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Justice UU Lalit: जस्टिस यूयू ललित बने देश के नए चीफ जस्टिस, 74 दिन का होगा कार्यकाल

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Justice UU Lalit: जस्टिस यूयू ललित ने शनिवार को भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शपथ दिलाई। भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित भारतीय न्यायपालिका के छठे ऐसे प्रमुख होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिन से कम होगा। जस्टिस ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा और वह 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

Justice UU Lalit: सीजेआई यूयू ललित अपने फैसलों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। तीन तलाक को गैर कानूनी करार देने वाले ऐतिहासिक फैसले में वो शामिल रहे। उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।

Justice UU Lalit: बता दें कि जस्टिस ललित को 13 अगस्त 2014 को वरिष्ठ अधिवक्ता से सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वह मुस्लिमों में ‘तीन तलाक’ की प्रथा को गैर कानूनी ठहराने सहित कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे। 5 जजों की संविधान पीठ ने अगस्त 2017 में 3 : 2 के बहुमत से ‘तीन तलाक’ को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इन तीन जजों में जस्टिस ललित भी थे। उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई से खुद को जनवरी 2019 में अलग कर लिया था। मामले में एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने संविधान पीठ को बताया था कि जस्टिस ललित यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वकील के तौर पर एक संबंधित मामले में वर्ष 1997 में पेश हुए थे।

Justice UU Lalit: बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु होने पर सेवानिवृत्त होते हैं। ऐसे में जानते हैं कि ऐसे चीफ जस्टिस के बारे में जिनका कार्यकाल 100 दिन से कम रहा।

पूर्व चीफ जस्टिस कमल नारायण सिंह का कार्यकाल 18 दिन का ही रहा था। वे 25 नवंबर 1991 को चीफ जस्टिस नियुक्त हुए थे। उन्होंने 12 दिसंबर 1991 तक इस जिम्मेदारी को संभाला था।

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जस्टिस एस राजेंद्र बाबू ने दो मई 2004 से 31 मई 2004 तक सीजेआई के रूप में सेवाएं दी थीं। न्यायमूर्तिबाबू का कार्यकाल 30 दिन का था।

जस्टिस जेसी शाह 36 दिन तक प्रधान न्यायाधीश रहे थे। उनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से लेकर 21 जनवरी 1971 तक था।

जस्टिस जीबी पटनायक ने प्रधान न्यायाधीश के रूप में 41 दिन तक कार्यकाल संभाला था। वे आठ नंवबर 2002 से 18 दिसंबर 2002 तक सीजेआई रहे।

जस्टिस एलएम शर्मा का कार्यकाल 86 दिन रहा। वह 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर थे।

Justice UU Lalit: इससे पहले सीजेआई उदय उमेश ललित ने पूर्व सीजेआई एनवी रमण से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जस्टिस रमण को उनके जन्मदिन पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जस्टिस रमण बतौर सीजेआई 16 महीने से अधिक के कार्यकाल के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए।

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