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INDIA FERTILITY RATE: प्रजनन दर के मामले में बिहार टॉप पर, झारखंड और यूपी भी टॉप ब्रैकेट में

NFHS सर्वे में भारतीय महिलाओं की निर्णय क्षमता और उनके बैंक एकाउंट में इज़ाफा

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INDIA FERTILITY RATE: नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (NFHS) में महिलाओं की प्रजनन क्षमता के मामले में बिहार देश में अव्वल है। वहीं झारखंड और उत्तर प्रदेश भी टॉप ब्रैकेट में बने हुए हैं।

INDIA FERTILITY RATE: वहीं सर्वे में भारतीय महिलाओं में निर्णय लेने की क्षमता और उनके बैंक एकाउंट में भी अच्छे खासी बढ़ोतरी हुई है।

आँकड़ों पर गौर करें तो भारत में औसत प्रजनन यानि की औरतों में बच्चा पैदा करने की क्षमता में गिरावट दर्ज की गई है। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे में फर्टिलिटी दर 2 से 2.2 के बीच है। वहीं देश के पाँच राज्यों में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे में ये खुलासा हुआ है। सर्वे में जिन पाँच राज्यों में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, उसमें बिहार टॉप पर है। बिहार में ये औसत 2.98 है। मतलब बिहार में महिलाओं के संतान जनने की औसत क्षमता तीन बच्चे की है।

मेघालय दूसरे नंबर पर है। यहां प्रजनन दर 2.91 है। उत्तर प्रदेश में ये आँकड़ा 2.35 बच्चे का है। झारखंड चौथे पायदान पर है। यहां प्रजनन दर 2.26 है। वहीं मणिपुर में महिलाओं की प्रजनन दर 2.17 है।

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एनएफएचएस के आँकड़े के अनुसार 12 माह से 23 माह के 77 फीसदी बच्चों को ज़रूरी वैक्सीन की खुराक मिल चुकी होती है। पाँच साल तक के बच्चों में वैक्सीन की खुराक मिलने में 2 फीसदी की गिरावट देखी गई है। हालाँकि शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन प्रकिया में वृद्धि देखी गई है।

सर्वे में महिलाओं की निर्णय शक्ति में बढ़ोतरी देखी गई। शादीशुदा महिलाओं में घरेलू मामले में निर्णय लेने की क्षमता में इजाफा हुआ है। वहीं खुद के स्वास्थ्य के प्रति भी उनकी क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ घरेलू सामान की खरीदारी और रिश्तेदारों के यहाँ आने-जाने में उनकी निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि हुई है। इसी के साथ उनके बैंक एकाउंट बढ़े हैं और उसमें मुद्रा भी बढी है।

वहीं एनएफएचएस सर्वे में देश में लोगों के मोटापा को लेकर बुरी खबर आई है। अब लोगों का वजन पहले के मुकाबले बढ़ा है। कुछ लोगों का औसत वजन पहले से बढ़ा है, जबकि कुछ और मोटे हो गए हैं। ये बढ़ोतरी महिलाओं में जहाँ तीन फीसदी है, वहीं पुरुषों में ये आँकड़ा 4 फीसदी हो गया है। जो देश के लिए चिंता की बात है।

एनएफएचएस का ये सर्वे 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित राज्यों के लाखों महिलाओं और पुरुषों के संकलित डेटा पर आधारित है।

बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर प्रजनन, शिशु और बाल मृत्यु दर, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, पोषण, एनीमिया, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता विस्तार से जानकारी देता है।

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