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Lalu Yadav का भोजपुरी में चुनावी धमाका: दिया”चोर हटाओ, भाजपा भगाओ” का संदेश

lalu yadav's election blast in bhojpuri gave the message of chor hatao bjp bhagao
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लोकतंत्र की धरती बिहार ने अपने मतदाताओं के भविष्य के लिए एक नई लड़ाई छेड़ दी है। सासाराम के ऐतिहासिक मैदान में इंडिया एलायंस ने “मतदाता अधिकार यात्रा” का बिगुल फूंका, जो अपार जन उत्साह और समर्थन से प्रेरित एक आंदोलन है। इस महत्वपूर्ण आयोजन में बिहार के राजनीतिक परिदृश्य के प्रमुख नेता, जिनमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे और अद्वितीय लालू प्रसाद यादव(Lalu yadav) शामिल हैं, एक मंच पर एकजुट हुए। विशाल जनसमूह द्वारा एकजुटता के गगनभेदी नारों ने इस अभियान की शुरुआत हुई, जो संवैधानिक और मतदाता अधिकारों के लिए एक निर्णायक लड़ाई का संकेत था।

यह रैली केवल राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन नहीं थी; यह एक सशक्त घोषणा थी कि यह यात्रा केवल राजनीतिक प्रचार से कहीं आगे है। यह लोकतंत्र के मूल तत्व और मतदान के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए एक दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है। जहाँ एक ओर भारत-नेतृत्व गठबंधन के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति ने ध्यान आकर्षित किया, वहीं लालू प्रसाद यादव ने वास्तव में पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। अपने विशिष्ट, करिश्माई अंदाज़ में सार्वजनिक मंच पर उनकी वापसी ने उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया और उनके पिछले प्रभावशाली भाषणों की यादें ताज़ा कर दीं।

लालू यादव (Lalu yadav) का भोजपुरी में चुनावी धमाका

लालू यादव के विशिष्ट भोजपुरी लहजे में दिए गए प्रभावशाली भाषण ने भाजपा की तीखी आलोचना की, जिसने जनता को प्रभावित किया और उनकी वाकपटुता का स्थायी प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने भोजपुरी लोकपंक्ति में कहा- लागल-लागल झुलनिया में धक्का, बलम कलकता चले।’ इस सशक्त आवाज़ के रूप में उनकी स्थिति को मज़बूत किया है, जो सार्वजनिक भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी को भी टक्कर देने में सक्षम हैं। सोशल मीडिया पर उनके पुराने भाषणों की वायरलिटी उनके स्थायी प्रभाव का प्रमाण है। आज की रैली भी कुछ अलग नहीं रही, जहाँ लालू यादव के तीखे भाषणों और प्रभावशाली घोषणाओं ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, और यथास्थिति को चुनौती देने के भारत-नेतृत्व गठबंधन के एकजुट संकल्प को रेखांकित किया।

इंडिया एलायंस की मतदाता अधिकार यात्रा सासाराम से शुरू

लोकतंत्र के ऐतिहासिक उद्गम स्थल के रूप में सासाराम का गहरा महत्व है। यह वह स्थान रहा है जहाँ अन्याय को चुनौती देने वाले आंदोलन शुरू हुए थे। यहाँ “मतदाता अधिकार यात्रा” की आधिकारिक शुरुआत ने उपस्थित जनसमूह में तुरंत ऊर्जा भर दी। इस यात्रा का मूल संदेश स्पष्ट है: संवैधानिक अधिकारों और मतदाता संरक्षण के लिए संघर्ष जारी है।

नेताओं का एक साथ आना

इस कार्यक्रम में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे और लालू प्रसाद यादव जैसे प्रमुख नेताओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। हज़ारों लोग एकत्रित हुए, जिन्होंने स्पष्ट ऊर्जा और मुखर समर्थन प्रदर्शित किया। उनकी एकजुट उपस्थिति इंडिया एलायंस के लिए एक मज़बूत मोर्चे का प्रतीक है। यह व्यापक राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक संयुक्त मोर्चे का संकेत देता है।

लालू का जोशीला और यादगार भाषण

लालू यादव के सार्वजनिक मंच पर आने का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा था। काफी समय तक अनुपस्थित रहने के बाद उन्होंने पूरे जोश के साथ अपना भाषण दिया। भोजपुरी शैली में रचे-बसे उनके भाषण ने भाजपा की तीखी आलोचना की। श्रोता उनके शब्दों और उनकी जानी-पहचानी प्रस्तुति से गहराई से जुड़ गए।

उनके इस भाषण ने उनके पहले के बेहद लोकप्रिय जनसभाओं की याद दिला दी। उन्होंने एक भोजपुरी गीत की पंक्तियाँ भी गाईं, जो हमेशा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता था। अपनी जड़ों की ओर इस वापसी ने सभी को उनके प्रभावशाली वक्तृत्व कौशल की याद दिला दी। उन्होंने मंच और भीड़ का ध्यान पूरी तरह से अपनी ओर खींच लिया।

लालू का प्रभावशाली संदेश: “चोर हटाओ, भाजपा भगाओ”

लालू ने भाजपा पर वोटों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने “चोर हटाओ, भाजपा भगाओ” के नारे के साथ भीड़ को एकजुट किया। इसका अर्थ है “चोरों को हटाओ, भाजपा को भगाओ।” उन्होंने जनता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के नेताओं से सीधे तौर पर एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने मौजूदा सरकार को “उखाड़ फेंकने” का आह्वान किया। उनके संदेश ने यात्रा के मुख्य उद्देश्य को और पुख्ता किया। यह लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के बारे में है।

राहुल गांधी के आरोप: चुनावी अनियमितताओं का पर्दाफाश

राहुल गांधी ने सीधे चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने देश में “अघोषित आपातकाल” की बात कही। उन्होंने दावा किया कि वोटों को दबाने के लिए जानबूझकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सबूत के तौर पर कर्नाटक चुनाव का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि वहाँ एक लाख से ज़्यादा वोटों में हेराफेरी की गई। कथित तौर पर इस हेराफेरी से भाजपा को सीटें जीतने में मदद मिली। उन्होंने इस जानकारी को सार्वजनिक रूप से साझा करने का भी ज़िक्र किया। फिर भी, उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उनसे हलफनामा माँगा। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा से ऐसी ही माँग क्यों नहीं की गई।

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