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Ghosi by-election controversy: अखिलेश यादव का BJP पर पहले से वोट काटने की साजिश का बड़ा आरोप

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बीजेपी पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगा है। घोसी उपचुनाव विवाद (Ghosi by-election controversy) में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने पहले ही प्लान बना लिया था। वे 20,000 वोट काटने की तैयारी कर चुके थे। SIR का नामोनिशान भी नहीं था तब। अब जनता की चीख-पुकार से मजबूर होकर SIR कराना पड़ रहा है। ये दावा सुनकर सवाल उठता है – क्या चुनावी धांधली अब खुली आंखों से हो रही है?

घोसी का ये उपचुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में आग लगा रहा है। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों ने हंगामा मचा दिया। अखिलेश का बयान सीधा निशाना साधता है। वे कहते हैं कि ये सब पहले से सोचा गया था। जनता जाग चुकी है। अब SIR प्रक्रिया से सच्चाई सामने आएगी या नहीं, ये देखना बाकी है।

वोट काटने का धमाकेदार आरोप: पहले से तय प्लान

अखिलेश यादव ने साफ कहा। भाजपा ने घोसी में 20,000 वोट काटने की तैयारी SIR आने से पहले ही कर ली। ये कोई अचानक फैसला नहीं था। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सब कुछ प्लान कर रखा था। जनता को धोखा देने की कोशिश साफ दिखी।

2022 चुनाव हार से घोसी का कनेक्शन

2022 के विधानसभा चुनाव याद हैं? समाजवादी पार्टी को हार मिली। तब भी आरोप लगा था। चुनाव आयोग पर वोट काटने का इल्जाम। अखिलेश कहते हैं कि इसी वजह सरकार न बन सकी। अब घोसी में वही कहानी दोहराई जा रही। पुरानी चोटें फिर ताजा हो गईं। ये पैटर्न डरावना लगता है। क्या लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा?

SIR क्यों जरूरी हो गया?

वोट में हेराफेरी की बातें फैल गईं। वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें। जनता सड़कों पर उतर आई। मजबूरी में चुनाव आयोग को SIR शुरू करना पड़ा। अखिलेश इसे जन दबाव का नतीजा बताते हैं। ये कोई ईमानदार कदम नहीं। बल्कि बचाव का तरीका है। अब सवाल ये कि सच्चाई क्या छिपी है?

SIR प्रक्रिया का राज: जरूरत या छिपाने का बहाना?

अखिलेश की नजर में SIR कोई रूटीन काम नहीं। ये जनता के गुस्से से निकला कदम है। भाजपा की नाकामी को ढंकने की कोशिश। वोट चोरी की बातें सब जान चुके। अब सफाई देने का वक्त आ गया। समाजवादी पार्टी इसे मौका मान रही। लेकिन सतर्क रहकर।

SIR से कमियां छिपाने की कोशिश

SIR मतलब स्पेशल समरी रिवीजन। वोटर लिस्ट साफ करने का काम। लेकिन अखिलेश कहते हैं ये अपनी गलतियां छिपाने के लिए। पहले वोट काटे। अब नाम जोड़ो-घटाओ। ये खेल बंद होना चाहिए। जनता भ्रमित न हो। सच्चाई सामने लाओ।

समाजवादी पार्टी की भागीदारी

सपा ने फैसला लिया। SIR में हिस्सा लेंगे। शिकायतें करेंगे। सुधार भी करेंगे। ये स्मार्ट कदम है। विरोध के साथ काम। अखिलेश हर कार्यकर्ता को धन्यवाद देते हैं। ये लड़ाई जारी रहेगी।

सपा कार्यकर्ता मैदान में उतर आए। PDF प्रहरी बनकर। वोटर लिस्ट चेक कर रहे। गड़बड़ी पकड़ रहे। नाम गायब तो जोड़ रहे। ये grassroots पावर है। छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव लाएंगे।

कार्यकर्ताओं को वोटर लिस्ट का पहरेदार बनाना

PDF प्रहरी क्या करते हैं? लिस्ट डाउनलोड कर चेक। हर नाम वेरिफाई। गलती हो तो रिपोर्ट। अखिलेश इन्हें सलाम करते। एक-एक को थैंक्स। ये समर्पण देखने लायक। पार्टी मजबूत हो रही।

अखिलेश की अपील सीधी। आम लोग जुटो। वोटर लिस्ट ठीक करो। अपना वोट बचाओ। कटने से रोकें। सब मिलकर करें। ये आपका हक है। नजर रखो हर कदम पर।

अपने वोट की रक्षा: व्यावहारिक कदम

अब बात काम की। आप क्या करें? वोटर लिस्ट चेक करें। नाम है या नहीं। SIR के दौरान ठीक करें। देर न करें। ये आपका वोट। इसे बचाएं।

वोटर लिस्ट में नाम चेक कैसे करें
– चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाएं।
– अपना राज्य चुनें। विधानसभा क्षेत्र डालें।
– नाम सर्च करें। मोबाइल नंबर से भी चेक। सरल तरीका। पांच मिनट लगें। आज ही करें। नाम न हो तो फॉर्म भरें।
नाम डिलीट होने से बचाव के कदम
– दस्तावेज जमा करें। आधार, वोटर आईडी।
– फॉर्म 6 भरें नाम जोड़ने को।
स्थानीय बूथ पर जाकर अपडेट। गड़बड़ी मिले तो तुरंत शिकायत। फोटो लें सबूत के। फॉलो-अप करें। ये कदम जरूरी।

अगर नाम गायब है:

  • ऑनलाइन फॉर्म भरें।
  • ऑफलाइन BO से संपर्क।
  • ट्रैकिंग आईडी नोट करें। सावधानी बरतें।
  • वोट आपका हथियार।

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