Sen your news articles to publish at [email protected]
Hardeep Singh Nijjar: आतंकी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में मारा गया
Hardeep Singh Nijjar: कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सरगना हरदीप सिंह निज्जर मारा गया। उसे भारत सरकार ने हाल ही में आतंकी घोषित किया था। एनआईए ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। हाल ही में भारत सरकार ने 41 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें हरदीप निज्जर शामिल था। निज्जर को गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 2020 के तहत व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया गया था।
Hardeep Singh Nijjar: हरदीप निज्जर को कनाडा के Surrey में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह कनाडा के सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा हुआ था। वह पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला था। फिलहाल भारतीय जांच एजेंसियां कनाडा की जांच एजेंसियों से इस वारदात के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। निज्जर पिछले कई सालों से कनाडा रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था।
कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था। निज्जर के दो सहयोगियों को फिलीपींस और मलेशिया से गिरफ्तार किया गया था।
Hardeep Singh Nijjar: साल 2022 में पंजाब के जालंधर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। एनआईए के मुताबिक, पुजारी की हत्या की साजिश खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) ने रची थी। कनाडा में रहने वाला निज्जर KTF का प्रमुख था।
निज्जर ने शुरू में आतंकी समूह बब्बर खालसा के लिए काम किया। वह 2007 में लुधियाना में शृंगार सिनेमा हाल में बम विस्फोट और 2009 में पटियाला में राष्ट्रीय सिख संगत के प्रमुख रुल्दा सिंह की हत्या समेत इस सदी के पहले दशक में कई आतंकी घटनाओं में शामिल था।
साल 2011 में निज्जर की मुलाकात पाकिस्तान में रहने वाले केटीएफ सरगना जगतार सिंह तारा से उसकी मुलाकात हुई थी और उसके बाद ही वह केटीएफ में शामिल हो गया। बाद में तारा को थाइलैंड से भारत लाया गया था।
Hardeep Singh Nijjar: तिरंगे का करता था अपमान…भारत के किसी भी राष्ट्रीय महत्व के दिन के अवसर पर निज्जर कनाडा में वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर तिरंगे का अपमान करते नज़र आता था। पिछले साल कनाडा के ओंटारियो में खालिस्तान के पक्ष में जनमत संग्रह कराने में भी उसकी बड़ी भूमिका थी।