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कंगना रनौत controversial statement: BJP और मोदी पर उठाये सवाल!
controversial statement कंगना रनौत
कंगना रनौत का नाम अक्सर सुर्खियों में रहता है, चाहे वह उनके फिल्मों की चर्चा हो या उनके विवादित बोल। उन्होंने बॉलीवुड और राजनीति दोनों में अपनी जगह बनाई है। हाल के दिनों में, उनके बयानों ने काफी बवाल मचा दिया है। खासतौर पर, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर सीधे-सीधे सवाल खड़े किए हैं, तो चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। इस लेख में, हम उनके राजनीतिक सफर, सम्मान, और बयानबाजी की बात करेंगे, जो बहस का माहौल गर्म कर रहे हैं।
कंगना रनौत का राजनीतिक सफर और टिकट पाने की कहानी
जब चुनाव का टाइम आया, तो भाजपा ने कंगना रनौत को टिकट देने का फैसला किया। पार्टी का कहना था कि उन्हें एक खास प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ 60-70 दिनों का काम करना है। उनका मानना था कि इतना लंबा समय नहीं लगेगा। यह जानकारी सोशल मीडिया और मीडिया में खूब चर्चा में आई। पार्टी का आशय था कि वह अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ें, और फिर वापस अपने काम में लग जाएं।
मंडी सीट से चुनाव जीतना और राजनीतिक अनुभव
कंगना का चुनाव लड़ना आसान नहीं था। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से उन्होंने जीत हासिल की। यह सीट उनके गृह क्षेत्र से थी। पहले कहा जा रहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उस सीट से लड़ने की तैयारी कर रहे थे। पर अचानक, पार्टी ने फैसला किया कि कंगना को ही वहाँ रिप्रेजेंटटिव बनाया जाएगा। इस जीत को कई राजनीतिक कयासों से भी जोड़ा गया। उनके सपोर्टर ने माना कि यह एक सम्मान है, जो उनके मेहनत का फल है।
मंत्री पद की इच्छाएँ और निराशाएँ
इतनी सारी मेहनत, पुरस्कार और जीत के बाद भी, कंगना को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्री पद मिलेगा। वह चाहती थीं कि उन्हें कोई विभाग मिलता। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उन्हें क्यों नहीं मौका दिया गया? माना जाता है कि कैबिनेट में मंत्री बनने का फैसला प्रधानमंत्री ही लेते हैं। फिर भी, इससे उनकी नाराजगी साफ दिखती है। वह मोदी सरकार पर निशाना भी साध रही हैं, बिना सीधे नाम लिए।
कंगना का मोदी पर बिना सीधे नाम लिए सवाल
कंगना का मानना है कि उन्होंने कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं की। वह कहती हैं कि जब मोदी आते हैं, तो भाषण देकर चले जाते हैं, लेकिन उनसे कोई मिलने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने अपने इंटरव्यू में ये बात कही। सवाल है कि क्या इससे उनके मन में मोदी के लिए इजहार है या फिर सिर्फ नाराज़गी। हाल के बयानों में, वह बिना नाम लिए ही मोदी पर सवाल उठा रही हैं। यह बात खास तौर पर चर्चा का विषय बन गई है।
कांग्रेस और विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दल भी पीछे नहीं हैं। उनसे कहा गया है कि यदि मोदी जी से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई, तो वह पार्टी को छोड़ दें। सोशल मीडिया पर भी विपक्षी नेताओं ने तंज कसे हैं। वे कह रहे हैं कि एक पार्टी का सांसद होने के नाते, राजनीति को पार्ट टाइम जॉब समझने लोग खुद को सरकार के साथ हैं। जनता उनकी बात सुनती है या नहीं, यह भी बड़ा सवाल है।
पूर्व बयानों का संदर्भ और तुलना
कंगना का पहले का रवैया भी विवादित रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाए कि वह ड्रग एडिक्ट हैं। साथ ही, किसान आंदोलन पर भी टिप्पणियां कीं, जिनके लिए उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी। फिल्म ‘इमरजेंसी’ का भी विवाद हुआ, जब उनकी रिलीज़ को रोक दिया गया। ऐसे बयानों ने उनकी छवि को प्रभावित किया है। अब, जब वह अपने नैरेटिव में बदलाव कर रही हैं, तो देखने वाली बात है कि कौन किस पर विश्वास करे।
कंगना रनौत को पद्मश्री सम्मान
कंगना को भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्मश्री, मिला। यह पुरस्कार उनके फिल्मों और सामाजिक योगदान का प्रमाण है। कोई भी सम्मान, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसकी राजनीति से जुड़ी अवधारणा भी होती है। कंगना का दावा है कि उनके योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान मिला। पर सवाल यह है कि क्या यह सम्मान उनके राजनीतिक स्वार्थ को जताने का माध्यम है या उनकी असली उपलब्धि?
राजनीतिक आकांक्षाएँ और निराशाएँ
मंडी सीट पर जीत के बावजूद, उन्हें कोई विभाग या मंत्री पद नहीं मिला। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके पास सम्मान हैं, फिर भी उन्हें मंत्रालय नहीं मिला। इससे साफ है कि उनकी राजनीति में दिलचस्पी अभी भी चमक रही है। उनका सपना था कि वह सत्ता में खड़ी हों, और विभाग संभालें।
कंगना का बॉलीवुड और राजनीतिक संबंध
फिल्म ‘इमरजेंसी’ का विवाद हुआ तो वह काफी चर्चा में आया। यह फिल्म वर्तमान राजनीतिक माहौल से जुड़ी थी। चुनावों के दौरान, जब यह रिलीज़ नहीं हो पाई, तो उनके आलोचक बोले कि यह उनका राजनीतिक खेल है। साथ ही, उनकी फिल्में और बयान, दोनों ही, हमेशा राजनीतिक अर्थों में देखे जाते हैं। क्या ऐसे बयान उनके फिल्मी करियर को प्रभावित कर रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक छवि
कंगना अक्सर अपने पोस्ट्स डिलीट कर देती हैं व माफी मांगती हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी बातें अक्सर विवादित हो जाती हैं। कई बार, उन्होंने कहा कि फिल्म या बयान के बाद, उन्हें तुरंत माफ़ी माँगनी पड़ती है। जनता का नजरिया भी बदल रहा है। समर्थक अपने विचार रखते हैं, तो विपक्षी नेताओं को मौका मिलता है सवाल उठाने का।
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