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MAHARASHTRA CRISIS: महाराष्ट्र संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
MAHARASHTRA CRISIS: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दाखिल 5 याचिकाओं पर सुनवाई कल तक के लिए टली
MAHARASHTRA CRISIS: महाराष्ट्र में 54 दिन से जारी सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दाखिल 5 याचिकाओं पर सुनवाई कल तक के लिए टल गई है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने सबसे पहले पूछा कि क्या सभी पक्षों ने मामले से जुड़े कानूनी सवालों का संकलन जमा करा दिया है। इस पर राज्यपाल के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता- मैं अभी जमा करवा रहा हूं।
MAHARASHTRA CRISIS: सुनवाई के दौरान सीजेआई ने शिंदे गुट के वकील से कहाकि हमने 10 दिन के लिए सुनवाई टाली थी। इस बीच आपने सरकार बना ली। स्पीकर बदल गए। अब आप कह रहे हैं, सारी बातें निरर्थक हैं। इस पर शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने कहाकि मैं ऐसा नहीं कह रहा कि इन बातों पर अब विचार ही नहीं होना चाहिए। इस सुनवाई के बाद जस्टिस एनवी रमना ने एकनाथ शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे से कहाकि आप अपने बिंदुओं को ठीक से ड्राफ्ट कर हमें सौंपिए। हम कल 10 से 15 मिनट विचार करेंगे।
MAHARASHTRA CRISIS: इससे पहले उद्धव कैंप के वकील कपिल सिब्बल ने कहा- अगर 2 तिहाई विधायक शिवसेना से अलग होना चाहते हैं, तो उन्हें किसी से विलय करना होगा या नई पार्टी बनानी होगी। वह नहीं कह सकते कि वह मूल पार्टी हैं। CJI ने पूछा कि मतलब आप कह रहे हैं कि उन्हें BJP में विलय करना चाहिए था या अलग पार्टी बनानी थी। सिब्बल बोले- कानूनन तो यही करना था। उद्धव गुट की ओर से सिब्बल और सिंघवी ने की जिरह की।
MAHARASHTRA CRISIS: सिब्बल बोले- जिस तरह से उन्होंने (शिंदे गुट) पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है। वे मूल पार्टी होने का दावा नहीं कर सकते। 10वीं अनुसूची इसकी अनुमति नहीं देती है। पार्टी सिर्फ विधायकों का समूह नहीं होती है। इन लोगों को पार्टी की बैठक में बुलाया गया। वह नहीं आए। डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिख दी। अपना व्हिप नियुक्त कर दिया। असल में उन्होंने पार्टी छोड़ी है। वह मूल पार्टी होने का दावा नहीं कर सकते। आज भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं।
उद्धव कैंप के दूसरे वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा इन लोगों को किसी पार्टी में विलय करना था। वह जानते हैं कि असली पार्टी नहीं हैं। लेकिन, चुनाव आयोग से मान्यता पाने की कोशिश कर रहे हैं। शिंदे गुट की ओर से हरीश साल्वे, कौल और महेश जेठमलानी ने पक्ष रखा।
MAHARASHTRA CRISIS: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। हलफनामे में कहा- महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार जहरीले पेड़ का फल है। इस जहरीले पेड़ के बीज बागी विधायकों ने बोए थे। शिंदे गुट के विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है।