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Kulgam Encounter: कुलगाम में हुई दो मुठभेड़ों में 4 आतंकी ढेर, दो जवान शहीद
Kulgam Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सेना जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में चार आतंकी ढेर हुए हैं। वहीं, दो जवान शहीद हो गये।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में दो जगहों पर हुई मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए जबकि सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया है।
ड्रोन फुटेज में आतंकियों के शव मुठभेड़ स्थल पर पड़े हुए दिखे। पूरे इलाके की घेराबंदी की गई है। कश्मीर के आईजी बीके बिर्दी ने बताया कि फ्रिसल चिन्नीगाम में चार आतंकी मारे गए हैं। बीते एक माह में सुरक्षाबल 10 आतंकियों का खात्मा कर चुके हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शनिवार सुबह पुलिस और सुरक्षाबलों की एक टीम ने विशेष इनपुट के आधार पर कुलगाम के मुदरघम इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।
सुरक्षा बलों के संदिग्ध क्षेत्र की ओर बढ़ते ही छिपे हुए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस पर सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। फायरिंग में लांस नायक प्रदीप नैन घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, पर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
सुरक्षा बलों ने सतर्कता बरतते हुए अभियान जारी रखा। पूरे इलाके को घेर रखा है ताकि आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब न हो सकें।
वहीं, दूसरी मुठभेड़ फ्रिसल चिन्नीगाम इलाके में हुई। आतंकियों की मौजूदगी पर सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया और घेरा सख्त होने पर दहशतगर्दों ने फायरिंग की।
सुरक्षा बलों ने आतंकियों को घेर कर जवाबी कार्रवाई की। इसमें चार आतंकी मार गिराए गए। आतंकियों की गोलीबारी में हवलदार राजकुमार घायल हुआ और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
आईजी वीके बिर्दी ने फ्रिसल चिन्नीगाम में घटनास्थल का दौरा करने के बाद बताया, मुठभेड़ अभी जारी है। आतंकियों के कुछ शव ड्रोन कैमरों में देखे गए हैं, पर गोलीबारी नहीं रुकने के कारण उन्हें हटाया नहीं जा सका है। अब भी कई आतंकी छिपे हो सकते हैं।
आईजी ने यह भी बताया कि मुठभेड़ वाली जगह श्रीनगर जम्मू राजमार्ग के निकट नहीं बल्कि दूर-दराज के इलाके में है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
जवानों ने चिन्नीगाम में विभिन्न मकानों की तलाशी शुरू की। आतंकी बाग के पास बने मकान में छिपे थे। जवानों को अपने ठिकाने की तरफ आते देख आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। जवानों ने आतंकियों की गोलियों के बीच ही आसपास के कई मकानों से लोगों को सुरक्षित जगह पर भी पहुंचाया।
सेना के सूत्रों ने बताया कि मारे गए चारों आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हो सकते हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल आतंकियों की गतिविधियों पर निगाह बनाए हुए हैं और इन आतंकियों का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धि है।