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Rahul Gandhi के ऐलान के बाद Election Commission की बड़ी कार्रवाई: मतदाता सूची में बड़ा बदलाव

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ताजा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी की प्रक्रिया पर सवाल नीचे दिए गए हैं। उन्होंने आलंद विधानसभा सीट पर बड़े पैमाने पर नाम काटे जाने का आरोप लगाया। यह रहस्योद्घाटन सिद्धांत यह था कि पूरी राजनीति हिल गई। लोग बहस में क्या मतदाता सूची में हेराफेरी हो रही है? बस एक सप्ताह के भीतर चुनाव आयोग ने कदम उठाया।

इस सम्मेलन के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपने पोर्टल में तेजी से बदलाव किये। उन्होंने नए नियम जोड़े जो मतदाता सूची को सुनिश्चित करते हैं। यह कदम इतनी तेजी से था कि कई लोग हैरान रह गए। आयोग ने ई-सेवा पोर्टल और ऐप पर नया लॉन्च किया है। अब मतदाताओं को अपनी जानकारी साझा करने के लिए सशक्त बनाना जारी रखना होगा। यह बदलाव राहुल गांधी के पोर्टफोलियो का सीधा जवाब लगता है।

Rahul Gandhi के ऐलान के बाद Election Commission की बड़ी कार्रवाई: अचानक हुआ बदलाव

चुनाव आयोग ने अपने ऑफ़लाइन मंच पर कई तकनीकी बदलाव किए। ये स्टेप वोटर लिस्ट में अव्यवस्थित निषेध के लिए हैं। आयोग का ई-सेवा पोर्टल अब अधिक सुरक्षित हो गया है।

ई-साइन फीचर चुनाव आयोग का नया टूल है। यह ई-सेवा पोर्टल और ऐप उपलब्ध है। इसका मुख्य काम मतदाता सूची बनाना सबसे आसान है।

वोटर्स अब नाम जोड़ने, निकालने या निकालने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। पहली प्रक्रिया जटिल थी। अब यह डिजिटल साइन की मदद से तेज होगा। उदाहरण के लिए, अगर आप अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करना चाहते हैं, तो बस ऐप खोलें और ई-साइन चुनें। यह खासियत है भारत का डिजिटल इंडिया फर्स्ट से शुरू। इससे लाखों वोटर्स को फायदा होगा।

आधार-लिंक्ड फ़ोन नंबर से पहचान सत्यापन

अब आधार से जुड़े फोन नंबर से पहचान साबित करने के लिए कोई भी बदलाव करें। सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह कदम जरूरी है। बिना सत्यापन के नाम नहीं कटेंगे।

यह क्यों महत्वपूर्ण है? क्योंकि इससे फर्जी आवेदन रुकेंगे। कृपया किसी गलत तरीके से अपना नाम काटने का प्रयास करें। आधार लिंक वाले ओटीटी से वह साबित हो जाएगा कि आवेदन असली है या नहीं। यह उपकरण या आधार कार्ड अपडेट जैसा है। लाखों मतदाताओं का डेटा सुरक्षित है। पुराना सिस्टम ख़राब हो गया था, अब वह दूर हो गया।

पोर्टल और ऐप पर लागू किये गये नये नियम

नए नियम ई-सीओसी के डिजिटल नेटवर्क को मजबूत बनाते हैं। वोटर्स को अब मल्टीपल पिक्चर्स इलेक्ट्रानिक पढेगी। इससे इंजीनियर्स का अनुभव सबसे अच्छा रहेगा।

पोर्टल पर अनलॉक सख्त हो गया। ऐप में नोटिफिकेशन सिस्टम जुड़ा। वोटर्स को तत्काल अपडेट की आवश्यकता है। इस बदलाव से पूरे देश के 90 करोड़ वोटर्स प्रभावित होंगे। पहले नाम काटन आसान था, अब नहीं। आयोग का यह कदम फ़्लोरिडा को बढ़ावा देगा।

राहुल गांधी के आरोप की पहचान: आलंदन सीट का मामला

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए कई गंभीर आरोप। उन्होंने वोटर लिस्ट मैनिपोलेशन का ज़िक्र किया। खासतौर पर आलंद सीट पर फोकस किया गया। यह मामला क्यों रिपब्लिकन में आया?

फ़्लोरिडा के असोसिएट पर बड़े पैमाने पर डिलीट करने का आरोप

राहुल गांधी ने कहा कि लंदन में हजारों वोटर्स के नाम काटे गए. उन्होंने दावा किया कि यह पैटर्न फ़्लोरिडा था। बड़े पैमाने पर डिलीट करने से चुनाव प्रभावित होता है।

उन्होंने इस बात की पुष्टि के तौर पर डेटा दिखाया है। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वोटर्स का नाम बताया गया है। यह आरोप अर्थशास्त्र की रणनीति का हिस्सा लगता है। यदि सही साबित हुआ, तो बड़ा रेस्टोरेंट खोला जा सकता है। आयोग को अब जांच करनी चाहिए।

आलंद विधानसभा सीट पर विशेष ध्यान

अलैंड कर्नाटक की एक महत्वपूर्ण सीट है। यहां राजनीतिक लड़ाई का सिलसिला रहता है। राहुल गांधी ने इसे उदाहरण के तौर पर बनाया क्योंकि डेटा में गड़बड़ी सामने आई थी।

इस सीट पर कुल 2 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं। नाम कटने से हजारों हुए प्रभावित। यह सीट चुनावी मैदान में है। राहुल का फोकस इसलिए था ताकि राष्ट्रीय स्तर पर भूस्खलन हो सके। अब आलंद का मामला पूरे देश में चर्चा का विषय है।

विवाद का तूल पकड़ने और जन प्रतिक्रिया

कॉन्फ्रेंस के बाद सोशल मीडिया पर मच गया धमाल। मीडिया ने इसे प्रमुखता दी। जनता ने आयोग से मांगा जवाब।

कईयों ने जांच की मांग की। विवाद इतना बढ़ गया कि आयोग ने तुरंत एक्शन ले लिया। लोग कह रहे हैं कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। लेकिन सवाल बाकी हैं कि क्या और उदाहरण सामने आएंगे?

नए ई-साइन फीचर के फायदे: क्या बदलेगा?

ई-साइन फीचर वोटर लिस्ट की संभावनाओं को हल करना। यह राहुल गांधी के पोर्टफोलियो से सीधे स्थापित है। बदलाव से चुनावी प्रमुख मंत्री होंगे। आइए देखें मुख्य फायदे।

मतदाता सूची से नाम जोड़ना अधिक कठिन होगा

अब नाम लेना आसान नहीं रहेगा। सत्यापन के बिना कोई बदलाव नहीं होगा। इससे वैध वोटर्स सुरक्षित रहेंगे।

पुराने तरीके से कोई भी फर्जी दस्तावेज पेश नहीं किया जा सकता था। अब आधार लिंक चेक करें। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई पड़ोसी आपका नाम काटने की कोशिश करे, तो ओटीपी रुकेगा। इससे हेराफेरी 80% तक कम हो सकती है। वोटर्स को चिंता कम होगी।

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