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पूर्व BJP विधायक नलिन कोटडिया और SP जगदीश पटेल को आजीवन कारावास की सजा: मामला अपहरण और क्रिप्टोकरेंसी का

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पूर्व भाजपा विधायक नलिन कोटडिया को आजीवन कारावास की सजा मिली है। अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट ने यह चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। उन्हें बिटकॉइन जबरन वसूली के एक बड़े मामले में दोषी पाया गया है। कोटडिया के साथ, 14 अन्य लोगों को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है। इनमें अमृतसर के पूर्व एसपी जगदीश पटेल और पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अनंत पटेल भी शामिल हैं। यह मामला अपहरण और क्रिप्टोकरेंसी के जबरन हस्तांतरण के आरोपों से जुड़ा है। यह इस बात की भयावह तस्वीर पेश करता है कि सत्ता का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है।

कुख्यात “हम डूबेंगे, तुम्हें भी ले जाएंगे” मानसिकता

मुहावरा “हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे” का अर्थ है “हम डूबेंगे, लेकिन तुम्हें भी डुबो देंगे।” यह कहावत इस अपराध की गहरी प्रकृति को बखूबी दर्शाती है। यह दूसरों को भी अपने साथ नीचे खींचने की इच्छा से प्रेरित एक मकसद का संकेत देता है। यह मानसिकता अक्सर साज़िश और साझा विनाश को बढ़ावा देती है। इस मामले में, यह एक सोची-समझी योजना की ओर इशारा करता है जिसमें पतन में कई लोग शामिल थे।

बिटकॉइन जबरन वसूली योजना का खुलासा

इस कानूनी लड़ाई का मूल कारण कथित तौर पर ₹1 करोड़ मूल्य के बिटकॉइन की जबरन वसूली है। पीड़ित सूरत के एक बिल्डर शैलेश भट्ट हैं। भट्ट ने पुलिस अधिकारियों पर उनका अपहरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कथित तौर पर उन्हें बंधक बनाकर रखा और धमकाया। इस दौरान, उन्होंने उनसे जबरन बिटकॉइन अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इस जटिल साजिश में उच्च पदस्थ अधिकारी और राजनीतिक संपर्क शामिल थे।

अपराध की उत्पत्ति: अपहरण और बिटकॉइन हस्तांतरण

बिटकॉइन ट्रांसफर की घटनाएँ 2018 में शुरू हुईं। शैलेश भट्ट नाम के एक बिल्डर ने पुलिस अधिकारियों पर उनका अपहरण करने का आरोप लगाया। यह एक अन्य मामले से संबंधित पूछताछ के दौरान हुआ। कथित अपहरण अमरेली जिले में हुआ था।

शैलेश भट्ट के आरोप: भयावह अनुभव का ब्यौरा

शैलेश भट्ट ने अपने भयावह अनुभव का ब्यौरा दिया। उन्होंने दावा किया कि अमरेली ज़िले के पुलिस अधिकारियों ने उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें हिरासत में लिया। उन्होंने उन्हें एक अज्ञात स्थान पर कैद कर लिया। बंदी के दौरान, उन्होंने उन्हें डरा-धमकाकर धमकाया। उनका लक्ष्य उनसे ₹1 करोड़ बिटकॉइन में ट्रांसफर करवाना था। यह जबरन ट्रांसफर उनकी ज़बरदस्ती का सीधा नतीजा था।

अमरेली जिला पुलिस की भूमिका

आरोप विशेष रूप से वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर केंद्रित थे। पूर्व एसपी जगदीश पटेल और पूर्व इंस्पेक्टर अनंत पटेल मुख्य आरोपी थे। उन्होंने अमरेली जिला पुलिस के अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर इस योजना को अंजाम दिया। उनकी संलिप्तता उनके आधिकारिक पदों के सुनियोजित दुरुपयोग का संकेत देती है। सत्ता के इसी दुरुपयोग ने क्रिप्टोकरेंसी की लूट को संभव बनाया।

पूर्व BJP विधायक नलिन कोटडिया और SP जगदीश पटेल को आजीवन कारावास की सजा: साजिश का खुलासा

कथित जबरन वसूली सिर्फ़ पुलिस की कार्रवाई नहीं थी। सबूतों से राजनीतिक संलिप्तता की ओर इशारा मिला, जिसमें पूर्व भाजपा विधायक नलिन कोटडिया का नाम भी शामिल था। इस साज़िश को अंजाम देने में उनकी कथित भूमिका अहम थी। मामले की गहन जाँच की गई।

नलिन कोटाडिया पर इस योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्टों से पता चलता है कि वह जबरन वसूली की योजना बनाने में शामिल था। हो सकता है कि उसके राजनीतिक प्रभाव ने इस योजना को सफल बनाया हो। इस संबंध ने राजनीति और आपराधिक गतिविधियों के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया। उसकी कथित भागीदारी का उद्देश्य अवैध तरीकों से लाभ कमाना था।

सीबीआई ने बागडोर संभाली: सच्चाई का पता लगाना

केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने जाँच अपने हाथ में ले ली। उनकी जाँच में शैलेश भट्ट द्वारा लगाए गए आरोपों की बारीकी से जाँच की गई। सीबीआई के निष्कर्षों ने भट्ट के दावों की पुष्टि की। उन्होंने पाया कि पुलिस और कोटडिया के खिलाफ आरोप सही थे। इस पुष्टि ने आरोपों का मार्ग प्रशस्त किया।

फैसला: 14 आरोपियों को आजीवन कारावास

सीबीआई की जाँच के बाद, मामला सुनवाई के लिए आगे बढ़ा। अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट की एसीबी अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने सभी 14 आरोपियों को दोषी पाया। उनके अपराधों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा सुनाई गई।

अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट के अंतर्गत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने इस मुकदमे की अध्यक्षता की। यह अदालत भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए ज़िम्मेदार है। सबूतों की उनकी गहन समीक्षा के बाद यह ठोस निष्कर्ष निकला। इस फैसले ने न्याय के प्रति अदालत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

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