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Kisan Mahapanchayat: 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर विशाल महापंचायत; लाखों किसानों को डल्लेवाल देंगे संदेश

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Kisan Mahapanchayat: किसान आंदोलन के तहत 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक विशाल किसान महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसमें देशभर के लाखों किसान शामिल हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार को आंदोलनकारी किसानों पर सख्ती बढ़ाने के आदेश दिए जा रहे हैं।

किसान आंदोलन के तहत, 30 दिसंबर को पंजाब बंद बुलाया गया है। साथ ही किसानों ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक विशाल किसान महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसमें देशभर के लाखों किसान शामिल हो सकते हैं। इसके लिए किसान तैयारी कर रहे हैं, और इस महापंचायत में जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों को कोई बड़ा संदेश दे सकते हैं।

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शनिवार को एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल से मिलने पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं अभिमन्यु कोहाड़ और काका सिंह कोटड़ा ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह महापंचायत डल्लेवाल की इच्छा पर हो रही है, क्योंकि वे देश के विभिन्न राज्यों के किसानों से मिलना चाहते हैं। डल्लेवाल देशभर में किसानी आंदोलन को मजबूत करना चाहते हैं। इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, राजस्थान और अन्य राज्यों से किसान हिस्सा लेंगे। खराब सेहत के बावजूद डल्लेवाल भी इस महापंचायत को संबोधित करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ तो सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार को आंदोलनकारी किसानों पर सख्ती बढ़ाने के आदेश दिए जा रहे हैं। डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें यह शब्द केंद्र सरकार की ओर से लगते हैं, और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल सरकार कर सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को यह नहीं करना चाहिए।

डल्लेवाल ने कहा, “अगर किसी को इंसाफ नहीं मिलता, तो वह सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाता है। इससे उन्हें दुख हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के मामले में सरकार को सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। शायद अदालत यही चाहती है कि किसानों पर गोलियां चलाई जाएं। यह कैसी हमदर्दी है?”

डल्लेवाल का आमरण अनशन शनिवार को 33वें दिन में प्रवेश कर गया है। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई है, और अब वे पानी भी नहीं पी पा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, डल्लेवाल को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर इलाज की आवश्यकता है, लेकिन वे अनशन खत्म करने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।

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