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LOVE VS HATE COMMUNITY!: एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कांवड़ियों पर फूल बरसाने पर कहाकि एक से नफरत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मजहब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट होता है और दूसरे के लिए बुलडोजर क्यों चलाया जाता है?
LOVE VS HATE COMMUNITY!: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कांवड़ियों पर फूल बरसाने को लेकर घोर आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अगर कांवड़ियों पर आप फूल बरसा रहे हैं तो कम से कम हमारे घरों को तो मत तोड़िए। दरअसल उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों पर फूल बरसाए जा रहे हैं। शासन-प्रशासन की ओर से जगह-जगह इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी पर एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि यह भेदभाव क्यों हो रहा है?
LOVE VS HATE COMMUNITY!: असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में कहा, ‘अगर कोई मुस्लिम कुछ मिनट के लिए ही खुली जगह पर नमाज पढ़ता है तो इससे तुरंत विवाद खड़ा हो जाता है। मुसलमानों को गोलियों, हिरासत, एनएसए, यूएपीए, लिंचिग और घरों पर बुलडोजर चलने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। ओवैसी ने इस दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला भी दिया है।
LOVE VS HATE COMMUNITY!: ओवैसी ने पूछा- एक से नफरत, दूसरे से मोहब्बत क्यों? ओवैसी ने इस मामले में आगे कहा है, ‘पुलिसकर्मियों को कांवड़ियों पर फूल बरसाते हुए और उनके पैरों पर लोशन लगाते हुए देखा जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों के जाने वाले रास्तों से लोहारों को हटा दिया, ताकि कांवड़िए नाराज ना हो जाएं।
यूपी सरकार ने भी कांवड़ यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी है। ओवैसी ने कहा है कि ये भेदभाव क्यों है? ये असमानता नहीं होनी चाहिए? एक से नफरत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मजहब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोजर क्यों?
LOVE VS HATE COMMUNITY!: बता दें कि अखिल भारतीय मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इससे पहले कहा था कि “अगर केंद्र सरकार दो बच्चों की नीति या नियम बनाती है तो वह ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करेंगे। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, ‘चीन ने गलती की थी, भारत को यह गलती नहीं करनी चाहिए। मैं दो बच्चों की नीति का समर्थन नहीं करूंगा, क्योंकि यह भारत के हित में नहीं है। मोदी सरकार पहले यह कह चुकी है कि दो बच्चों की नीति लाने की उसकी कोई योजना नहीं है। सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया था और उनके स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में भी यह कहा था”।