Vimarsh News
Khabro Me Aage, Khabro k Pichhe

Eco Sensitive Zone डिमना: अवैध खतरनाक फैक्ट्री उगल रही जहर, आसपास के लोग और हाथी खतरनाक परिणाम से जूझ रहे

eco sensitive zone dimana
0 86

जमशेदपुर (डिमना): मिर्जाडीह स्थित एसटीपी अलकतरा कंपनी बीसियों सालों से दलमा की दो पहाड़ियों के बीच में चल रही है। यह क्षेत्र इको सेंसिटिव ज़ोन (Eco Sensitive Zone) घोषित है, जहाँ प्रदूषण, आवाज़ और भारी उद्योग का कोई भी रूप निषिद्ध है। यह काम अवैध है और विनाशकारी परिणाम ला रहा है। इसके बावजूद, वह फैक्ट्री वर्षों से बेखौफ काम कर रही है। अब उसके असर जानलेवा रूप ले चुके हैं।

डिमना Eco Sensitive Zone से गुजर रही

फैक्ट्री से निकले रसायनों ने डिमना नाले की साफ-सुथरी धारा को गंदे, काले नाले में बदल दिया है। वही नाला, जो गर्मियों में दलमा के हाथियों को आकर्षित करता था। तीन महीने तक ये हाथी हर रात यहाँ रुकते थे, यह एक शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण था।

अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। नाले का पानी जहरीला हो चुका है। मिट्टी ग्रील्ड हो गई है। माहौल में स्थायी बदबू फैल गई है। इस वजह से हाथी यहाँ आना बंद कर चुके हैं। वे अब इस जहरीले वातावरण से दूर रहना बेहतर समझते हैं। यह बस शुरुआत है।

हाथियों का वापस आना मुश्किल हो गया है। यह संकेत है कि पूरे जंगल का संतुलन बिगड़ रहा है। स्थानीय पौधे, पक्षी, छोटे जानवर सब प्रभावित हो रहे हैं। यह नुकसान केवल प्रकृति का नहीं, बल्कि हमारी विरासत का भी है।

सबसे चिंता जनि बात यह है कि सब कुछ कानून के सुरक्षा घेरे में हो रहा है। कंपनी अदालत के आदेश और कागजी मंजूरी का हवाला देकर अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। लेकिन हकीकत कुछ और ही कहती है। नाला जमे हुए कचरे का ढेर है। हाथी अब दिखाई नहीं देते। जैव विविधता धीरे-धीरे खत्म हो रही है।

सवाल अभी भी हमारे सामने है—क्या हम विकास के नाम पर इस जानलेवा खेल को खामोशी से सहेंगे?

क्या हमारी जिम्मेवारी सिर्फ़ अपने घरों तक सीमित है? और जो पहाड़ियों के उस पार हो रहा है, वह हमारे भागीदारी का हिस्सा नहीं?

अब वक्त है सचेत होने का। हमें सोचना होगा, समझना होगा और आवाज उठानी होगी।

डिमना और दलमा को बचाना हमारी जिम्मेदारी है—ताकि आने वाली पीढ़ी जंगल की सांसें और हाथियों की पदचाप को महसूस कर सके।

WhatsApp Image 2025 06 07 at 11.20.53 AM
दीपक रंजीत, सामाजिक कार्यकर्ता

इसे भी पढ़ें – Hemant Government, जो कहा, वो करो! हज़ारों आदिवासी-मूलवासी का एक दिवसीय धरना

Leave a comment