी अधिदेश

चुनाव आयोग इसके लिए ठोस कानूनों की ओर इशारा करता है। 1951 का जनप्रतिनिधित्व अधिनियम उन्हें यह अधिकार देता है कि मतदाता अपनी पहचान कैसे साबित करें। 1960 के मतदाता सूची नियम भी इसका समर्थन करते हैं, जिससे उन्हें यह जाँचने के लिए नियम बनाने का अधिकार मिलता है कि कौन मतदाता सूची में शामिल होगा।

इन नियमों के दो मुख्य उद्देश्य हैं: पहला, ये सुनिश्चित करते हैं कि केवल असली मतदाता ही मतदान केंद्र में प्रवेश कर पाएँ। दूसरा, ये नकली मतदाताओं को मतदान केंद्रों में घुसकर गड़बड़ी करने से रोकते हैं।

इसे हवाई अड्डे की सुरक्षा की तरह समझें—पहचान पत्र बिना किसी परेशानी के यह पुष्टि कर देते हैं कि आप सही व्यक्ति हैं। इससे पूरे भारत में चुनाव साफ़-सुथरे और विश्वसनीय बने रहते हैं।

नए प्रावधान का दायरा

यह बिहार विधानसभा चुनावों पर तुरंत लागू होता है। इसमें आठ क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव भी शामिल हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि इन क्षेत्रों के लगभग सभी मतदाताओं—लगभग 100%—को अब मतदाता पहचान पत्र जारी कर दिए गए हैं।

लेकिन इतनी ऊँची दर के बावजूद, कुछ लोगों के पास अपना कार्ड आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकता। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे डाक में गड़बड़ी या घर पर कार्ड भूल जाना। यह प्रावधान इन कमियों को पूरा करने के लिए है।

बिहार के चुनाव बहुत मायने रखते हैं, लाखों लोग राज्य का भविष्य तय करते हैं। चुनाव आयोग चाहता है कि मतदान ज़्यादा से ज़्यादा हो, ताकि कोई भी छोटा-मोटा मुद्दा आपकी आवाज़ न रोके।

12 स्वीकृत वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज

अब, अच्छी बातों पर आते हैं। चुनाव आयोग ने 12 फोटो पहचान पत्रों की सूची दी है जिनका इस्तेमाल आप अपने EPIC की जगह कर सकते हैं। हालाँकि आधिकारिक तौर पर इन सभी का ज़िक्र नहीं किया गया है, फिर भी यहाँ वो पूरा सेट दिया गया है जिसे देश भर में स्वीकार किया जाता है—बिहार चुनावों के लिए बिल्कुल सही।

मतदान दिवस के लिए अनुमत फोटो पहचान पत्रों की सूची

इनमें से एक मूल दस्तावेज़ मतदान केंद्र पर लाएँ। ये आपके मतदाता सूची विवरण जैसे नाम और फ़ोटो से मेल खाने चाहिए। पूरी सूची इस प्रकार है:

  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पैन कार्ड
  • केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से फोटो पहचान पत्र
  • बैंक या डाकघर की फोटो पासबुक
  • फोटो के साथ पेंशन भुगतान आदेश
  • सक्रिय सशस्त्र बलों या पूर्व सैनिकों के लिए सेवा फोटो पहचान पत्र
  • मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड (फोटो सहित)
  • अनिवासी भारतीयों के लिए आधिकारिक वैध दस्तावेज़ (फोटो सहित)
  • कोई अन्य सरकारी जारी फोटो पहचान पत्र

ये विकल्प ज़्यादातर लोगों के रोज़मर्रा के दस्तावेज़ों के लिए उपयुक्त हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप गाड़ी चलाते हैं, तो आपका लाइसेंस ठीक काम करता है। बस यह सुनिश्चित कर लें कि फ़ोटो आपकी तरह दिखे और नाम एक जैसा हो।

पहले अपनी पहचान पत्र की ऑनलाइन मतदाता सूची से जाँच कर लें। अगर आपकी जन्मतिथि भी मेल खाती है, तो आप तैयार हैं। इस व्यवस्था से चुनाव के दिन समय और तनाव दोनों की बचत होती है।

प्रो टिप: ऐसा कार्ड चुनें जो ले जाने में सबसे आसान हो। पैन कार्ड आपके बटुए में आसानी से समा जाता है, जबकि पासपोर्ट भले ही भारी लगे, लेकिन वह आपके लिए सबूत होता है।

नाम में विसंगति वाले मतदाताओं के लिए प्रक्रियाएँ

अगर आपके पहचान पत्र में आपका नाम थोड़ा अलग लिखा हो, जैसे कार्ड पर “सीता देवी” लेकिन रोल नंबर पर “सीता देवी शर्मा”? अगर बाकी जानकारी मेल खाती है, तो मतदान कर्मचारी आपको वोट देने दे सकते हैं। वे पुष्टि के लिए एक छोटा सा सवाल पूछ सकते हैं।

घबराएँ नहीं—मतदान केंद्र के मुख्य अधिकारी इन मामलों को संभालते हैं। उनका उद्देश्य छोटी-छोटी टाइपिंग की गलतियों के कारण असली मतदाताओं को दूर जाने से बचाना है। लेकिन हमेशा अपनी मतदाता सूची की प्रविष्टि पहले से ही अच्छी तरह जाँच लें।

मतदाता पोर्टल पर लॉग इन करें और अपना नाम खोजें। अपने स्थानीय बूथ अधिकारी के माध्यम से अभी कोई भी त्रुटि ठीक करवाएँ। बाद में भटकने से बेहतर है कि पहले ही इसे ठीक कर लिया जाए।

यह लचीलापन दिखाता है कि चुनाव आयोग को पता है कि असल ज़िंदगी में सब कुछ सही नहीं है। बिहार के बड़े चुनावों में एक छोटी सी नाम की पर्ची आपके वोट को रोक नहीं सकती।

मतदाताओं के लिए वैकल्पिक पहचान पत्र क्यों आवश्यक हैं?

बिहार में लाखों लोग सुगम मतदान सुविधा पर निर्भर हैं। इस नियम के बिना, बिना मतदाता पहचान पत्र वाले लोग मतदान से पूरी तरह वंचित रह सकते थे। लोकतंत्र को मज़बूत बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने इसे दुरुस्त किया है।

EPIC वितरण और कब्जे में चुनौतियों का समाधान

कई पंजीकृत मतदाताओं के पास अपना मतदाता पहचान पत्र (EPC) नहीं होता, इसके कुछ साधारण कारण हैं। हो सकता है कि आपने हाल ही में पंजीकरण कराया हो और कार्ड अभी तक नहीं पहुँचा हो। या बारिश में क्षतिग्रस्त हो गया हो, यात्रा के दौरान खो गया हो, या परिवार के स्थानांतरण के बाद पीछे छूट गया हो।

बिहार में लोगों का शहरों में नौकरी के लिए जाना, स्थानांतरण की समस्या को और भी गंभीर बनाता है। कार्ड हमेशा जल्दी नहीं मिलते। अगर जारी भी हो जाएँ, तो छपाई में देरी या डाक की गड़बड़ियाँ इसमें अहम भूमिका निभाती हैं।

चुनाव आयोग का यह कदम मताधिकार से वंचित होने से लड़ता है। यह प्रशासनिक गड़बड़ियों को वोट चुराने से रोकता है। अब आप नेताओं को चुनने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, कागज़ों के पीछे भागने पर नहीं।

गाँव के एक किसान की कल्पना कीजिए—फसल की तैयारी में व्यस्त होने के कारण वह अपना कार्ड भूल जाता है। विकल्प मिलने पर वह बेफिक्र होकर वोट देता है। यहीं असली जीत है।

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