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Jagannath Puri Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में  जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ

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Jagannath Puri Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा का शुभारंभ 1 जुलाई यानि की शुक्रवार से हो चुका है। रथ यात्रा के पहले दिन देश भर में उत्सव का माहौल देखने को मिला। इस रथयात्रा की रस्में शुक्रवार की सुबह मंगला आरती और पूजा के साथ शुरू हुई थी।  फिर भगवान को भोग लगाया गया। इसके बाद सुबह 7 बजे भगवान जगन्नाथ बड़े भाई और बहन के साथ मंदिर से बाहर आए। इसके बाद रथ प्रतिष्ठा और अन्य रस्में हुईं। पुरी के राजा दिव्य सिंह देव ने छोरा पोहरा की परंपरा पूरी करते हुए सोने के झाड़ू से रथों को बुहारा। इसके बाद रथयात्रा शुरू हुई।

रथयात्रा के पहले दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत राज्य के कई बड़े नेताओं और अन्य गणमान्य लोगों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और साथ ही बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन किए। साथ ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्यपाल गणेशीलाल,  केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ मुरलीधर ने भगवान जगन्नाथ के रथ ‘नंदीघोष’ को खींचा।

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रथ यात्रा का शुभारंभ 1 जुलाई से हुआ है और इसका समापन 12 जुलाई को होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। पुरी में जगन्नाथ मंदिर में हर साल धूमधाम के साथ रथयात्रा निकाली जाती है। जगन्नाथ मंदिर से तीन सजेधजे रथ रवाना होते हैं। इनमें सबसे आगे बलराज जी का रथ, बीच में बहन सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे जगन्नाथ प्रभु का रथ होता है।

कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी। तब जगन्नाथ जी और बलभद्र अपनी बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े। इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और सात दिन ठहरे। तभी से यहां पर रथयात्रा निकालने की परंपरा है।

 

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